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सिवनी अस्पताल में 2000 गर्भवती महिलाओं के उपचार की जिम्मेदारी मात्र 1 महिला चिकित्सक पर निर्भर

सिवनी अस्पताल में 2000 गर्भवती महिलाओं के उपचार की जिम्मेदारी मात्र 1 महिला चिकित्सक पर निर्भर 

इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी में मात्र 6 महिला चिकित्सकों पर है उपचार की जवाबदारी 

जिला चिकित्सालय सिवनी में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने जनप्रतिनिधि के साथ शासन की है महत्वपूर्ण जिम्मेदारी 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

बढ़ती जनसंख्या और आबादीयुक्त बढ़ते क्षेत्रफल के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित सिवनी जिला मुख्यालय में स्थित इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय प्रांगण क्षेत्रफल की दृष्टि से पड़ौसी जिलों जिसमें छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बालाघाट, मण्डला से बेहतर स्थिति में है अर्थात पर्याप्त जगह है। स्वास्थ्य सुविधाओं में निरंतर इजाफा हो रहा है।
        


वहीं इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी में जनसंख्या घनत्व और आबादी के आधार पर स्वास्थ्य सेवा के लिये कार्यरत चिकित्सकों सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के बावजूद भी स्वास्थ्य की सुविधा आम नागरिकों को उपलब्ध करवाई जा रही है। जनसंख्या के मुताबिक चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के साथ इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी में स्वास्थ्य सेवाएं संचालित है।
        कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सक सहित स्वास्थ्य अमला भी प्रभावित हुआ लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध व्यवस्थाओं के आधार पर निरंतर जारी रही। कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों को कोरोना यौद्धा की संज्ञा दी गई और उन्होंने चिकित्सा अमला ने अपनी जान को जोखिम में डालकर मानव जीवन को बचाने में महतवपूर्ण भूमिका निभाया है। सिवनी जिला मुख्यालय में स्थित इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में जनसंख्या घनत्व के आधार पर चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिये सरकार, शासन प्रशासन को संवेनदनशीलता के साथ संज्ञान लेकर स्वीकृत पदों के आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति करना चाहिये साथ में नये चिकित्सकों व विशेषज्ञों की नियुक्ति भी किया जाना चाहिये।
      हालांकि सिवनी जिला मुख्यालय में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद संभावना है कि जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आयेगी लेकिन तब तक इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में पर्याप्त चिकित्सकों की पूर्ति करना भी आवश्यक है साथ में चिकित्सकों व विशेषज्ञों की कमी के बाद वर्तमान की स्थिति में पदस्थ स्वास्थ्य अमला के द्वारा अपने कर्तव्य को निभाया जाकर स्वास्थ्य सुविधाएं आम नागरिकों को उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है इस पर भी तुलनात्मक अध्ययन की आवश्यकता सिवनी जिले के बुद्धिजीवियों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों व जनता को भी करना आवश्यक है। 

लगभग 75 से 80 प्रतिशत संख्या में मरीज सिर्फ मेटरनिटी वार्ड में गर्भवती महिलाएं भर्ती होती है

प्राप्त जानकारी के अनुसार हम आपको बता दे कि इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी के वर्ष 2020-2021, वर्ष 2021-2022 लगभग 2 वर्ष के वर्तमान माह तक अनुमानित आंकड़ों पर गौर करें तो इंदिरा गांधी जिला अस्पताल के समस्त वार्ड यानि कि मेल मेडिकल, आईसीयू, मेल सर्जीकल, फीमेल सर्जीकल, फीमेल मेडिकल, आईसोलेशन वार्ड में जितने मरीज उपचार कराने के लिये भर्ती होते है इन सब को मिलाकर आने वाली अनुमानित संख्या से लगभग 75 से 80 प्रतिशत संख्या में मरीज सिर्फ मेटरनिटी वार्ड में गर्भवती महिलाएं भर्ती होती है।                     सबसे अहम बात यह है कि मेटरनिटी वार्ड में सबसे ज्यादा संख्या में गर्भवती महिलाएं भर्ती होती है और इनका उपचार करने के लिये इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में लगभग 6 महिला चिकित्सक ही पदस्थ है। गर्भवती महिलाओं की बढ़ती संख्या और कम संख्या में महिला चिकित्सकों के सहारे इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं का उपचार जारी है। 

सिर्फ मेटरनिटि वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या लगभग 12000 हजार से अधिक है

ऐसी स्थिति में हम यदि जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक के अनुमानित आंकड़े जिसमें इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय के आईसीयू वार्ड में लगभग 500, मेल सर्जीकल वार्ड में लगभग 3800, फीमेल सर्जीकल वार्ड में 1600, मेल मेडिकल वार्ड लगभग 3800, महिला मेडिकल में लगभग 3300, आईसोलेशन वार्ड में लगभग 2500 की संख्या में मरीज उपचार हेतु भर्ती हुये सभी को अनुमानित संख्या लगभग 15000 के आसपास होगी। वहीं दूसरी ओर हम सिर्फ मेटरनिटि वार्ड की भर्ती संख्या की बात करें तो जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक लगभग 12000 से अधिक गर्भवती महिलाएं उपचार हेतु भर्ती हुई।
         इस आधार पर हम देखें तो सभी वार्ड की संख्या को मिलाने के बाद लगभग 15000 से अधिक है और सिर्फ मेटरनिटि वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या लगभग 12000 हजार से अधिक है। यदि हम वर्ष में 365 दिन बिना अवकाश के भी निकाले तो लगभग प्रतिदिन 32 से अधिक गर्भवती महिलाओं का उपचार मेटरनिटि वार्ड में वर्ष 2020-2021 में किया गया है।
            वहीं प्रतिमाह के आधार पर हम अनुमानित संख्या निकाले तो 2000 गर्भवती महिलाओं का प्रतिमाह उपचार हुआ है। मेटरनिटी वार्ड में महिला चिकित्सकों की संख्या लगभग 6 ही है। इस आधार पर हम कह सकते है कि 2000 गर्भवती महिलाओं के उपचार की जिम्मेदारी 6 महिला चिकित्सकों पर निर्भर है। 

सभी वार्डों के मरीजों से अधिक संख्या में मेटरनिटी वार्ड में होता है गर्भवती महिलाओं का उपचार 

वहीं यदि हम इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी की वर्ष 2021-2022 के आंकड़ों की बात करें जनवरी माह से सितंबर माह 2022 तक की तो हम आपको बता दे कि प्राईवेट वार्ड में लगभग 650, मेल मेडिकल वार्ड में लगभग 3400, आईसीयू में लगभग 497, मेल सर्जीकल वार्ड में लगभग 3400, फीमेल सर्जीकल वार्ड में लगभग 1400, महिला मेडिकल वार्ड में लगभग 3200, आईसोलेशन वार्ड में लगभग 2800 मरीज उपचार हेतु भर्ती हुये, जिनका उपचार किया गया।
            वहीं यदि हम दूसरी ओर मेटरनिटी वार्ड की बात करें तो इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में जनवरी से सितंबर 2022 तक लगभग 9500 से अधिक गर्भवती महिलाओं का उपचार किया गया है। जनवरी 2022 से सितंबर माह के आखिर तक मेटरनिटी वार्ड को छोड़कर लगभग सभी वार्ड में 15 हजार से अधिक की संख्या हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर मेटरनिटी वार्ड में सिंतबर माह के आखिर तक लगभग 9500 से अधिक गर्भवती महिलाओं का उपचार किया गया है। वर्ष 2022 में भी औसतन 2000 गर्भवती महिलाओं का उपचार इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय पदस्थ 6 महिला चिकित्सकों के द्वारा किया गया है। 

ओपीडी में प्रतिमाह 500 से अधिक गर्भवती महिलाओं का किया जाता है उपचार 

इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में मेटरनिटी वार्ड में भर्ती गर्भवती महिलाओं का उपचार तो किया ही जाता है, इसके साथ में जिला चिकित्सालय में ओपीडी के समय में भी गर्भवती महिलाओं की जांच व उपचार की जाती है। जनवरी 2021 से दिसबंर 2021 तक लगभग 4900 से अधिक गर्भवती महिलाओं का उपचार किया गया है। वहीं वर्ष 2022 में जनवरी माह से सितंबर 2022 तक लगभग 4300 से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच ओपीडी में की गई है।
            इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में जो महिला चिकित्सक पदस्थ है वे मेटरनिटी वार्ड में भी गर्भवती महिलाओं का उपचार करती है एवं वहीं महिला चिकित्सक ओपीडी में भी गर्भवती महिला चिकित्सकों की जांच व उपचार करती है। अनुमानित रूप में औसतन यह कह सकते है कि गर्भवती महिलाओं की प्रतिमाह जांच व उपचार ओपीडी में लगभग 400 से अधिक महिला चिकित्सकों के द्वारा किया जाता है। 

गर्भवती महिलाओं की नार्मल डिलेवरी व सीजर भी महिला चिकित्सकों की जवाबदारी 

इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में 1 जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक गर्भवती महिलाओं की नार्मल डिलेवरी लगभग 3700 से अधिक हुई तो वहीं सीजर जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक लगभग 2300 के आसपास किये गये है। इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में पदस्थ महिला चिकित्सकों के द्वारा ओपीडी में जांच, मेटरनिटी वार्ड में उपचार के साथ साथ नार्मल डिलेवरी व सीजर किया गया है। यानि वर्ष 2021 में लगभग 6000 हजार से अधिक गर्भवती महिलाआें की डिलेवरी हुई है।
        जिसे हम प्रतिमाह औसतन में निकाले तो अनुमानित रूप में हम कह सकते है कि 500 से अधिक गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में महिला चिकित्सकों के द्वारा कराई गई है। वहीं 1 जनवरी 2022 से सितंबर 2022 के आखिर तक की बात करें तो इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में लगभग 2550 नार्मल डिलेवरी कराई गई है वहीं सीजर लगभग 2000 किया गया है।
        इस आधार पर वर्ष 2022 में भी सितंबर माह तक के अनुमानित आंकड़ों पर गौर करें तो हम यह कह सकते है प्रतिमाह 500 से अधिक महिलाओं की डिलेवरी से संबंधित उपचार गर्भवती महिलाओं का किया गया है। इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में जिस आधार पर गर्भवती महिलाओं के उपचार की संख्या बढ़ रही है उस आधार पर महिला चिकित्सकों की पदस्थापना नहीं हो पा रही है, कम महिला चिकित्सकों के द्वारा ही ओपीडी, मेटरनिटी वार्ड की जिम्मेदारी के साथ साथ नार्मल डिलेवरी व सीजर की जवाबदारी भी निभा रही है। 

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