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बसनिया बांध ही नहीं देश भर में विस्थापन के खिलाफ गोंगपा ने हमेशा उठाई है पुरजोर आवाज-तुलेश्वर मरकाम

बसनिया बांध ही नहीं देश भर में विस्थापन के खिलाफ गोंगपा ने हमेशा उठाई है पुरजोर आवाज-तुलेश्वर मरकाम

विस्थापन के पूर्णत: खिलाफ है गोंडवाना गणतंत्र पार्टी 


मध्यप्रदेश। गोेंडवाना समय। 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 6 जनवरी 2023 को हुए सदस्यता अभियान कार्यक्रम में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम के द्वारा प्रदेश वासियों से जो प्रस वार्ता के समय दिए गए वक्तव्यों को कुछ मीडिया के द्वारा तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जिसको खण्डन करते हुए प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम काकोड़िया के द्वारा जानकारी साझा कराते हुए यह कहा गया कि आदिवासी हित एवं जनहित के मुद्दों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान को लेकर गलत अफवाह फैलाई गई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी  किसी भी तरह के विस्थापन के पूर्णत: खिलाफ हैं। 

देश की राजधानी दिल्ली में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी हमेशा से आवाज उठाते आई हैं


बसनिया बांध को लेकर गोंडवाना नरम नजर आ रहे हैं ऐसा बिलकुल भी नहीं। जबकि देश में हो रहें किसी भी तरह के अन्याय-अत्याचार को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने हमेशा से पीड़ित लोगों के साथ में खड़ी रहती हैं चाहे वह किसी भी समुदाय का ही क्यों ना हो लेकिन अन्य दलों के पद और पैसे के दम पर हमेशा गरीब, मजदूर, किसानों, जंगल, पहाड़ नदी, नालों रोड़ के किनारे बसे लोगों के ऊपर विकास के नाम से बांध, बिजली उत्पादन, सिंचाई, उद्योग, रोड़, अभ्यारण जैसे निर्माण कार्य के माध्यम से उस क्षेत्र के निवासियों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ता हैं।
                गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन के तहत विस्थापन के मामले को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी हमेशा से आवाज उठाते आई हैं किन्तु हमारे विधायक, सांसद लोक तंत्र में चुन कर नहीं जाने के कारण हम उन बातो को सदन पर नहीं उठा पाते हैं। इसके साथ ही नेशनल अखवार एवं मीडिया में भी न तो आदिवासी समाज सहित अन्य जनहित से संबंधित हमारी बातो को नहीं उठाती हैं। हमने तो कहा हैं कि 2023 विधानसभा चुनाव में यदि मध्यप्रदेश की जनता हमे विधानसभा के सदन में भेजती हैं तो हमारे विधायक का पहला प्रश्न यहीं होगा की आजादी के बाद से अभी तक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में से कितने लोग विस्थापित हुए हैं और उनकी ओर उनके परिवार की क्या स्थिति हैं और उनके पास देश की 75 % जमीन के मालिक हुआ करते थे वर्तमान में उनके पास कितनी जमीन बची हैं। 

तकरीबन 8780 हेक्टेयर जमीन बांध निर्माण में जाएगी जो क्षेत्रवासियों के लिए ठीक नहीं है

वर्तमान में हमरे विधायक, सांसद नहीं होने की परिस्थिति में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा यह व्यान दिया गया कि बसनिय बांध का निर्माण से पहले सरकार हमारे लोगों को जमीन के बदले जमीन दे, जहां हम अपनी रुढ़ी प्रथा के तहत अपने ठाना-बाना, भाषा संस्कृति, पेड़-पौधे स्थापित कर सके पुन: जंगल स्थापित कर सके, रोजी-रोजगार की व्यवस्था सरकार करे तो बांध बना सकती हैं।
                गोंडवाना के राष्ट्रीय अध्यक्ष का सन्देश इस प्रकार का था निवास के कार्यक्रम में कि बसनिय बांध के निर्माण से आदिवासी क्षेत्रों से तकरीबन 8780 हेक्टेयर जमीन बांध निर्माण में जाएगी जो क्षेत्र वासियों के लिए ठीक नहीं है। उनका कहना स्पष्ट था कि यदि बांध का निर्माण होता है तो हजारों लाखों की संख्या में आदिवासी वेघर और जमीन हीन हो जाएंगे जिससे उनकी आने वाली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे। यदि ऐसा होता है तो बांध बनने से पहले बसरिया बांध के परीक्षेत्र से लगे 32 से 34 गांव विस्थापित होंगे। 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पूर्ण रूप से बसनियां बांध निर्माण के खिलाफ है

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पूर्ण रूप से बांध निर्माण के खिलाफ है क्योंकि पूर्व में हुए बांधों के निर्माण से चाहे जिला जबलपुर में स्थित बरगी डैम, रानी अवंती बाई परियोजना के बनने से हजारों लाखों की संख्या में आदिवासी बेघर हुए है एवं उनकी हजारों-लाखो एकड़ जमीन बरगी बांध नर्मदा नदी पर बनने से डूब में चली गई है। आज भी वहा के लोग सरकार से गुहार लगाते-लगाते मृत्यु सैया पर पहुंच चुके हैं।
                पूर्व में आदिवासियों का क्या हाल है और उनकी स्थिति वर्तमान में इसी तरह जिला-सिवनी वैनगंगा नदी पर बसे संजय सागर परियोजना से हजारों लाखों आदिवासी बेघर हुए एवं उनकी जमीन से विस्थापित लोगों का जनजीवन कैसा है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी किसी भी तरह के विस्थापन का विरोध करती हैं और सरकार से अच्छी नीतियां बनाने का आग्रह करती है की जो जहां हैं उसे वहीं अच्छा रोजगार और स्वास्थ सुविधा दिया जाए विस्थापन विकास की निशानी नहीं हैं।

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