सामाजिक व्यवस्था में वर्चस्व स्थापित करने के लिए नवजागरण एवं पुनर्जागरण करना जरूरी है-जे एन कंसोटिया
15 जनवरी 2023 को अजाक्स की प्रांतीय मीटिंग में मध्यप्रदेश के अनेक जिलो से शामिल हुये पदाधिकारी
सिवनी जिला से अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी हुये शामिल
भोपाल/सिवनी। गोंडवाना समय।
दिनांक 15 जनवरी 2023 को मध्यप्रदेश भोपाल के नए रविंद्र भवन में अजाक्स की प्रांत स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया गया। श्री चित्तौड़ सिंह कुशराम अजाक्स सिवनी के जिला अध्यक्ष ने भोपाल में आयोजित हुई प्रांतीय मीटिंग के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुये बताया कि उपरोक्त मीटिंग में ब्लॉक तहसील, जिला, संभाग एवं प्रांत के समस्त कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री जे एन कंसोटिया थे।
रविंद्र भवन के हाल में आए हुए समस्त ब्लॉक, तहसील अध्यक्षों को बारी बारी से बोलने का मौका दिया गया। इसके बाद तहसील अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष इत्यादि को बारी-बारी से मौका दिया गया। ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में नागौर, नरवर, बेरसिया, आमला इत्यादि तहसील अध्यक्ष ने अपने विचार रखे।
तत्पश्चात जिला अध्यक्षों के रूप में उमरिया, मंडला, सीहोर, बैतूल, कटनी, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, सतना, सिंगरौली ,छतरपुर, हरदा, नरसिंहपुर ,सागर, खंडवा, सिवनी, डिंडोरी, इंदौर, शिवपुर, उज्जैन इ त्यादि ने बारी-बारी से अपने विचारों को रखते हुए कहा कि वह तन, मन, धन से संगठन को मजबूत करेंगे तथा समाज में चेतना फैलाने का काम करेंगे।
एससी एसटी का वर्ग कुंठा में अब नहीं है
तत्पश्चात जिला अध्यक्षों के उद्बोधन के बाद मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री जे एन कंसोटिया ने अपने विचारों को रखकर उद्बोधन में कहा यह बात निश्चित है कि कोरोना के कार्यकाल में अजाक्स की गतिविधियां कमजोर रही है। सक्रियता से काम अजाक्स के सदस्य मजबूरीवश नहीं कर सकें हैं। अब सरकार ने जो नीतियां बनाई हैं। देश में नवजागरण एवं पुनर्जागरण का समय है। एससी एसटी का वर्ग कुंठा में अब नहीं है।
बाबा साहब की मेहनत से एससी एसटी वर्ग को स्वतंत्रता पूर्वक जीने का मौका मिला
आगे जे एन कंसोटिया ने कहा कि दिक्कतों से निकलकर डेमोक्रेसी में जीवन यापन कर रहा है। वह संस्कृति एवं कला में अपनी भूमिका निभाने लगा है। प्रजातंत्र के युग में एससी एसटी को स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। एससी एसटी का अब समय आ गया है वह अपने अधिकारों को बचाए। जरूरत पड़े तो संविधान में दिए गए अधिकारों का उपयोग कर धरना और आंदोलन के माध्यम से भी अपनी बात को शासन तक पहुंचा सकता है।
समाज नहीं बदलेगा तो सामाजिक परिवर्तन करना ही पड़ेगा। नव जागरण एवं पुनर्जागरण के अभियान चलाना ही पड़ेंगे, 70 वर्ष पहले का समय था वर्ष 1916-17 में बाबा साहब ने आंदोलन चलाया, उस समय कम पढ़े लिखे लोग थे। साइमन कमीशन देश में आया, बाबा साहब की मेहनत से एससी एसटी वर्ग को स्वतंत्रता पूर्वक जीने का मौका मिला। यह 75 वर्ष की यात्रा है। संविधान की धारा सतत बह रही है।
बाबा साहेब, बिरसा मुंडा, टंट्या भील की विचारधारा हमें ताकत देती है
अपने संबोधन मे बात रखते हुये प्रदेश अध्यक्ष जे एन कंसोटिया ने आगे कहा कि बाबा साहेब, बिरसा मुंडा, टंट्या भील की विचारधारा हमें ताकत देती है। समानता, समानता शब्द से हमें ताकत मिलती है। सामाजिक कुरीतियां की विचारधारा किसी हमें निजात मिली है। पेरियार जी ने तमिलनाडु में आंदोलन चलाया, कबीरदास, तुकाराम हमेशा समता, समानता की बात करते रहे तथा लगातार समाज में पुनर्जागरण का काम उन्होंने किया।
10 समाज सुधारको की विचारधाराओं को हम लोगों को समाज तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लेना पड़ेगी। कार्य योजना जिला स्तर पर बनाना होगी। सभी महान समाज सुधारक का संदेश हमें घर-घर पहुंचाना है। युवाओं को जोड़ें, स्टुडेंट हॉस्टल में बिरसा मुंडा, पेरियार, बाबा साहब का साहित्य हम पहुंचाएं तथा पुनर्जागरण अभियान चलाएं। हॉस्टल में बाबा साहब, बिरसा मुंडा को लोग नहीं जानते हैं। यह जानकर हम लोगों को आश्चर्य होगा लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि वह सामान्य ज्ञान भी हमें उनको देना पड़ेगा ।
जिला, ब्लाक लेबल पर अंबेडकर स्टूडेंट यूनियन बनाई जा सकती है
यह ज्ञान हम उनको बिल्कुल नहीं दे रहे हैं। महापुरुष का साहित्य घर-घर पहुंचाएं, यह कार्य योजना जिला को बनाना पड़ेगी। ग्रामीण लोगों को जोड़ना पड़ेगा तथा सामाजिक रूप से हमें कनेक्ट होना पड़ेगा। प्रत्येक सदस्य का दायित्व है, कि व्यक्ति एक एक गांव को गोद में ले। ब्लॉक लेवल पर, पंचायत स्तर पर संगठन बनाएं। हर ग्राम से 10 लोगों के नाम संगठन से जोड़ें।
महिलाओं को जोड़ें, स्टूडेंट को जोड़ें एससीएसटी यूनियन बनाना ही पड़ेगी। जिला, ब्लाक लेबल पर अंबेडकर स्टूडेंट यूनियन बनाई जा सकती है। बाबा साहब का साहित्य वितरित करने की हमारी जिम्मेदारी है। महिला जागरूकता के शिविर भी लगाने की जरूरत है।
आज महिलाएं ज्यादा शिक्षित नहीं है। इसलिए उनमें तर्क शक्ति नहीं है। पुरानी मान्यताओं में भी आज गांव के लोग जी रहे हैं। सामाजिक मुद्दों हेतु हमें जोड़ना पड़ेगा। सामाजिक रूप से कनेक्ट होना पड़ेगा। नव जागरण का अभियान चलाना पड़ेगा।
सामाजिक सम्मान भी हम लोगों को दें
सामाजिक सम्मान भी हम लोगों को दें। 80 वर्ष पहले छुआछूत सामाजिक सम्मान बोलचाल की भाषा में भी एससी एसटी वर्ग को नहीं मिलता था। बाल्मिक समाज को आज भी बासा खाना आज भी मुहैया कराया जाता है। बाल्मिकी समाज को जागरुकता आभियान चलाना चाहिए, उन्हें यह प्रथा बंद कर देना चाहिए। हो सकता है कि स्व वर्ग भी उनका विरोध करें लेकिन उन्हें पुनर्जागरण के काम तो करना ही होंगे।
वर्ष 1925 में जब बाबा साहब ने इंदौर का भ्रमण किया था उस समय चर्मकार लोग चमड़े के कार्य करते थे। उन्होंने बाबा साहब के कहने पर यह जानवरों से चमड़े निकालने का काम बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि चमड़े के काम करने को लोग कमजोर दृष्टि से देखते हैं चमड़ा निकालना बंद करो।
चर्मकारों ने चमड़ा निकालने का काम बंद कर दिया तो क्या बाल्मिक समाज अपना इस तरह से बासा खाना लेने का कार्य छोड़कर सम्मान नहीं बचा सकता। उसको अपना सम्मान बचाना ही होगा। बाहर चर्मकार लोग आज भी सड़क के किनारे बैठकर पॉलिश का काम करते हैं। जूते सुधारने का काम करते हैं। यह काम छोड़कर उन्हें अच्छे सम्मानजनक तरीके से कोई अच्छा धंधा पकड़ना ही पड़ेगा ।
दलित इंडियन चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, डिक्की से जुड़े
आज सरकारी नौकरी तो 2 परसेंट ही है, 100 में से एक या 02 पोस्ट के लिऐ हम लोग आपस में झगड़ते हैं। रोजगार पर हमें जरूर मंथन करने की जरूरत है। युवाओं को रोजगार से जोड़ें। दलित इंडियन चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, डिक्की से जुड़े।
युवा ट्रेड करें। उद्योग धंधे स्थापित करें और नवजागरण पुनर्जागरण के आंदोलन को तेजी से बढ़ाएं। इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट हुई है लेकिन आपको है जानकारी पता करनी होगी तो आप पाएंगे कि वहां एससी-एसटी वर्ग के युवा में ना के बराबर शामिल हुए हैं। आर्थिक मजबूती के लिए हमें रोजगार धंधे स्थापित करने ही होंगे।
कैरियर काउंसलिंग का कार्य करना हमारी जिम्मेदारी है
शिक्षा की बात करते हैं शिक्षा की गुणवत्ता पर हमें ध्यान ध्यान देना पड़ेगा। पढ़े लिखे लोग शिक्षा पर इन्वेस्ट करें। अच्छे स्कूल एवं कॉलेज में अपने बच्चों को पढ़ाएं तथा शिक्षा पर ध्यान दें। बायोलॉजी, केमेस्ट्री, मैथमेटिक्स, ऐसे विज्ञान के विषयों को ले। जिले में इस तरह का अभियान चलाएं। एससी एसटी वर्ग के जो छात्र दसवीं क्लास में पढ़ते हैं। उनको कैरियर काउंसलिंग का कार्य करना हमारी जिम्मेदारी है ।यह कार्य हमें एग्जाम से पहले करना ही चाहिए।
सहरिया कम्युनिटी की आर्थिक एवं पोषण की स्थिति अत्यंत खराब है
श्योपुर में सहरिया कम्युनिटी की आर्थिक एवं पोषण की स्थिति अत्यंत खराब है। वह बलवान नहीं है। अजाक्स को नवजागरण की भूमिका निभानी पड़ेगी। हिटलर ने एक सिद्धांत बनाकर रखा हुआ था कि हर इंसान मजबूत हो इसलिए उसने पोषण पर ध्यान दिया। अजाक्स को भी कमजोर बच्चे, बच्चियों हेतु पोषण पर ध्यान देना पड़ेगा।
पुरानी पेंशन की बहाली करने की मांग भी उठाई है जो उचित कदम है
पदोन्नति में गोरकेला के नियम लागू करने, बैकलॉग के पद भरने एवं ईडब्ल्यूएस हेतु रोस्टर में गलत निर्धारण के लिए आप लोगों के द्वारा लगातार ज्ञापन दिए जा रहे हैं। ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण सिर्फ आगे की भर्तियों पर देने के लिए लागू किया गया है। आप लोगों को ध्यान रखना होगा कि जो बैकलॉग की पूर्व रिक्तियां हैं, उन पर 10% ईडब्ल्यूएस का आरक्षण लागू नहीं होता है।
छात्रवृत्ति का मुद्दा भी आपने ज्ञापन में उठाया है। पुरानी पेंशन की बहाली करने की मांग भी उठाई है जो उचित कदम है। विशेष घटक योजना पर भी आपको ध्यान देने की जरूरत है। एससी, एसटी की आबादी के अनुसार ही इस विशेष घटक योजना में शासन के द्वारा फंड दिया जाता है। जो उनके हितग्राही मूलक योजनाओं में, रोजगार पर, व्यय होना चाहिए लेकिन यह राशि हाईवे रोड बनाने, बिल्ंिडगो पर व्यय किया जा रहा है। इन चीजों पर भी आपको ध्यान देने की जरूरत रखनी होगी।
प्रतिनिधित्व जनसंख्या के मान्य से मिलना आवश्यक है
चतुर्थ श्रेणी के पद पर शासन द्वारा नियुक्ति नहीं की जा रही है, इससे एससी एसटी वर्ग को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। एससी एसटी नौकरी चाहता है चाहे वह नौकरी चपरासी की ही सही, पर आउटसोर्सिंग में शासन द्वारा पूर्ति होने से यह उनका बहुत बड़ा नुकसान है।
आपके द्वारा यह मुद्दा लगातार उठाया जा रहा है जो उचित है। हेल्थ डिपार्टमेंट वित्त एवं निजी क्षेत्र में सरकार सब्सिडी बहुत ज्यादा देती है हमारी मांग अब आरक्षण की ना होकर प्रतिनिधित्व की है। इसलिए अजाक्स को हमेशा उपरोक्त क्षेत्र में प्रतिनिधित्व की मांग लगातार जारी रखना होगी और यह प्रतिनिधित्व जनसंख्या के मान्य से मिलना आवश्यक है।
15 % लोगों के पास 85%% जमीने क्यों है ?
15 % लोगों के पास 85%% जमीने क्यों है ? उद्योगों में, सरकार ज्यादा लोगों को सब्सिडिटी देती है। शासन को भूमि सुधार अधिनियम लाया जाना आवश्यक होगा। यदि जाति खत्म की जाती है तो हमें आरक्षण की क्या जरूरत है ? एससी एसटी वर्ग को भूमि के बंटन को आबादी के मान से समान रुप से सरकार आवंटित करें तो फिर हमें आरक्षण की जरूरत नहीं रह जाती।
हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व के मुद्दे को उठाया जाए
जजों की नियुक्तियों में सरकार ने 40% मार्क इंटरव्यू में रखने की प्रक्रिया बनाई है। यह जानबूझकर एससी, एसटी को बाहर रखने की कोशिश है। मेरिट के आधार पर, लिखित परीक्षा के आधार पर, सूची जारी की जाए, इंटरव्यू, कर जातिगत भेदभाव किया जाता है इस मांग को आपके द्वारा उठाया गया है जो उचित है। हमें लोक सेवा आयोग पर दबाव बनाना पड़ेगा कि वह 40% मार्क न रखने की इंटरव्यू में मांग को निरस्त करें।
हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व के मुद्दे को उठाया जाए। स्टांप वेंडर एससी एसटी वर्ग के नहीं बनाए जाते हैं, उनकी नियुक्तियां कैसे होती हैं? इसके लिए उसका नॉमिनेशन लॉ मिनिस्टर के द्वारा किया जाता है लेकिन कभी भी एससी, एसटी के लोगों को स्टांप वेंडर नहीं बनाया जाता है इस मुद्दे को भी आपने उठाया है जो भी उचित है. इस मांग को लगातार जारी रखा जाए।
सफाई कामगारों का भी शोषण हो रहा है
सफाई कामगारों का भी शोषण हो रहा है। यह मुद्दा उठाना अत्यंत आवश्यक है। सफाई कामगार की व्यवस्था ठेका पद्धति पर लागू कर दी गई है। जिससे लोगों का शोषण हो रहा है। ठेके पर इन्हें 4000 से 5000 की राशि दी जाती है जबकि ठेकेदार इन्हीं लोगों पर 10,000 से 15000 कमाते हैं। इस मुद्दे को बखूबी उठाना बहुत जरूरी है। पूजा स्थलों पर सरकार सब्सिडी जारी करती है लेकिन एससी, एसटी का पूजा स्थलों पर कोई प्रतिनिधि तो नहीं है इसलिए एससी एसटी वर्ग के लोग भी पूजा स्थलों पर अपने प्रतिनिधित्व की मांग लगातार जारी रखें।
तर्क करने की क्षमता हो अर्थव्यवस्था में हमारी बराबरी हो
तर्क करने की क्षमता हो अर्थव्यवस्था में हमारी बराबरी हो, तथा सामाजिक व्यवस्था में वर्चस्व स्थापित करने के लिए नवजागरण करना जरूरी है। युवा पीढ़ी समस्याओं से परिचित नहीं है क्योंकि उन्होंने समस्या देखी नहीं है उन्हें इतिहास पढ़ाना पड़ेगा। बिरसा मुंडा, पेरियार, कबीर, रैदास के इतिहास के बारे में बताएं। उन्हें डेमोक्रेसी के बारे में समझाएं। अत्याचार की घटनाओं के बारे में बताएं। नव चेतना लाने की उन्हें जरूरत है तभी वह सामाजिक समरसता के सिद्धांत को समझ सकेंगे, यह कार्य जिला स्तर पर करना होगा।
हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए
रोजगार के मुद्दे उठाएं राजनीतिक आंदोलन के लिए लोगों में लीडरशिप पैदा करें। जनता को जोड़ें, दूसरे समाज के लोगों को अपने साथ लाने का प्रयास करें, यह जानकारी पेंपलेट छाप कर की जा सकती है यह दर्द के मुद्दे हैं। जनप्रतिनिधियों को मुद्दे बताएं, मंत्री को मुद्दे बताएं विधायकों को मुद्दे बताएं, अधिकारी कर्मचारियों को भी मुद्दे बताएं यही सामाजिक चिंता की बात है। जिला स्तर पर सतत प्रक्रिया जारी रखनी पड़ेगी। जिस तरह से इंदौर, सतना विदिशा जिले द्वारा कार्रवाई की जा रही है अन्य जिलों को भी यह कार्यवाही आगे रखना होगी। हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए।
आप का त्याग है और इसको हमें लगातार सतत जारी रखना पड़ेगा
सूचना का अधिकार का समय पर उपयोग करें। सोशल मीडिया पर लगातार जागरूकता दिखाने की जरूरत है। सरकार की पॉलिसी का अध्यन करें। कॉन्फ्रेंस, बौद्धिक मीटिंग, सामाजिक चिंतन लगातार सतत रूप से करने होंगे, तभी हम समाज में नवजागरण तथा पुनर्जागरण का काम कर सकेंगे और यह सभी काम हमें जिला स्तर पर करना होगा। हमें पूरी आशा है कि आप लगातार इस मिशन को आगे बढ़ाएंगे आप यहां पर उपस्थित हुए सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने समय ऊर्जा और पैसा इसमें खर्च किया है। आप का त्याग है और इसको हमें लगातार सतत जारी रखना पड़ेगा।
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