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छत्तीसगढ़ की संस्कृति, यहां के उन्मुक्त जीवन और ऐतिहासिक महत्व को दुनिया को बताने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ की संस्कृति, यहां के उन्मुक्त जीवन और ऐतिहासिक महत्व को दुनिया को बताने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के पर्यटन को विश्व मानचित्र पर लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार कर रही है प्रयास 

विश्व पर्यटन दिवस पर टूरिज्म कान्क्लेव 2022 में शामिल हुए मुख्यमंत्री


दुर्गाप्रसाद ठाकुर/ राज्य ब्यूरो प्रमुख
रायपुर/छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।

विश्व पर्यटन दिवस पर टूरिज्म कान्क्लेव 2022 में शामिल हुए मुख्यमंत्री एक समय था जब छत्तीसगढ़ का नाम लेते हुए लोगों के जेहन में सिर्फ खनिज संसाधन और नक्सलियों का ख्याल आता था, लंबे समय तक छत्तीसगढ़ का पर्यटन उपेक्षित रहा और नया राज्य बनने के बाद भी पूरा ध्यान सिर्फ नक्सल समस्या पर ही था।
        


जबकि छत्तीसगढ़ में इतना सब कुछ है कि सिर्फ प्रकृति से मिले उपहारों को ही हम व्यवस्थित कर लें तो यह स्थान पर्यटकों की पहली पसंद बन जाएगा और हमारी सरकार इसी बात पर निरंतर काम कर रही है। यह उद्बोधन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित टूरिज्म कान्क्लेव 2022 के  आयोजन के दौरान कही।

छत्तीसगढ़ के युवा जब पर्यटन के प्रति जागरूक होंगे तो प्रदेश के पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा


विश्व पर्यटन दिवस पर टूरिज्म कान्क्लेव 2022 में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक बड़ी घोषणा करते हुए राजीव गांधी मितान क्लब के सदस्यों को पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण दिलाने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के युवा जब पर्यटन के प्रति जागरूक होंगे तो प्रदेश के पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।
            मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा है कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है जिसकी गैर मौजूदगी में रामायण जैसी पौराणिक कथा भी अधूरी रह जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास का अधिकतर समय छत्तीसगढ़ में ही गुजारा और यहीं पर उनकी मां कौशल्या निवास करती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहां देवताओं को भी सजा देने का प्रावधान है, लिहाजा छत्तीसगढ़ के बारे में पूरी दुनिया को बताने की जरूरत है ताकि लोग यहां की सभ्यता और संस्कृति को जानें।

छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। कोरोना काल होने के बाद भी उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों तक पहुंचने और वहां ठहरने के इंतजाम में बढ़ोत्तरी की है ताकि पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के समृद्ध परंपरा को दुनिया के मानचित्र में लाने की जरूरत है और इसके लिए छत्तीसगढ़ के पास सब कुछ है जिसे अपनाते हुए पर्यटन को बढावा देने के लिए वर्तमान सरकार निरंतर काम कर रही है।

प्रत्येक व्यक्ति प्रकृति से जुड़कर रहना चाहता है छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग इसी दिशा में काम कर रहा है


इस मौके पर राज्य के पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति प्रकृति से जुड़कर रहना चाहता है और छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग इसी दिशा में काम कर रहा है।  श्री साहू ने कहा कि कोरोना संकट होने के बाद भी छत्तीसगढ़ में ट्राइबल टूरिज्म सर्किट तैयार किया गया और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राम वन गमन परिपथ पर भी काम शुरू किया गया।
        संसदीय सचिव श्री चिंतामणि सिंह से मिले सुझाव को स्वीकार करते हुए पर्यटन मंत्री श्री साहू ने प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा को भी पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए ध्यान देने की बात कही है। पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव ने टूरिज्म कान्क्लेव में अपनी बात रखते हुए कहा कि आज युवा वर्ग की मांग को ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर युवा पर्यटन को पसंद करने लगे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा है कि पर्यटन मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ में एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि लोग गांव और किसानों से भी जुड़ सकें।

ये रहे उपस्थित

इस मौके पर संसदीय सचिव श्री चिंतामणि सिंह, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, खनिज न्यास बोर्ड के अध्यक्ष श्री गिरिश देवांगन, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की उपाध्यक्ष श्रीमती चित्रलेखा साहू, पर्यटन विभाग के सचिव श्री अनबलगन पी, पर्यटन विभाग के एमडी श्री अनिल साहू भी उपस्थित थे।

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