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भूख हड़ताल पर बैठने के लिये मजबूर हुये आदिवासी शिक्षक, अत्याचार व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

भूख हड़ताल पर बैठने के लिये मजबूर हुये आदिवासी शिक्षक, अत्याचार व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का लगाया आरोप 

घंसौर विकासखंड के प्राथमिक शिक्षक सुखचैन मरावी अपनी मांगों को लेकर कर रहे भूख हड़ताल

12 वी का 100 प्रतिशत वार्षिक परीक्षा परिणाम लाने पर कलेक्टर द्वारा पुरस्कृत हो चुके है शिक्षक सुखचैन मरावी 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

जनजाति विकासखंड घंसौर के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक श्री सुखचैन मरावी जो कि शा. उ. मा. विद्यालय झिंझरई ग्राम डुंगरिया के निवासी है वह 8 दिसंबर 2022 से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भूख हड़ताल स्थल ग्राम डूंगरिया तिराहा रंगमंच पर बैठे हुये है जो कि अपनी मांगे पूरी होने तक बैठेंगे।
                


वहीं भूख हड़ताल पर बैठने की सूचना उन्होंने एसडीएम घँसौर, कलेक्टर सिवनी, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग सिवनी, पुलिस थाना प्रभारी किंदरई, ब्लॉक मेडिकल अधिकारी घंसौर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी घंसौर, बी.आर.सी घंसौर को भी भेजा है।   

प्रधान पाठक द्वारा पद ग्रहण नहीं करने दिया गया


जनजाति वर्ग के शिक्षक सुखचैन मरावी की मांग है कि उन्हें उनकी मूल शाला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झिंझरई पदस्थ किया जाए। वहीं उनकी अगली मांग है कि इसी साला में नियुक्त दिनांक 01/10/2003 से 14 वर्षो तक सेवा देता रहे है।
         वहीं उनका शिक्षकीय कार्य भी सराहनीय रहा है तथा उनके सेवा काल के दौरान शाला को कक्षा 12 वी का 100 प्रतिशत वार्षिक परीक्षा परिणाम का कलेक्टर द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया लेकिन नारायण पटेल पिता बैजनाथ पटेल ग्राम झिंझरई के कहने पर मेरी नियुक्ति नियम विरुद्ध है।
        

जिस पर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी द्वारा दिनांक 06/06/2018 को शिक्षक विहीन शाला होते हुए भी शिक्षक विहीन शाला कहकर प्राथमिक शाला पिपरिया में पदस्थ किया गया है, उसके बाद जन शिक्षा केंद्र प्रभारी झिंझरई द्वारा उन्हें दिनांक 07/09/2021 को प्राथमिक शाला सिंघनपुरी अध्यापन कार्य हेतु भेजा गया लेकिन 19/10/2022 को प्रधान पाठक प्राथमिक शाला सिंघनपुरी द्वारा कार्य मुक्त कर दिया गया उसके बाद जन शिक्षा केंद्र प्रभारी झिंझरई द्वारा 04/11/2022 को पुन: प्राथमिक शाला सिंघनपुरी वापस किया गया किंतु प्रधान पाठक द्वारा पद ग्रहण नहीं करने दिया गया।

उन्हें मूल शाला जाने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया

ऊपर वर्णित जानकारी को शिक्षक सुखचैन मरावी के द्वारा दिनांक 09/11/2022 को कलेक्टर सिवनी को सिवनी में स्वयं उपस्थित होकर बताया था लेकिन वहां से भी उन्हें मूल शाला जाने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया। सिवनी जिले के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र विकासखंड घंसौर की शाला में पदस्थ आदिवासी शिक्षक की नियुक्ति नियम विरुद्ध है।
             यह अधिकार समाजसेवी को किसने दिया इसकी जानकारी मुझे मौके पर शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं समाजसेवी नारायण पटेल स्वयं उपस्थित होकर बताएं। शिक्षक सुखचैन मरावी का अगस्त 2021 का वेतन बिना कारण के काटा गया जो निवेदन करने पर भी आज तक अप्राप्त है।

आदेश जारी किया गया जो असंवैधानिक है


आदिवासी शिक्षक सुखचैन मरावी का कहना है कि वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हूं आदिवासी शिक्षक के साथ समाजसेवी एवं निचले स्तर से उच्च स्तर तक के अधिकारियों द्वारा अत्याचार किया गया। मेरी नियुक्ति नियम विरुद्ध है जिस पर मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल से संपूर्ण जिले के लिए हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी शालाओं में कला संकाय के पदस्थ प्राथमिक शिक्षकों को हटाने का आदेश क्यों नहीं दिया गया।
            केवल आदिवासी शिक्षक को पदस्य शाला से ही क्यों हटाया गया। केवल मेरे ऊपर ही तलवार की भांति आदेश जारी किया गया जो असंवैधानिक है। अंत में मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताड़ित हूं मुझे न्याय चाहिए एवं मेरी मूल शाला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झिंझरई में पदस्थ किया जाना चाहिए इसी अपेक्षा के साथ में ने यह कदम उठाया है। 


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