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आदिवासी पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखाने के साथ संस्कृति को बचाने आदिवासी महिलाएं निभा रही मुख्य भूमिका

आदिवासी पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखाने के साथ संस्कृति को बचाने आदिवासी महिलाएं निभा रही मुख्य भूमिका 

भगवान बिरसा मुंडा जी जयंती के अवसर पर पारंपरिक व्यंजनों के साथ कार्यक्रम में लिया भाग 


मंडला। गोंडवाना समय। 

आदिवासी पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पारिवारिक आयोजनों में आदिवासी समुदाय के साथ साथ गैर आदिवासियों को भी चखाने में अपनी भूमिका निभाकर प्रकृति प्रेम का संदेश देते हुये संस्कृति को बचाने में भी मुख्य भूमिका निभाकर मंडला जिले की आदिवासी सेवा मंडल की ब्लॉक अध्यक्ष वंदना मरावी सहित उनकी सहयोगी महिलाएं अपनी जिम्मेदारी जवाबदारी के साथ निभा रही है।
            


इनके द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों को मण्डला जिला की कलेक्टर श्रीमती हर्षिता सिंह ने सम्मानित किया है। 

कलेक्टर ने प्रमाण पत्र प्रदान कर किया सम्मानित

हम आपको बता दे कि जिला मुख्यालय में महामानव क्रांति सूर्य शहीद बिरसा मुंडा जी जयंती के अवसर पर आदिवासी सेवा मंडल की ब्लाक अध्यक्ष वंदना मरावी व उनकी सहयोगी टीम के द्वारा कार्यक्रम के दौरान आदिवासी पारंपरिक व्यंजन कलेवा परोसा गया।
            


जिसमें महुए के लडढू, गुलगला, कुटकी की खीर, मक्के की रोटी, चेंच भाजी, डुबरी, कोदई का भात, चने की भाजी, राई की भाजी, मक्के का पेज, जैसे बिलुप्त होते जा रहे व्यंजन सम्मिलित थे।

जो कि मानव के लिये स्वास्थ्यवर्धक एवं आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में विशेष रूप से उपयोग होते रहे हैं।
             

आदिवासी सेवा मंडल की ब्लॉक अध्यक्ष वंदना मरावी व उनकी सहयोगी महिलाओं के द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्य के लिये मण्डला जिले की कलेक्टर द्वारा उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया जाकर उनका हौंसला बढ़ाया। 

जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश तेकाम ने भी बढ़ाया हौंसला 


कार्यक्रम के दौरान आदिवासी सेवा मंडल के ब्लाक अध्यक्ष वंदना मरावी सहित उनकी सहयोगी कार्यक र्ता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश तेकाम, अन्य विभागीय अधिकारीगण, जनप्रतिनिधिगण एवं सभी क्षेत्रीय आमजनों के मौजूदगी में कार्यक्रम सम्पन्न किया गया जहां पर पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखाया गया है।                     

इसके साथ ही सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि आदिवासी पारंपरिक व्यंजन का स्टाल इनके द्वारा लगाया गया था उस दौरान इन्होंने आदिवासी परिधान वेशभूषा में नजर आई इस तरह वे आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने में अपनी भूमिका निभा रही है।
            कार्यक्रम में महिलाओं के प्रयास पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश तेकाम के द्वारा आदिवासी पारंपरिक व्यंजन भोजन को बनाकर एवं अन्य प्रकार से कार्य करते हुये आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने के लिये किये जा रहे कार्यों पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश तेकाम द्वारा वंदना मरावी सहित महिलाओं का हौंसला बढ़ाते हुये उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनायें व बधाई दिया। 

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