Type Here to Get Search Results !

आदिवासी वकील आशीष बट्टी को न्यायालय परिसर केवलारी में मारपीट कर जातिगत रूप से किया अपमानित

आदिवासी वकील आशीष बट्टी को न्यायालय परिसर केवलारी में मारपीट कर जातिगत रूप से किया अपमानित

सर्वाधिक आदिवासी मतदाता वाले केवलारी विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी वकील के साथ खुलेआम हुआ अत्याचार 


सिवनी/केवलारी। गोंडवाना समय। 

पुलिस थाना केवलारी अंतर्गत केवलारी सिविल कोर्ट में आदिवासी समाज के युवा वकील आशीष बट्टी जो कि उसी कोर्ट में वकील है।
            


आशीष बट्टी को कोर्ट परिसर में बार काउंसिल केवलारी के ही दो अन्य वकीलों के द्वारा आदिवासी गोंड समाज वकील आशीष बट्टी को जातिगत रूप से अपमानित कर खुलेआम मारपीट की गई।                                                     

केवलारी पुलिस थाना अंतर्गत आदिवासी गोंड समाज के वकील के साथ खुलेआम की गई मारपीट आदिवासी समाज के राजनीति करने वाले नेताओं, आदिवासी समाज के नाम पर सामाजिक संगठन चलाने वाले समाजसेवियों व संविधान-कानून का प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं के लिये सबक से कम नहीं है और यह प्रमाणित कर रहा है कि जब अधिवक्ता वकील जैसे आदिवासी समाज के युवा जो कि संविधान कानून की पढ़ाई मेहनत से करने के बाद जब न्यायालय परिसर में न्यायालयीन कार्य करने हेतु अधिवक्ता व वकील का कार्य कर रहे है तो उन्हें न्यायालय परिसर में टेबिल तक नसीब नहीं हो रही है और टेबिल में बैठने के लिये कितनी मशक्कत करना पड़ रहा है।
                    

यह स्थिति केवलारी विधानसभा मुख्यालय की है जहां पर केवलारी विधानसभा में लगभग 70 हजार से भी अधिक आदिवासी मतदाता है तो फिर आदिवासी की जनसंख्या कितनी होगी यह अंदाजा लगाया जा सकता है। अब ऐसी स्थिति में यह कहना अतश्योक्ति नहीं होगी कि जब न्यायलीयन कार्य के जानकारी अधिवक्ता व वकील ही आदिवासी समाज के सुरक्षित नहीं है और अन्याय, अत्याचार, शोषण के शिकार हो रहे है तो अन्य आदिवासी समाज के सगाजनों की स्थिति होती होगी यह आजाद भारत में अंदाजा लगाने के लिये काफी है।  

मारपीट कर जातिगत रूप से अपमानित करते हुये कहा तुम आदिवासी हमारा क्या उखाड़ लोगे 


आदिवासी वकील आशीष बट्टी ने गोंडवाना समय से चर्चा में बताया वह दिनांक 28 अप्रैल 2023 को न्यायालय में कार्य करने के पश्चात जब अपने घर जा रहे थे उसी समय न्यायालय परिसर केवलारी के गेट के पास रोककर रामकृष्ण बघेल एवं प्रसन्न जंघेला के द्वारा जातिगत रूप से अपमानित करते हुये मारपीट की गई।
            

आदिवासी गोंड समाज के वकील आशीष बट्टी ने आगे जानकारी देते हुये बताया कि न्यायालय परिसर में मुझे घनश्याम धुर्वे के द्वारा उनकी टेबिल में बैठने के लिये कहा गया है जिसके चलते मैं वहां पर बैठकर न्यायालयीन कार्य अधिवक्ता के रूप मे ंकरता हूं। इसके बाद भी रामकृष्ण बघेल और प्रसन्न जंघेला के द्वारा मुझसे प्रतिदिन न्यायालीयन कार्य दिवस में मुझसे अनावश्यक रूपये पैसे की मांग की जाती है मेरे द्वारा पूर्व में इनकी मांग पूरी करते हुये पैसा भी दिया गया है लेकिन रामकृष्ण बघेल एवं प्रसन्न जंघेला की मांग रूपये पैसे की बढ़ती जाने के कारण और मेरे साथ जातिगत रूप से दुर्भावना रखते हुये कार्य करने के कारण मेरे द्वारा 28 अप्रैल को उन्हें रूपये पैसा देने से मना कर दिया था।
                इसके कारण रामकृष्ण बघेल और प्रसन्न जंघेला नाराज हो गये दोनो के द्वारा मुझे कहा गया कि तुम्हे यहां पर कार्य नहीं करने देंगे। इसके साथ ही अधिवक्ता आशीष बट्टी को धमकी दिया कि तेरे को हम घर में घुस कर मारेंगे। आशीष बट्टी ने बताया कि मुझे रामकृष्ण बघेल व प्रसन्न जंघेला द्वारा गंदी गंदी गालियां बकते हुये जातिगत रूप से गोंड गंवार कहकर अपमानित करते हुये कहा कि तुम आदिवासी हमारा क्या उखाड़ लोगे, इस तरह से अपमानित किया। इसके बाद मेरे साथ रामकृष्ण बघेल और प्रसन्न जंघेला द्वारा न्यायालय परिसर में मारपीट की गई। इस संबंध में मेरे द्वारा केवलारी पुलिस थाना में शिकायत दी गई है। 

समुचित व विधिवत कार्यवाही न होने से आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त है 

घटना के संबंध में जानकार बताते है कि गोंड समाज के वकील आशीष बट्टी के साथ मारपीट करने के बाद भी केवलारी बार एसोसिएशन आदिवासी गोंड समाज के वकील से मारपीट करने वालो को माफी मांगने के लिये कहा था इस दौरान मारपीट करने वालों ने बार एसोसिएशन के सामने अपने कृत्य को तो कबूल किया लेकिन माफी मांगने से इंकार कर दिया। इस संबंध में आदिवासी बकील आशीष बट्टी का कहना है कि केवलारी बार एसोसियशन के द्वारा मेरे साथ की गई घटना पर संज्ञान लेकर मेरे पक्ष में कार्यवाही करने हेतु मेरा साथ दिया गया। इसके साथ ही आशीष बट्टी के द्वारा इस संबंध में पुलिस थाना केवलारी में लिखित शिकायत करने के बाद भी समुचित व विधिवत कार्यवाही न होने से आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त है। 

कानून की पढ़ाई करने वाले आदिवासी सामाज के वकील की यह स्थिति 

यह विचारणीय व गंभीर विषय है कि जब संविधान की जानकारी रखने वाले और विधि कानून की पढ़ाई करने वाले आदिवासी सामाज के वकील का यह हश्र किया जा रहा है तो अन्य आदिवासी सगाजनों के साथ किस तरह अन्याय, अत्याचार, शोषण होता होगा।
                    सूत्र बताते है कि आदिवासी गोंड समाज के युवा वकील आशीष बट्टी के साथ हुई मारपीट के विरोध में जल्द ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ब्लॉक केवलारी पूरी मजबूती से खड़े होकर विरोध दर्ज करा सकती है। वहीं आदिवासी समाज के संगठन भी इस मामले में अपना आक्रोश व्याप्त करने के लिये सड़कों पर उतर सकते है। 


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.