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सट्टाकिंग आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में बण्डोल व छपारा थाना क्षेत्र में फैला रहा सट्टा का काराबोर

सट्टाकिंग आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में बण्डोल व छपारा थाना क्षेत्र में फैला रहा सट्टा का काराबोर 

सट्टाकिंग का ही निजी वाहन पंजीकृत को ही आखिर 100 डायल के रूप में क्यों लगाया गया ?


सिवनी। गोंडवाना समय।
 

अक्सर मीडिया में समाचारों में पत्रों में वाहवाही लूटने के लिये जिस बण्डोल पुलिस थाना में रहकर पुलिस थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर जुआं-सट्टा नहीं खेलने की शपथ दिलाते रहे है, उसी बण्डोल पुलिस थाना में सट्टाकिंग का वाहन 100 डायल के रूप में संचालित हो रहा है आखिर पुलिस प्रशासन और संबंधित कपंनी की कौन सी मजबूरी थी कि सट्टाकिंग का ही वाहन को 100 डायल के रूप में लगाया जाकर संचालित किया जा रहा है।
            


बण्डोल पुलिस थाना क्षेत्र में जब से सट्टाकिंग का वाहन 100 डायल के रूप में संचालित हो रहा है, उसके बाद से बण्डोल पुलिस थाना क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अंचलों में एवं छपारा पुलिस थाना क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अंचलों में सट्टा का कारोबार सुरक्षित व संरक्षित रूप से फलफूल रहा है। 

बण्डोल पुलिस थाना का बखारी एरिया बना सेंटर पार्इंट, छपारा, अमरवाड़ा के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों तक फैला है कारोबार 


बण्डोल पुलिस थाना क्षेत्र व छपारा पुलिस थाना क्षेत्र की सीमा से लगे हुये आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में सट्टा का खेल नहीं बड़ा कारोबार चल रहा है। जहां जुआं सट्टा खेलने वाले दानादान हो रहे है और िखलाने वाले मालामाल हो रहे है। सट्टाकिंग के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले बंडोल पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बखारी से लगे हुये अधिकांश आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अंचलों में एवं उसी से लगे हुये छपारा पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाले आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में सट्टा का कारोबार बड़ी तेजी से चल रहा है। सट्टा का खेल बण्डोल पुलिस थाना क्षेत्र और छपारा पुलिस थाना क्षेत्र की सीमा को लांघकर अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी अपना कारोबार फलफूल रहा है। 

भाजपा संगठन के पदाधिकारी हो या विपक्ष में कांग्रेस ने भी साधा मौन, गोंगपा जल्द खोलेगी मोर्चा

बण्डोल पुलिस थाना क्षेत्र में संचालित हो रहा 100 डायल वाहन सट्टाकिंग का है। उक्त वाहन को पुलिस विभाग में लगाने के पीछे मुख्य कारण सूत्र यही बताते है कि बण्डोल, छपारा सहित अमरवाड़ा क्षेत्र के लगे हुये आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अंचलों में सट्टा का कारोबार सुरक्षित व संरक्षित रूप से चलाया जा रहा है। वहीं इस ऐसे मामले में सत्ताधारी दल भाजपा के संगठन के नेता व जनप्रतिनिधि भी मौन साधे हुये सरकार कह रही है प्रदेश को अपराधमुक्त बनाना है और बण्डोल पुलिस थाना में वाहन ही ऐसे अवैधानिक कारोबार को चलाने के मामले में स्वयं और परिवार के अन्य सदस्य भी नामीगिरानी रूप से प्रसिद्ध है।
             इसके बाद भी सट्टाकिंग का वाहन बण्डोल पुलिस थाना में 100 डायल के रूप में लगाये जाने को लेकर मौन समर्थन भाजपा मण्डल के पदाधिकारी कर रहे है। इसके साथ ही विपक्ष के रूप में कांग्रेस का एक ही काम है सरकार का विरोध करना लेकिन ऐसी गतिविधियों का खुलकर विरोध न करते हुये मौन रहकर समर्थन करना ही उचित समझ रहे है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कुछ पदाधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा यह गंभीर विषय है। बण्डोल, छपारा व अमरवाड़ा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है यहां पर यदि इस तरह का कारोबार को संरक्षण देने का कार्य बण्डोल पुलिस थाना और 100 डायल के रूप में वाहन को लगाकर किया जा रहा है तो इसके लिये गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा जल्द ही मोर्चा खोला जावेगा। 

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