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बालाघाट कलेक्टर डॉ.गिरिश मिश्रा के विरूद्ध आदिवासी समाज हुआ आक्रोशित

बालाघाट कलेक्टर डॉ.गिरिश मिश्रा के विरूद्ध आदिवासी समाज हुआ आक्रोशित 


आदिवासी शिक्षिका का जातिगत आधार पर अपमानित करने का है मामला 

आदिवासी समाज के खिलाफ जो प्रतिक्रिया आई है उससे भारत वर्ष के आदिवासी समाज का आत्मसम्मान स्वाभिमान अस्विता को पहुंची ठेस 

बालाघाट में आदिवासी समुदाय आगामी समय में सामुहिक रूप से कलेक्टर के खिलाफ खोलेगा मोर्चा 

बालाघाट। दैनिक गोंडवाना समय। 

26 अगस्त 2022 को डॉ. गिरीश मिश्रा कलेक्टर बालाघाट द्वारा प्रा.शाला मोहगांव एवं सीएम राईज स्कूल मलाजखंड के औचक निरीक्षण में जातिगत एवं भेदभावपूर्ण अनुशासनात्मक कार्यवाही करने तथा गोंड आदिवासी महिला शिक्षिका श्रीमति सोना धुर्वे को जानबूझकर घोर अपमानित करने का मामला अब आदिवासियों के आक्रोश रूप में बदलता जा रहा है,


इस मामले को लेकर पूरे बालाघाट जिले के आदिवासी समुदाय अब लामबंद हो चुके है और आने वाले समय में कलेक्टर बालाघाट के द्वारा किये गये आदिवासी शिक्षिका के अपमान को लेकर बालाघाट में आदिवासी समुदाय के द्वारा धरना प्रदर्शन सहित ज्ञापन सौंपे जाने की तैयारी की जा रही है। 

कलेक्टर ने आदिवासी शिक्षिका को अपमानित कर किया प्रताड़ित

हम आपको बता दे कि कलेक्टर बालाघाट डॉ गिरीश मिश्रा द्वारा अपमानित की जाने वाले शिक्षिका श्रीमति सोना धुर्वे पति स्व.कुवर सिंह धुर्वे जो कि शासकीय प्रा.शाला मोहगांव विकासखण्ड बिरसा तहसील बिरसा जिला बालाघाट में प्रधानपाठिका के पद पर पदस्थ है। जहां पर बालाघाट कलेक्टर द्वारा बीते 26 अगस्त 2022 को औचक निरीक्षण कर शिक्षिका श्रीमती सोना धुर्वे को अत्याधिक प्रताड़ित एवं अपमानित किया गया था।
        ज्ञातव्य है कि 26 अगस्त 2022 को बिना किसी सूचना के कलेक्टर द्वारा शा.प्रा.शाला मोहगांव का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उपस्थित बच्चों से 441%4 हल करने के लिये कहा गया जिसे स्कूल में अध्ययनरत बच्चे हल नहीं कर पाये तब वही भागफल का सवाल कलेक्टर द्वारा शिक्षिका को करने के लिये कहा गया।
            कलेक्टर के आकस्मिक आगमन के मनोवैज्ञानिक दबाव के चलते एवं घबराहट के परिणामस्वरूप शिक्षिका से हल करने में चूक हो गई, यह त्रुटी पहली बार हुई थी जो क्षमा योग्य थी एवं केवल मौखिक चेतावनी के लायक थी परंतु कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा द्वारा गोंड आदिवासी महिला शिक्षिका होने के कारण श्रीमति सोना धुर्वे को तत्काल प्रधान पाठिका के पद से हटाने एवं 1 वेतन वृद्धि रोकने का मौखिक निर्देश दिया गया।

आदिवासी कर्मचारी अधिकारी के साथ कलेक्टर का व्यवहार पूर्वाग्रह से घ्रणित है

इसके साथ ही सभी प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, फेशबुक तथा कलेक्टर द्वारा स्वयं के ट्यूटर हेंडल के माध्यम से इस औचक निरीक्षण की छोटी कार्यवाही को बडेÞ स्तर से हायलाईटिंग करते हुये छोटा कार्य को बड़ा दिखावा बताने के तर्ज पर विभागीय निरीक्षण की कार्यवाही करते हुये आदिवासी महिला शिक्षिका होने के कारण जांच कार्यवाही को दुर्भावनावश सार्वजनिक कराया गया है। इस आधार पर आदिवासी समुदाय के द्वारा आरोप लगाया गया है कि आदिवासी कर्मचारी अधिकारी के साथ कलेक्टर का व्यवहार पूर्वाग्रह से घ्रणित है।

शिक्षिका सोना धुर्वे एवं शिक्षिका दिनेश्वरी राहंगडाले के विरूद्ध अलग-अलग दण्ड अधिरोपित किया 

इसी प्रकार 26 अगस्त 2022 को ही बिना किसी सूचना के सीएम राईज स्कूल मलाजखंड में कलेक्टर द्वारा औचक निरीक्षण किया गया स्कूल में 6024%5 भागफल का सवाल शिक्षिका श्रीमती दिनेश्वरी राहंगडाले को दिया गया। उसके द्वारा भी आवेदिका की तरह भाग देने में चूक हो गई परंतु कलेक्टर द्वारा उन्हे मात्र कारण बताओ नोटिस जारी करने के मौखिक निर्देश दे दिये गये।
             इस प्रकार कलेक्टर द्वारा पक्षपातपूर्वक जानबूझकर जाति के आधार पर आवेदिका शिक्षिका सोना धुर्वे एवं शिक्षिका दिनेश्वरी राहंगडाले के विरूद्ध अलग-अलग दण्ड अधिरोपित करने हेतु अनुशासनात्मक कार्यवाही करने में भेदभाव और प्रताड़ित किया गया तथा मीडिया के द्वारा आदिवासी समाज के खिलाफ जो प्रतिक्रिया आई है उससे भारत वर्ष के आदिवासी समाज का आत्मसम्मान स्वाभिमान अस्विता को ठेस पहुंची है जो कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अपराध के श्रेणी में आता है।
            इस प्रकार बालाघाट कलेक्टर आदिवासी समाज के कर्मचारी अधिकारी एवं आम आदिवासियों के साथ अन्याय अत्याचार शोषण किया जा रहा है। इस संबंधा में आदिवासी समाज सहित शिक्षिका ने कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर जांच कार्यवाही कर आवेदिका शिक्षिका श्रीमति सोना धुर्वे एवं आदिवासी समाज को न्याय दिलाने की पुरजोर मांग करते हुये आगामी समय में आंदोलन की तैयारी शुरू कर दिया है। 

कलेक्टर की कार्यवाही जनजाति समुदाय से द्वेष पूर्ण या एक विचारधारा के तहत की गई है


इस संबंध में बालाघाट में सर्व आदिवासी समाज के द्वारा आगामी रणनीति तैयार करने को लेकर बैठक का आयोजन किया गया जिसमें आदिवासी समाजिक पदाधिकारियों व सदस्यों का कहना है कि कलेक्टर गिरीश मिश्रा जी के द्वारा जो कार्यवाही की गई है उसमें सबसे पहले दोनों टीचरों की एक ही गलती पर अलग अलग तरीके से पनिशमेंट क्यों दिया गया, यह कार्रवाई प्रश्नवाचक है ? इसके साथ ही केवल जनजाति समाज की महिला शिक्षक को कड़ा पनिशमेंट और साथ ही उसका वीडियो बनाकर ट्विटर हैंडल से लेकर तमाम सोशल मीडिया में वायरल किया गया।
                 इससे बालाघाट कलेक्टर की मानसिकता क्या है यह स्पष्ट दशार्ती है कि  एक जाति विशेष जो जनजाति समुदाय से है, उनके प्रति कलेक्टर की कार्यवाही जनजाति समुदाय से द्वेष पूर्ण या एक विचारधारा के तहत की गई है। इस प्रकार का वीडियो वायरल कर उस महिला शिक्षक को साथ ही उसके समाज को भी एक प्रकार से मानसिक प्रताड़ना देने वाला कृत्य है।
                    इसी गलती पर दूसरे जाति समुदाय की महिला शिक्षक हल्का पनिश्ड कर उनका वीडियो क्यों वायरल नहीं किया गया, यह समझने की जरूरत है। वहीं जब एक पत्रकार द्वारा जब इसी प्रकार बालाघाट कलेक्टर से ग्रामर की स्पेलिंग पूछी गई और उस स्पेलिंग में गलत स्पेलिंग बता कर गलती की गई तब इस गलती के लिए कलेक्टर के लिए क्या पनिशमेंट होगा और कौन देगा....? वहीं इस संबंध में जिला आदिवासी समाज की बैठक वीरांगना रानी दुर्गावती सामुदायिक भवन बालाघाट में संपन्न हुई। जिसमें सर्व आदिवासी समाज ने सर्व सम्मति से दिनांक 8 सितंबर 2022 को संपूर्ण जिले आदिवासी समाज समाज की उपस्थिति में आईजी बालाघाट को ज्ञापन सौंपा जाएगा और उक्त कार्रवाई के खिलाफ न्याय की गुहार लगाई जाएगी।

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