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महाविद्यालय ग्राउंड का व्यवसायिक इस्तेमाल बंद हो, जीएसयू ने छात्र व खिलाड़ियों के हित में उठाई आवाज

महाविद्यालय ग्राउंड का व्यवसायिक इस्तेमाल बंद हो, जीएसयू ने छात्र व खिलाड़ियों के हित में उठाई आवाज 

खिलाड़ी जो खेलना तो चाहते हैं पर खेलने का मैदान होने के बावजूद भी न खेल नहीं पा रहे है


बिछिया/मंडला। गोंडवाना समय

किसी भी शासकीय संस्था का मैदान उसी संस्था से संबंधित उपयोग के लिए होता है लेकिन बिछिया के शासकीय महाविद्यालय के मैदान का व्यावसायिक इस्तेमाल महाविद्यालय प्रशासन द्वारा विगत कई वर्षों से किया जा रहा है।
        


यहां आए दिन शादी, पार्टी जैसे प्राइवेट कार्यक्रम हो रहे हैं जिस कारण छात्र छात्राओं की पढ़ाई और अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। वहीं खेल मैदान में शराबियों और असामाजिक तत्वों द्वारा शराब की बोतल यहां वहां फोड़ दी जाती है। 

शराब की बोतलों के फोड़ने से विद्यार्थियों को आई चोट


महाविद्यालय के मैदान में लगातार हो रही शादी और अन्य प्राइवेट कार्यक्रमों जिसमें खासकर बारात में आने वाले कुछ लोगों और असामाजिक तत्वों के द्वारा आयोजन के दौरान कॉलेज परिसर में शराब का सेवन किया जाता है। इसके साथ ही कई प्रकार के नशे किए जाते हैं और शराब की कांच की बोतलों को यहां वहां भवन की खिड़कियों, कॉलेज के ग्राउंड आदि जगह फोड़ दिया जाता है जिस कारण कई विद्यार्थियों को चोट भी आई है।

कई दिनों तक झूठन और गंदगी का लगा रहता है अंबार

यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि किसी भी शादी के बाद सुबह जब हम महाविद्यालय पहुंचते हैं तो हर तरफ जूठन फैला रहता है और कई प्रकार की गंदगी का अंबार सा लग जाता है, जो कि दुर्गंध भी फैलाता है इसके साथ ही उसमें मक्खी आदि जीव झूमते रहते हैं और इनसे संक्रमण फैलने की संभावना है। 

टेंट के खंबे, बिजली की तारों से बना रहता है जान का खतरा

शादी के आयोजन से 2 या 3 दिन पहले टेंट लगना शुरू हो जाता है और शादी के बाद भी 2 से 3 दिन लगा रहता है। टेंट लगने के दौरान हथौड़ी, मशीन और अन्य प्रकार की आवाजों से अध्ययन कार्य में डिस्टर्बेंस उत्पन्न होता है और हर तरफ बिजली की तारे पड़ी रहती हैं और मैदान में लगे टेंट के खंबे भी प्राणघातक हो सकते हैं। 

एक शादी का 10 से 15 हजार लिया जाता है शुल्क 

महाविद्यालय के मैदान में पिछले कई वर्षों से शादियों के कार्यक्रम हो रहे हैं और प्रत्येक शादी में पांच, दस से लेकर 15 हजार रूपए तक शुल्क लिया जाता है और ये इतनी बड़ी राशि आखिर कहां जाती है और इस राशि का हिसाब किसके पास रहता है इस राशि से जुड़े मामले की जांच भी होनी चाहिए। 

नगर में एक मात्र यही है खेल मैदान लेकिन बच्चे नहीं कर पाते उपयोग

बिछिया नगर में एक मात्र बड़ा मैदान इसी महाविद्यालय परिसर में है किंतु इसका उपयोग न तो यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी कर पाते हैं और न ही खेल प्रेमी युवा क्योंकि पूरे ग्राउंड में शराब की बोतल, गंदगी के साथ आए दिन टेंट, बिजली के तार, खंबे आदि के कारण अव्यवस्था बनी रहती है। 

महाविद्यालय प्रबंधन ने खेल मैदान को बनाया कमाई का जरिया-प्रवीण धुर्वे


महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अधिकारों का हनन न हो और वे शांति पूर्वक अपना अध्ययन कार्य कर सकें इस हेतु गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने छात्र हित में आगे आकर यह मांग उठाई है कि महाविद्यालय का व्यवसायिक इस्तेमाल बंद होना चाहिए।
            लगातार छात्र हित से जुड़े कार्य में सक्रिय रहने वाले युवा प्रवीण धुर्वे जिला संयोजक गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन मंडला ने बताया और निवेदन किया है कि उन बच्चों के बारे में जरा सोचिए जो खेलना तो चाहते हैं पर खेलने का मैदान होने के बावजूद वो न खेल सके। ये फोटो में दिख रहा मैदान असल में कॉलेज ग्राउंड है जो शासकीय महाविद्यालय भुआ बिछिया के कैंपस में आता है जो महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए है।                         खासकर इस सर्द मौसम में जब विद्यार्थी धूप में बैठकर पढ़ना चाहता हो या उनके साथ अन्य खेल प्रेमी, विद्यार्थी खेल कूद जैसी गितविधियों में संलग्न होना चाहता हो तब विद्यार्थी को तथा उन बच्चों को अपनी चाहत मारनी पड़ती है क्योंकि ये कॉलेज ग्राउंड वास्तव में शादी पार्टियों के आयोजन का अड्डा बन चुका है।
                ये बड़ी दु:ख की बात है जब किसी व्यक्तिगत आयोजन के लिऐ शासकीय भूमि (कॉलेज ग्राउंड) का उपयोग किया जा रहा हो वो ग्राउंड जो पूरे नगर का भी एकमात्र खेल ग्राउंड है। इन आयोजनों से 4 से 5 दिनो तक ग्राउंड में अव्यवस्था बनी रहती है। हमारे समाज के शुभचिंतक जनप्रतिनिधिगण एवं कॉलेज प्रशासन और कॉलेज संबंधित छात्र नेतृत्व को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

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