हाथ ठेला में कूड़ा लेकर वार्डवासियों सहित महिला पार्षद पहुंची छपारा नगर परिषद
छपारा नगर परिषद में हाथ ठेला में कूड़ा लेकर वार्डवासियों सहित महिला पार्षद पहुंची
नगर परिषद छपारा लगाया भ्रष्टाचार और मनमानी का आरोप
छपारा। गोंडवाना समय।
जनता के आंदोलन, न्यायालयीन चौखट तक पहुंचकर, सरकार पर क्षेत्रिय जनता के दबाव के चलते विकास के उद्देश्य से ग्राम पंचायत छपारा को नगर परिषद बनाया गया।
जिस तरह से एक वर्ष का भी समय पूर्ण नहीं होने के पहले ही नगर परिषद छपारा भ्रष्टाचार व आर्थिक अनियमितता के साथ मनमानी के लिये प्रसिद्ध होती जा रही है उससे छपारा नगर के नागरिकों के बीच अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।
कलेक्टर को परिषद द्वारा किये गये भुगतानों की गड़बड़ियों की शिकायत की गई है
नगर परिषद छपारा के निर्वाचन के एक वर्ष भी पूर्ण नहीं हुये है और लाखों करोड़ों रूपये के मनमाने भुगतान भ्रष्टाचार की शिकायते सामने आने लगी है। बीते दिनों से नगर परिषद छपारा की कार्यप्रणाली पूरे नगर में चर्चा की विषय बनी हुई है। पूर्व में पार्षदों के द्वारा जिला कलेक्टर को परिषद द्वारा किये गये भुगतानों की गड़बड़ियों की शिकायत की गई है, जिसकी जांच में विलंब हो रहा है। वहीं छपारा नगर में परिषद के संचालन पर भी सवाल उठने लगे है। बीते 9 महीने पहले छपारा में नवनिर्वाचित पार्षदों ने अपना अध्यक्ष, उपाध्यक्ष निर्विरोध चुना था और वार्डों में बिना कोई भेदभाव किए चौमुखी विकास करने के दावे भी किए गए।
वार्ड क्रमांक 12 महाराणा प्रताप वार्ड में नियमित तौर पर होने वाली साफ-सफाई बुरी तरह चौपट हो गई है
लेकिन अब यह दावे पूरी तरह फेल होते नजर आ रहे हैं। बताया जाता है कि हाल ही में छपारा नगर परिषद के पार्षदों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुये कलेक्टर को की गई शिकायत में लगाए हैं। जिसकी जांच अभी लंबित है। वही एक और दूसरा मामला सामने आया है, छपारा नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 12 महाराणा प्रताप वार्ड में नियमित तौर पर होने वाली साफ-सफाई बुरी तरह चौपट हो गई है। वार्ड की पार्षद प्रीति सुरजीत सिंह ने बताया कि पिछले 15 दिनों से उन्होंने नगर परिषद के सीएमओ श्याम गोपाल भारती को कहा कि उनके वार्ड के क्षेत्र में कूड़ा पड़ा हुआ है जिसे उठाया जाए। पार्षद के द्वारा संज्ञान दिलाकर ध्यानाकर्षण कराने के बाद भी नगर परिषद में कूड़ा उठाने को लेकर ध्यान नहीं दिया गया।
भ्रष्टाचार की शिकायत करने के कारण वार्ड की सफाई में नहीं दे रहे ध्यान
जिसके बाद शनिवार को कांग्रेस पार्षद प्रीति सुरजीत सिंह अपने पति सुरजीत सिंह जो कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और वार्ड वासियों के साथ कूड़ा उठाकर वार्ड का हाथ ठेले में रखकर नगर परिषद के द्वार के सामने ले जाकर खड़े कर दिया। इतना ही नहीं इस मामले को लेकर पार्षद प्रीति सुरजीत सिंह ने कहा कि उनके द्वारा और उनके साथ ही पार्षदों के द्वारा नगर परिषद में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की गई है। कहीं यही वजह तो नहीं है कि उनके वार्ड में सफाई कार्य कराने को लेकर तवज्जो नहीं दी जा रही है।
वार्ड वासी और पार्षदों के साथ मिलकर आगे और भी आंदोलन कर सकते हैं
उन्होंने कहा कि उनका वार्ड जोन-1 में आता है, जहां से नगर परिषद को अच्छा खासा टैक्स भी प्राप्त हो रहा है। इसके बावजूद नगर परिषद छपारा द्वारा इस वार्ड में नियमित साफ-सफाई को लेकर ध्यान नहीं दे रही है। जिसके चलते उन्होंने वार्ड वासियों के साथ पूरा हाथ ठेले में कूड़ा कचरा लेकर पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी है कि यदि नगर परिषद छपारा अपना रवैया कार्यप्रणाली नहीं सुधरेगी तो वह वार्ड वासी और पार्षदों के साथ मिलकर आगे और भी आंदोलन कर सकते हैं।
साफ सफाई नहीं करने को लेकर नजर आ रहा विरोध
फिलहाल नगर परिषद छपारा की साफ सफाई नहीं करने को लेकर विरोध नजर आ रहा है। वहीं इस मामले को लेकर नगर परिषद के सीएमओ कुछ भी कहने से बचते नजर आए। फिलहाल नगर परिषद छपारा 9 महीने के कार्यकाल में ही जमकर सुर्खियों में आ गई है। छपारा नगर में विकास के नाम पर कुछ खास बदलाव नजर नहीं आ रहा है बल्कि अब मूलभूत सुविधाओं को लेकर जिस तरह से लोग परेशान होते नजर आ रहे हैं। उस पर पार्षद भी यहां नगर परिषद के खिलाफ मोर्चा खोल बैठे हैं। फिलहाल अब देखना यह है कि नगर परिषद के इन मामलों को लेकर जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।