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हत्याकांड का खुलासा के बाद लखनादौन पुलिस पर जनता और आदिवासी समुदाय उठा रहे सवाल

 हत्याकांड का खुलासा के बाद लखनादौन पुलिस पर जनता और आदिवासी समुदाय उठा रहे सवाल 

जनता को हजम नहींं हो रहा लखनादौन विक्की कहार के हत्यारें का खुलासा

संतोष धुर्वे को आरोपी बनाने के बाद आदिवासी समुदाय में आक्रोश, 

घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिये आगामी समय में आदिवासी समुदाय कर सकता है आंदोलन  


सिवनी/लखनादौन। गोंडवाना समय। 

सिविल अस्पताल लखनादौन में पदस्थ इलेक्ट्रिशियन विक्की कहार के हत्या के मामले में पुलिस जहां इतने दिनों बाद हत्याकांड का खुलासा करने में सफल हुई है लेकिन खुलासा के बाद लखनादौन पुलिस जनता के साथ साथ आदिवासियों के सवालों में घिरती नजर आ रही है।
                 


हत्याकांड के बाद से ही विक्की कहार के परिजन, सामाजिक व जनमानस के द्वारा लखनादौन पुलिस पर कार्यवाही नहीं कर पाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही थी यहां तक क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों को जनता के साथ सड़क पर उतरना पड़ा था।
                

इसके बाद लखनादौन पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा तो कर दिया है लेकिन जिसको लखनादौन पुलिस ने आरोपी बनाया है उसकी जानकारी जिसको भी मिल रही है षडयंत्रकारियों को छोड़कर सभी शिवराज सरकार की पुलिस पर सवालोें पर सवाल उठा रहे है। बहरहाल संविधान के हिसाब से चलने वाले देश में पुलिस और वर्दी का रूतबा तो अलग ही होता है कानूनी धाराओं पर उनका एकाधिकार होता है।
            हालांकि हमेशा ऐसा नहीं होता है परंतु कुछेक मामलों में जरूर जनता के द्वारा या पीड़ित पक्ष के द्वारा आरोप लगाया जाता है कि पुलिस के द्वारा हमारे साथ अन्याय किया गया है। ऐसा ही कुछ विक्की कहार हत्याकांड के मामले में लखनादौन पुलिस पर आदिवासी समुदाय के द्वारा लगाया जा रहा है कि बेगुनाह को लखनादौन पुलिस ने बना दिया अपराधी, अब ये कहां तक तक सही है, मामले की सत्यता क्या है इसकी उच्च स्तरीय जांच होती है तो शायद खुलासा हो सकता है।  

दुबले पतले आदमी ने हट्टा-कट्टा पहलवान को मानों कर दिया चित

हम आपको बता दे कि लखनादौन सिविल अस्पताल में सुरक्षा गार्ड के पद कार्य कर रहा आदिवासी युवक संतोष धुर्वे अब हत्यारा बन गया है। इस मामले में एक ही मोहल्ले में रहने वाले और एक स्थान पर कार्य करने वाले विक्की कहार व संतोष धुर्वे के बीच क्या क्या हुआ था इसका खुलासा लखनादौन पुलिस ने बार-बार हो रहे आंदोलन व चेतावनी के बाद कर दिया है।
        पुलिस ने इस मामले में यह खुलासा किया है कि विक्की कहार की हत्या आपसी वाद-विवाद के बाद घटना स्थल सिविल अस्पताल लखनादौन में छत पर कर दिया था। लखनादौन पुलिस ने कारण बताया विक्की कहार ने संतोष धुर्वे को नौकरी से निकलवाने की धमकी दिया था इसलिये शारीरिक रूप से दुबले पतले व्यक्ति संतोष धुर्वे ने हट्टा कट्टा और शारीरिक रूप से पहलवान की भांति दिखने वाले विक्की कहार की हत्या कर दिया। इससे ऐसा लगता है कि दंगल कुश्ती के समय में 1 दुबले पतले आदमी ने हट्टा-कट्टा पहलवान को मानों चित कर दिया है। 

आदिवासी समुदाय आगामी समय में कर सकता है विरोध प्रदर्शन 

विक्की कहार के हत्याकांड के बाद से ही जनता के बढ़ रहे दबाव के बाद से लखनादौन पुलिस ने संतोष धुर्वे को लगभग दो से तीन बार थाने ले जाकर पूछताछ की थी। इसके बाद उसके साथ कैसे पूछताछ की गई है यह, संतोष धुर्वे के शरीर में आये निशान ही बताते है।
            हत्याकांड के खुलासे के बाद आदिवासी युवक संतोष धुर्वे को हत्या करने के जुर्म में पकड़ने की जानकारी मिलते ही लखनादौन क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के लोगों में सोशल मीडिया में चर्चाएं चल रही है और वे पुलिसिया कार्यवाही को लेकर सवाल खड़े कर रहे है। यहां तक कि आदिवासी सामाजिक संगठनों ने यह फैसला कर लिया है कि आगामी समय में वह सामुहिक रूप से इस मामले में विरोध प्रदर्शन करेंगे। 

एंबूलेंस के चालक, रंगरलिया, रूसूखदारों का षडयंत्र पर उठ रहे अनेकों सवाल

विक्की कहार हत्याकांड के बाद से ही अनेकों तरह की चर्चाएं लखनादौन मुख्यालय सहित क्षेत्र में चल रही है। जहां मरीजों का इलाज होता है उसी कैम्पस में और अनेक खेल भी होते है यह सब खुलासा सिर्फ चर्चा में हो रहा है। विक्की कहार हत्याकांड के दौरान सच उगलने वाला लखनादौन अस्पताल में लगे तीसरा नेत्र या खुफिया कैमरा भी बहानावाजी करके आंखमिचोली कर रहे है यानि अपने आप को बीमार बता रहे है और खुफिया कैमरों को भी हत्याकांड के दिन ही बीमार होना था मतलब वे खुफिया कैमरा भी हत्याकांड होने की रास्ता देख रहे थे कि उसी समय हम बीमार होंगे।
            हालांकि जब भी ऐसी घटनाओं में रसूखदार, धन्नासेठ का जुड़ाव होता है तो अक्सर खुफिया कैमरें व अन्य सबूत अपने आप झूठ बोलने लगते है। इतना ही नहीं अस्पताल में इलाज के अलावा रंगरलिया का खेला भी होता है यह अब चर्चा में जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। खैर धन्नासेठों के यहां घर के बर्तन भी आपस में टकराते है बाहर तक आवाज नहीं आती है तो फिर इतनी बड़े अस्पताल के भवन से और वो भी छत से आवाज आना तो मुश्किल ही है। वहीं अस्पताल का एक एंबूलेंस चालक भी इस घटना के मामले में गुमनाम है लेकिन चर्चा में जरूर है। 

जनता व आदिवासियों के वे सवाल जो पुलिस की कार्यवाही पर खड़े कर रहे प्रश्न

घटना के बाद जब जांच के लिये डॉग को बुलाया गया था उस समय संतोष धुर्वे कुत्ते के आसपास ही था फिर कुत्ते ने उसे क्यों नही पहचाना ? चार इंच का गहरा घाव अचानक ऐसे ही कोई चीज उठाकर मारने से नहीं होता और एक ही वार में कोई मर जाये। वहीं विक्की कहार के कपड़े अकेले संतोष धुर्वे कैसे उतार सकता था क्योंकि वह बहुत हट्टा कट्टा था फिर घायल भी था। हत्या के दौरान कोई आवाज या कहा सुनी तक नहीं ऐसे अनेकों प्रश्न है जो हत्या को लेकर उठ रहे है। 

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