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जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले लोगों के ऊपर तत्काल कार्यवाही कर, उनके मकान पर बुलडोजर चला कर तोड़ा जाए

जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों के ऊपर कार्यवाही कर उनके मकानों पर चलाया जाये बुल्डोजर 

मण्डला जिले के सिंगारपुर ग्राम में अनुसूचित जाति परिवार पर हमला करने वालों के खिलाफ सड़कों पर दिखा आक्रोश 

मण्डला। गोंडवाना समय।

अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समाज के संयुक्त तत्वाधान में  गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मध्यप्रदेश के सहयोग से 23 जनवरी 2023 दिन सोमवार जिला मंडला में कलेक्टर कार्यालय एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव करते हुये ज्ञापन सौंपा गया।
            


गोंगपा के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम काकोड़िया के द्वारा आंदोलन की जानकारी को साझा करते हुऐ गोंडवाना समय को बताया कि जिला मंडला कि सिंगारपुर ग्रांम के मोहगांव ब्लाक में जमीनी विवाद को लेकर  16 जनवरी 2023 को मेंहरा समाज अनुसूचित जाति वर्ग की महिला के साथ आरएसएस के अनुसांगिक संगठन बजरंग दल के हिंसक कार्यकतार्ओं के मुखिया को जेल भेजा जाए क्योंकि इनके नेतृत्व में ही घटना को अंजाम दिया गया। ऐसे मामले मध्यप्रदेश में आये दिन हो रहे है। 

 पुलिस प्रशासन के द्वारा जमानती धाराएं लगाई जाती है


इसके साथ ही एसटी, एससी समाज के ऊपर हो रहे अन्याय, अत्याचार, शोषण के प्रति अपनी आवाज बुलन्द करते हुऐ गोंगपा ने मंडला के जिसमें ग्राम सिंगारपुर में एससी समाज के झारिया मेहरा जाति की बेटी प्रियंका झारिया (मेहरा) के साथ दुव्यवहार करते हुए, कपड़े फाड़े गए साथ ही उसके सर के बाल नोचने जैसे घिनौने कार्य  बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा किए गए, ऐसा कृत्य करने वालों पर धारा 307 के तहत कार्यवाही करने की मांग की गई। अधिकांशतय: देखा जाता है कि एसटी, एससी के साथ अन्याय, अत्याचार करने वालों पर सत्ता पर बैठे लोगों के दवाव पर पुलिस प्रशासन के द्वारा जमानती धाराएं लगाई जाती है जिससे उन्हें माननीय न्यायलय में आसानी से जमानत मिल जाती है और वह पुन: जेल से आजाद होकर अपराधो की पुनरावृति करते हुये मातृशक्ति एवं पितृशक्ति को प्रताड़ना देते रहते हैं। 

ऐसे हिंसक संगठनों को संरक्षण प्रदान कर उन्हे आर्थिक लाभ देते हैं 

जिनके डर के कारण एसटी, एससी ग्रामीण समाज जो शिक्षा से पिछड़ा हुआ समाज हैं, जो अन्दर ही अन्दर घुटता रहता हैं। वहीं एसटी, एससी समुदाय की सेवा के लिए सत्ता पर अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के मतों से जीत कर आने वाले विधायको, सांसदो के द्वारा ऐसे मामलो के प्रति आवाज तक नहीं उठाते  है क्योंकि सभी राजनैतिक नेता भाजपा, कांग्रेस  जैसे दलों का बजरंग दल को राजनैतिक संरक्षण मिलता हैं। ऐसे दलों से जीत कर आने वाले विधायक सांसद उनके गुलाम बन कर समाज की दलाली करते रहते हैं और ऐसे हिंसक संगठनों को संरक्षण प्रदान कर उन्हे आर्थिक लाभ देते हैं, साथ ही उनकी पुलिस प्रशासन से भी रक्षा करते हैं। 

गोंगपा हमेशा उठाती है पीड़ितों की आवाज 

इसके साथ ही देश के राष्ट्रीय मीडिया द्वारा भी एसटी, एससी, समाज के ऊपर हो रहें जघन्य अपराधो को जनजन तक नहीं पहुंचाए जाते, और ना ही उनके माध्यम से सत्ता में बैठे लोगों एवं न्याय व्यवस्था के प्रति और एसे संगठान के प्रति आवाज बुलन्द नहीं करते लेकिन राजनैतिक संगठन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एसटी, एससी के साथ साथ अन्य पीड़ित समुदाय के ऊपर हो रहें अन्याय आत्याचार के लिए सतत आवाज बुलन्द करती। पिछले 31 वर्षो से एसे दुखित, पीड़ित वर्ग समुदाय को न्याय दिलाने के लिए सतत संघर्ष करते चली आरही है।  

प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते सहित गोंगपा के पदाधिकारी विशेष रूप से हुये शामिल

प्रदेश अध्यक्ष अमन सिंह पोर्ते, प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाति सुरेश झरिया, प्रदेश महासचिव प्रकाश धुर्वे, विनोद देवार प्रदेश महामंत्री जितेंद्र मरावी, प्रदेश प्रवक्ता राधेश्यम काकोड़िया, प्रदेश सचिव सुमारू मरावी, सम्भागीय अध्यक्ष महत लाल बरकड़े, सम्भागीय संघठन मंत्री वकील खान, सम्भागीय उपाध्यक्ष देवेंद्र मरावी, सम्भागीय महामंत्री गफार कुरेशी, सम्भागीय अध्यक्ष मात्र शक्ति  मोर्चा दीप्ति कौर, जिला अध्यक्ष मंडला एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश तेकम, जिला अध्यक्ष मात्रशक्ति मोर्चा ललिता धुर्वे, जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा रियाज अहमद, जिला मीडिया प्रभारी सज्जाद अली, मांगी लाल मरावी, जीएसटी पूर्व एडिशनल कमीशनर खेमराज झरिया, राधे झरिया, आदि समाजिक एवं पार्टी पदाधिकारी न्याय दिलाने में सामिल हुए। 

ऐसे संगठनों के मुखिया को उम्र कैद की धाराएं लगाकर जेल भेजा जाए

पीड़ित प्रियंका झारिया व उनके परिवारजनों को न्याय दिलाने की मांग करते हुए, मध्यप्रदेश के आरक्षित क्षेत्रों से ऐसे हिंसक संगठन बजरंग दल के कार्यकतार्ओं के द्वारा किए गए जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले लोगों के ऊपर तत्काल कार्यवाही कर, उनके मकान पर बुलडोजर चला कर तोड़ा जाए। जिससे ऐसे माता पिता जो अपने बच्चों को ऐसे संगठनों से दूर रखे और स्वयं भी दूर रहें और प्रशासन से हमारी मांग हैं की उस बच्ची का इलाज कर और जीवन यापन के लिए उचित मुआवजा राशि प्रदान किया जाए। इसके साथ ही ऐसे संगठनों के मुखिया को उम्र कैद की धाराएं लगाकर जेल भेजा जाए और उनकी जमानत को समाप्त किया जाए। एससी, एसटी समुदाय से आग्रह हैं कि 2023 में वोट देते समय ऐसे राजनैतिक संगठनों भाजपा, कांग्रेस के विधायक को चुनने से बचे साथ ही एससी, एसटी, ओबीसी समाज से मध्यप्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठाई गई और 2023 के विधानसभा में इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायक बनाना हैं, जो हमरे ऊपर हो रहें अत्याचार के विरोध में हमारा साथ देती हैं। इस बार एसटी एससी ओबीसी मिलकर विधायक बनायेगे ऐसा संकल्प लेकर समाजिक समुदाय के मुखियाओं द्वारा गोंगपा को आश्वासन दिया गया। 

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