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फर्जी आदिवासियों की सरंक्षक बनी महाराष्ट्र सरकार, गोंगपा के महाआक्रोष मोर्चा नागपूर में उमड़ा जनसैलाब

फर्जी आदिवासियों की सरंक्षक बनी महाराष्ट्र सरकार, गोंगपा के महाआक्रोष मोर्चा नागपूर में उमड़ा जनसैलाब 

महाराष्ट्र में फर्जी आदिवासियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन नहीं कर रही सरकार 

शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान, गोंगपा के बैनर तले हजारों आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ जताया आक्रोश 


नागपूर। गोंडवाना समय। 

आदिवासियों के नाम पर फर्जी जाति प्रमाण बनवाकर लाभ लेने वालों की पूरे भारत देश में कमी नहीं है लेकिन महाराष्ट्र राज्य में तो फर्जी आदिवासियों की संख्या लाखों में है।
            


महाराष्ट्र में फर्जी आदिवासी बनकर लाभ लेने वालों पर कार्यवाही करने एवं उनके स्थान पर वास्तविक आदिवासियों को लाभ देने का निर्णय भी सम्माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 6 दिसंबर 2017 को ही दिया जा चुका है लेकिन महाराष्ट्र में शासन सत्ता चलाने वाली सरकार आदिवासियों के मामले में गंभीर नहीं है।
                

उक्त जानकारी देते हुये गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हरीश उईके ने बताया कि फर्जी आदिवासियों को लाभ देने के मामले में संरक्षक बनकर कार्य कर रही महाराष्ट्र सरकार के विरोध में 21 दिसंबर 2022 को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर तले महाराष्ट्र के अनेकों आदिवासी संगठनों ने संयुक्त रूप से सरकार के विरोध में शीतकालीन सत्र के दौरान नागपूर में महाआक्रोश मोर्चा निकालकर विरोध दर्ज कराया एवं आदिवासी विकास मंत्री विजय कुमार गावित को ज्ञापन सौंपा जिस पर उन्होंने पूर्व में हुई गलतियों को सुधार करने की बात शीतकालीन सत्र के पश्चात इस मामले में गंभीरता से कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। 

1 करोड़ 5 लाख आदिवासियों के साथ अन्याय कर रही एकनाथ शिंदे और फणवीश सरकार


आगे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हरीश उईके ने जानकारी देते हुये बताया कि महाराष्ट्र सरकार के द्वारा बीते 14 दिसंबर 2022 को ही फर्जी आदिवासियों के मामले में जो शासकीय नौकरी कर रहे है उनके संरक्षक बनकर कहा है कि मानवता का धर्म निभाते हुये उन्हें नौकरी से नहीं निकालने का निर्णय लिया गया है उन्हें सरंक्षण दिया जाये उन्हें न निकाला जाये, उनकी नौकरी बरकरार रखी जाये।

जबकि महाराष्ट्र में लगभग 1 करोड़ 35 लाख आदिवासी है जिसमें से लगभग 30 लाख बोगस आदिवासी यानि फर्जी आदिवासी है।

सच्चे आदिवासियों को न्याय न देकर फर्जी आदिवासियों की संरक्षक महाराष्ट्र सरकार बनी हुई है। इनके निर्णय के कारण महाराष्ट्र में 1 करोड़ 5 लाख वास्तविक आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है। 

शासकीय नौकरी में 12 हजार 500 फर्जी आदिवासी के स्थान पर महाराष्ट्र में लगभग 75 हजार फर्जी आदिवासी है


गोंडवाना गणतंत्र पार्टी महाराष्ट्र का नागपुर में आक्रोश मोर्चा में लगभग पचास हजार से अधिक की संख्या में आयोजित महाआक्रोश मोर्चा के कार्यक्रम में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम व राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी फर्जी बोगस आदिवासियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
                    

यह महाराष्ट्र के वास्तविक आदिवासियों के साथ अन्याय, अत्याचार है। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार बोगस फर्जी आदिवासियों की संख्या भी 12 हजार 500 ही बता रही है जबकि महाराष्ट्र में बोगस आदिवासी फर्जी आदिवासी बनकर शासकीय नौकरी करने वालों की संख्या लगभग 75 से भी अधिक है।

शासकीय नौकरी का लाभ लेने वाले फर्जी आदिवासियों को तत्काल महाराष्ट्र सरकार को निकालना चाहिये एवं कानूनी कार्यवाही करना चाहिये। इनके स्थान पर वास्तविक आदिवासियों को लाभ देना चाहिये। 

महाआक्रोश मोर्चा कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ये रहे मौजूद


शीतकालीन सत्र के दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तत्वाधान में महाराष्ट्र के राजधानी नागपुर में विधानसभा भवन का घेराव एवं ज्ञापन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मुख्य अतिथि के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय

अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम, राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम, वासुदेव शाह टेकाम, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हरीश उईके, राष्ट्रीय महासचिव कुंवर बलबीर सिंह तोमर, राष्ट्रीय महामंत्री संतोष चंद्राकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष कृषि मोर्चा दरबू सिंह उईके, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अरविंद उईके सहित महाराष्ट्र राज्य के पदाधिकारी व कार्यकर्तागण मौजूद रहे। 


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