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स्थानीय ग्रामीणों को दरकिनार करते हुए शासन-प्रशासन जबरदस्ती करा रहा है, अदानी कंपनी के लिए जंगलों की कटाई

स्थानीय ग्रामीणों को दरकिनार करते हुए शासन-प्रशासन जबरदस्ती करा रहा है, अदानी कंपनी के लिए जंगलों की कटाई

छत्तीसगढ़ का हसदेव अरण्य क्षेत्र बना आंदोलन का रणभूमि

पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है छत्तीसगढ़ का हसदेव अरण्य क्षेत्र 

पुलिस फोर्स, सीआरपीएफ जवानों, वन विभाग के हजारों सिपाहियों की कड़ी निगरानी में हसदेव क्षेत्र की जंगलों का कटाई शासन-प्रशासन करा रहा है, क्यों ?

छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार एवं केंद्र की भाजपा सरकार अदानी कंपनी के सामने घुटना टेकते हुए प्रशासन को लगाकर करा रहा जंगलों की कटाई 


अजय सिंह पोर्ते, संवाददाता सरगुजा व बिलासपुर संभाग
उदयपुर/सरगुजा/छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय। 

छत्तीसगढ़ के सरगुजा एवं बिलासपुर संभाग के हसदेव क्षेत्र के घनघोर जंगलों की कटाई राज्य की कांग्रेस सरकार एवं केंद्र की भाजपा सरकार अदानी कंपनी के सामने घुटने टेकते हुए स्थानीय ग्रामीणों व हसदेव अरण्य क्षेत्र के नेतृत्व कतार्ओं को सुबह-भोर में गिरफ्तार करते हुए ही पेड़ों की कटाई चालू कर दिया है।
        


जिसे बचाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों सहित छत्तीसगढ़ के समस्त आदिवासी संगठनों/छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना सहित इत्यादि कई संगठनों के लोगों के पिछले 200 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल करते हुए बचाने का प्रयास कर रहे थे

किंतु अदानी कंपनी के सामने घुटने टेकते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार एवं केंद्र की भाजपा सरकार, भूमिस्वामी किसानों, ग्रामीणों एवं आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोगों के ऊपर फर्जी एफ. आई. आर. दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार करते हुए मंगलवार को लगभग एक हजार से ज्यादा पुलिस फोर्स, सीआरपीएफ जवानों एवं वन विभाग के सिपाहियों  की कड़ी सुरक्षा में अदानी कंपनी के लिए जंगलों की कटाई कराया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मंत्री टी एस सिंह के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त 


जिसमें स्थानीय लोगों के अनुसार लगभग एक सौ पचास मशीनों के माध्यम से एक हजार से ज्यादा पेड़ों की कटाई कर चुके हैं। जिसमें स्थानीय ग्रामीणों सहित सरगुजा एवं बिलासपुर संभाग के लोगों में भारी आक्रोश है। वहीं कांग्रेसी एवं भाजपा के नेताओं के वादा खिलाफी के विरोध में स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है।
        

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं स्थानीय क्षेत्रीय विधायक एवं छत्तीसगढ़ के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव के खिलाफ भी भारी आक्रोश है। सरगुजा एवं बिलासपुर संभाग के स्थानीय लोग जो यहां के सत्ता में बैठे हैं, लोग किस तरह स्थानीय भूमिस्वामी किसानों, ग्रामीण लोगों और हसदेव आंदोलन से जुड़े लोगों को धोखा देते हुए, स्थानीय मीडिया में झूठ  बोलते हुए, भ्रम फैलाते हुए शासन-प्रशासन हसदेव अरण्य क्षेत्र के जंगलों का कटाई शुरू करवा दिया है ।

राजस्व एवं पुलिस प्रशासन के लोग मिलकर के आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रहे हैं


वहीं शासन-प्रशासन के इस कार्यवाही को देखते हुए सम्पूर्ण जिलों के हसदेव बचाओ आंदोलन के समर्थक एवं पर्यावरण के समर्थक हसदेव अरण्य क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की इस कार्यवाही से अदानी कंपनी प्रभावित क्षेत्र-घाट बर्रा, हरिहरपुर, साल्ही, फतेहपुर, दौलतपुर, तारा गांवों में दहशत का माहौल है। हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाए रखने के लिए आंदोलन कर रहे हैं लोगों का कहना है कि हम अपनी जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए जी-जान लगा देंगे।
        

इस आंदोलन में भारी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ महिलाओं एवं बच्चों का भी जनसंख्या  देखने को मिल रहा है। आंदोलनरत लोगों को पुलिस फोर्स, वन विभाग के कर्मचारी/सिपाही एवं सीआरपीएफ के जवानों द्वारा वन कटाई क्षेत्रों में रोकने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं छत्तीसगढ़ का पूरा प्रशासनिक अमला सहित कमिश्नर, कलेक्टर, एसडीएम तहसीलदार सहित पूरा राजस्व एवं पुलिस प्रशासन के लोग मिलकर के आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। 

शासन सत्ता में बैठे पक्ष और विपक्ष की सांठगांठ चिंता का विषय 


छत्तीसगढ़ के धरती में यह पहला मामला है जिसमें शासन सत्ता में बैठे पक्ष और विपक्ष के लोग मिलकर एक साथ अदानी कंपनी के कोयला खदान को चालू करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों एवं  हसदेव आंदोलन क्षेत्र से जुड़े लोगों को गिरफ्तार करवाते हुए जंगलों की कटाई करवा रहे हैं, जो बहुत ही चिंता का विषय है? मंगलवार को सुबह ही हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह आर्मो (सरपंच ग्राम पतुरियाडाँड़) एवं ग्राम पुटा से जगरनाथ  सिंह को मोरगा पुलिस, जिला-कोरबा ने गिरफ्तार कर लिया है।
        वहीं सरगुजा जिले के उदयपुर पुलिस ने भी 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें ग्राम घाटबर्रा के सरपंच जयनन्दन सिंह पोर्ते, सामाजिक कार्यकर्ता राम सिंह मरकाम एवं एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है तथा अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करने की संभावना जताई जा रही है।
        हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में पुलिस बल तैनात करना पांचवीं अनुसूची/पेसा कानून का खुला उल्लंघन है एवं पांचवीं अनुसूची  क्षेत्र में पेड़ों की कटाई बगैर ग्राम सभा के सहमति करना भी के विधि विरूद्ध है। इस हसदेव अरण्य क्षेत्र के जंगलों को बचाने के लिए  पूरे छत्तीसगढ़ में यह आंदोलन और तेज होने की संभावना है।

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