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11 आदिवासी मजदूरों को छपारा पुलिस ने ठेकेदार के बंधन से मुक्त कराकर, महाराष्ट्र में दर्ज कराया प्रकरण

11 आदिवासी मजदूरों को छपारा पुलिस ने ठेकेदार के बंधन से मुक्त कराकर, महाराष्ट्र में दर्ज कराया प्रकरण 

छपारा पुलिस ने जनपद पंचायत छपारा क्षेत्र के आदिवासी मजदूरों को वापस अपने घर पहुंचाया


छपारा। गोंडवाना समय। 

आदिवासी बाहुल्य जिलों से मजदूरी के लिये ग्रामीणों का पलायन करना जारी है। ग्रामीणों के द्वारा रोजगार की तलाश में बाहर बड़े शहरों एवं अन्य शहरों में मजदूरी करने के लिये जाना और पलायन करना शासकीय योजनाओं व सरकार की रोजगारमूलक योजनाओं की पोल खोलने के लिये काफी है। सरकार द्वारा ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों को उनके ही गांव में रोजगार उपलब्ध करवाये जाने की बातें की जाती है लेकिन आदिवासी बाहुल्य अंचलों से ग्रामीाणों का पलायन करके जाना शासन, सरकार की रोजगार मूलक योजनाओं के मिलने वाले लाभ की वास्तविकता बताता है।
              


 वहीं शासन की रोजगारमूलक योजनाओं को क्रियान्वयन कराने वाले विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में की जा रही लापरवाही को भी उजागर करता है। सिवनी जिले में आदिवासी विकासखंड जनपद पंचायत छपारा के आदिवासी मजदूरों का पलायन करके ग्रामीण क्षेत्रों से महाराष्ट्र में जाकर मजदूरी करना छपारा जनपद पंचायत व संबंधित ग्राम पंचायतों में रोजगारमूलक योजनाओं की पोल खोल रहा है।
                    जनपद पंचायत छपारा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों के साथ महाराष्ट्र के लातूर में मजदूरी के लिये ले जाने के बाद वहां पर ठेकेदार के द्वारा मजूदरी के रूपये पैसे नहीं देना और मांगने पर मारपीट कर प्रताड़ित किया गया। इस संबंध में जब छपारा पुलिस को जानकारी मिली तो छपारा पुलिस के द्वारा 11 आदिवासी मजदूरों को लातुर से वापस लाया गया एवं उनके साथ अन्याय, अत्याचार करने वालों पर कानूनी कार्यवाही भी करवाई गई है। 

आदिवासी मजदूरों को भी अन्याय, अत्याचार से मुक्ति दिलाया गया

छपारा पुलिस द्वारा बंधक बनाए गए आदिवासी 11 मजदूरों को लातूर महाराष्ट्र पहुंचकर आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया गया। इसके साथ ही मारपीट करने वाले आरोपियों के खिलाफ थाना जलकुंड जिला लातूर महाराष्ट्र में अपराध पंजीबद्ध धारा 324, 323, 504, 34 भादवि का कायम कराया गया है।
            इस मामले को लेकर पहले तो महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा छपारा पुलिस का सहयोग नहीं किया जा रहा था लेकिन छपारा पुलिस की सक्रियता से महाराष्ट्र पुलिस को भी कार्यवाही करनी पड़ी। इसके साथ ही आदिवासी मजदूरों को भी अन्याय, अत्याचार से मुक्ति दिलाया गया। 

आदिवासी मजदूरों के साथ संजय राठौर और बाबा राठौर ने किया मारपीट

राजकुमार पिता कोमलप्रसाद इनवाती 28 वर्ष मजदूरी करने ग्राम पोस्ट गोरखपुर तहसील छपारा जिला सिवनी मप्र अपने पत्नि व पुत्री के साथ मजदूरी करने के लिये महाराष्ट्र के लातुर गया हुआ था। 20 दिसम्बर 2022 को रात्रि 1 बजे सुमारास जलकोट धामनगांव यहां पर मजदूरी में व साथी इरलाल केरलाल उइके, केरलाल चमरा उइके हम लोग यहां थोड़ा आराम कर रहे थे तभी यहां संजय राठोड़ व उसका भाई बाबा भाई राठोड़ आये और हमको अपशब्दों जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुये बोले की तुम अपने घर जाओगे की नही और बोलने लगे की हमसे पैसे मत मांगो हम पैसे नही देंगे यह बोलकर दोनो ने आदिवासी मजदूरों को सर, हाथ, छाति पर प्रहार कर जख्मी कर दिया।
                वहीं केरलाल चमरा उइके जब बचाने आया तो उसे भी दोनो आरोपी ने जख्मी कर दिया। इरलाल केरलाल उइके 25 वर्ष को सर, दाईने हाथ पर मारपीट कर जख्मी कर दिया। इस संबंध में संजय राठोड़ व उसका भाई बाबाभाई के ऊपर कठोर से कठोर कार्यवाही कर न्याय दिलवाने की मांग करते हुये पुलिस थाना में एफआरआई दर्ज करने के लिये शिकायत दिया। 

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