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तेलंगाना मॉडल को बीआरएस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री केसीआर पूरे देश मे ले जाना चाहते हैं-रामदास उईके

तेलंगाना मॉडल को बीआरएस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री केसीआर पूरे देश मे ले जाना चाहते हैं-रामदास उईके

भारत बदलाव चाहता है मध्यप्रदेश में केसीआर के नेतृत्व में बीआरएस का करेंगे विस्तार

जुन्नारदेव के पूर्व विधायक रामदास उईके व गोंगपा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष शोभाराम भलावी सहित कई आदिवासी नेता बीआरएस में हुये शामिल 


सिवनी/हैदराबाद। गोंडवाना समय। 

आगामी विधानसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश में राजनैतिक हलचल तेज हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा, कांग्रेस, गोंगपा, बसपा, आप सहित अन्य राजनैतिक दलों की चुनावी तैयारियों के बीच तीसरे मोर्चे की तैयारी दक्षिण से प्रारंभ हो गई है। के सी आर सरकार की नीतियां तेलंगाना राज्य की भारत राष्ट्र समिति मध्य प्रदेश में भी आगामी विधानसभा चुनाव में जनता के समक्ष पहुंचने की तैयारी कर रही है।
            


बीते दिनों जहां बीआरएस के इस अभियान में बघेलखंड ने मदद का हाथ आगे बढ़ा दिया है और रीवा के पूर्व सांसद तथा सतना के पूर्व विधायक ने पार्टी जॉइन किया था। इसके बाद जय आदिवासी युवा शक्ति सामाजिक संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के सी आर से भेंट कर मध्यप्रदेश की राजनैतिक, सामाजिक गतिविधियों को लेकर चर्चा किया था वहीं इस दौरान जयस के कुछेक पदाधिकारियों ने बीआरएस पार्टी ज्वाईन भी कर लिया है।
               इस तरह केसीआर सरकार की रीति नीति से प्रभावित होकर बीआरएस में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। बीते दिवस छिंदवाड़ा जिले के पूर्व विधायक रामदास उईके, गोंगपा के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष शोभाराम भलावी के साथ छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, जबलपुर, मण्डला, डिंडौरी सहित अन्य कुछ जिलों के लगभग 35 से अधिक लोगों ने हैदराबाद में पहुंचकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के समक्ष बीआरएस में शामिल हो गये है।
            हैदराबाद से लौटकर जुन्नारदेव के पूर्व विधायक रामदास उईके ने गोंडवाना समय से चर्चा में तेलंगाना सरकार की जनहितेषी नीतियों सहित मध्यप्रदेश में बीआरएस किस तरह कार्य करेगी। इसे लेकर जानकारी दिया इस दौरान उनके साथ गोंगपा के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष शोभाराम भलावी भी मौजूद रहे। 

विधानसभा चुनाव के पहले बीएसआर मप्र की सियासत में कदम रखने की कर रही है तैयारी 


तेलंगाना की केसीआर सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर मध्यप्रदेश में राजनेताओं व सामाजिक दिशा में कार्य करने वाले नेतृत्वकर्ता भारत राष्ट्र समिति में शामिल होकर आगामी विधानसभा चुनाव में तेलंगाना के मॉडल प्रस्तुत कर जनता के समक्ष चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे है।
                    बीआरएस में शामिल होकर हैदराबाद से सिवनी पहुंचे नेताओं ने बताया कि बीआरएस प्रमुख एवं तेलंगाना के सीएम केसीआर तेलंगाना मॉडल को पूरे देश मे ले जाना चाहते हैं। इसके लिए पूरे देश मे पार्टी यानी भारत राष्ट्र समिति के विस्तार की योजना पर काम चल रहा है। आने वाले समय मे मप्र में होने वाले चुनाव में बीआरएस भी जनता के बीच जा सकती है।
                    मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां अब तक राजनीति दो दलीय ही रही है। गोंगपा ने धरातल पर मेहनत तो कर रही है वहीं सपा, बसपा ने यहां एंट्री तो की लेकिन वे तीसरे मोर्चे की जगह नहीं ले पाई। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पंचायत चुनाव के साथ साथ नगरीय चुनाव में भी स्थान बनाया है।
                 सपा, बसपा के बाद इस बार के नगरीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी को भी प्रदेश की राजनीति में सफल प्रवेश विंध्य से ही मिला। सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की मेयर चुनाव जीतने में कामयाब हुईं। अब बीएसआर मप्र की सियासत में कदम रखने की तैयारी कर रही है। 

मध्यप्रदेश में आदिवासियों को उनकी जल-जंगल-जमीन से बेदखल करने का काम जोरो पर चल रहा है-लोकेश मुजाल्दा 


पिछले 75 वर्षों से आदिवासियों ने कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा को समर्थन किया और सरकार बनाने में भूमिका निभाए है लेकिन आदिवासियों के मुद्दों आज भी मुद्दे ही बनकर रह गए है। भीलप्रदेश और गोंडवाना राज्य गठन की मांग सदियों से जयस व आदिवासी समाज करता आया है लेकिन कांग्रेस-भाजपा दोनों ने अब तक तक उस पर बात नही दिया है।
                    वहीं 5 वी अनुसूची को अमल में लाने के लिए जयस ने शुरूआत से आवाज उठाई है लेकिन कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ने एक भी प्रयास 5 वी अनुसूची के अमल को लेकर नहीं किया है बल्कि उल्टा आदिवासियों को उनकी जल-जंगल-जमीन से बेदखल करने का काम जोरो पर चल रहा है। 

काँग्रेस-भाजपा से अलग विकल्प के साथ जाना चाहता है आदिवासी समाज 


इंजी. लोकेश मुजाल्दा, जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि मध्यप्रदेश में दोनों ही सरकारो द्वारा आदिवासी कर्मचारी-अधिकारी को प्रताड़ित किया जाता रहा है। भाजपा सरकार ने सारी हदों को पार करते हुए अपने समाज के साथ खड़े रहने वाले अधिकारी-कर्मचारियों का ट्रांसफर ओर निलंबन कर प्रताड़ित कर रही है।
                पुरानी पेंशन योजना को बन्द कर दिया गया है, एससी, एसटी के एक लाख से ज्यादा रिक्त बैकलॉग पदों की भर्ती पिछले 2004 से नही हुई, इन सबसे मध्यप्रदेश की जनता ओर आदिवासी समाज नाराज है और इस बार वह काँग्रेस-भाजपा से अलग विकल्प के साथ जाना चाहता है। वहीं जयस जो कि सामाजिक विचारधारा है समाज के संवैधानिक हक-अधिकार की लड़ाई जमीनी स्तर पर पूरी ताकत के साथ लड़ रहा है इसलिए जयस के नाम या चिन्ह पर चुनाव नही लड़ा जा सकता है और ना ही लड़ेगा, जयस पूर्ण रूप से समाज का काम करता रहेगा, अब युवा सभी तरह के नेतृत्व करने के लिए तैयार ही चुके है तो अब जयस युवा राजनीति में जाना चाहते है, उन्हें राजनैतिक विकल्प के तौर पर कांग्रेस-भाजपा से अलग तीसरा विकल्प हम दे रहै है जिसके माध्यम से युवा राजनीति के मैदान में उतरेंगे। जयस अपना सामाजिक कार्य निरंतर जारी रखेगा। 

भाजपा कांग्रेस ने कभी आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने को लेकर मुँह खोला क्या ?

डॉ आनंद राय बीआरएस में हुये शामिल


अपना जीवन और शासकीय नौकरी को दांव पर लगाकर जनहित के अनेकों मुद्दे एवं व्यापम के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने वाले जयस के कार्यकर्ता डॉ आनंद राय भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर बीआरएस में शामिल हो गये है।
             डॉ आनंद राय को आगामी विधानसभा चुनाव में बीआरएस बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है। वहीं बीआरएस में शामिल हुये जयस कार्यकर्ता डॉ आनंद राय ने भाजपा कांग्रेस की नीतियों व सत्ता के रहते क्या किया है इसको लेकर उन्होंने सवाल खड़े किये है जिसमें सर्वप्रथम आज तक भाजपा कांग्रेस ने कभी आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने को लेकर मुँह खोला क्या ?
            वही आज तक भाजपा कांग्रेस ने भीलप्रदेश, गोंडवाना राज्य के गठन पर अपना रुख स्पष्ट किया क्या ? भाजपा कांग्रेस ने आज तक पाँचवी अनुसूची के क्रियान्वयन पर मुँह खोला क्या ? जब पेसा एक्ट 1996 में संसद में पारित हो गया तो दोनों पार्टियों ने पेसा रूल्स बनाने में 27 साल क्यों लगा दिए, जवकि 1 साल के अंदर नियम बन जाने थे ?
            बकस्वाहा हो या हसदेव फारेस्ट दोनों पार्टियों के फ्रंटल आगेर्नाईजेशन मुख्य नेता जंगलों की कटाई पर खामोश क्यो थे ? टाइगर कॉरिडोर के नाम पर आदिवासियों के विस्थापन पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस, महाराष्ट्र की भाजपा, मप्र की भाजपा सरकार खामोश क्यों है ?
          वही मंदसौर गोलीकांड, डोंगरगांव गोलीकांड भाजपा सरकार में हुए, मानपुर थाने, बिस्टान चौकी (खैरकुंडी)में आदिवासियों को कस्टडी में मौत के मामले पर दोनों दल के नेता चुप क्यों रहे ? सरदार सरोवर बांध, बरगी बांध में विस्थापित 1 लाख आदिवासी परिवार विगत 30 साल से दर दर की ठोकरें खा रहे हैं दोनों पार्टियों ने उनका उचित पुनर्वास क्यों नही किया, गुजरात बॉर्डर के कई गाँव तो टापू बन गए हैं ?
            भाजपा सरकार रतलाम जिले में आदिवासियों की 1600 हेक्टेयर जमीन पर विशेष निवेश क्षेत्र ला रही है जयस युवा इसके विरोध में सड़कों पर है जेल तक गए लेकिन मप्र कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने अपना मुँह सिल रखा है आखिर क्यों ? दोनों पार्टियां कॉपोरेट के कमांड में है, अडानी अम्बानी जैसे पूंजीपतियों से चुनावी चंदा लेकर उनके ही पक्ष में नीतियां बनाते हैं। 

रीवा पूर्व सांसद व सतना के पूर्व विधायक बीआरएस में हुये शामिल 


तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) मध्य प्रदेश में तीसरा मोर्चा का विकल्प बनाने की तैयारी को लेकर अपनी जड़ें फैलाने और जमाने की कोशिश में लग गई है। शुरूआती दौर में विंध्य क्षेत्र यानी यूपी की सीमा से लगे बघेलखंड ने केसीआर की बीआरएस से कदम ताल के लिए कदम बढ़ाए हैं।
            रीवा जिले के पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल एवं सतना के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह धीरू बीआरएस में शामिल हो गए हैं। इन्होंने हैदराबाद पहुंच कर पिछले दिनों केसीआर से मुलाकात की और बीआरएस में शामिल हो गये।
             धीरेन्द्र सिंह धीरू के साथ उनकी पत्नी विमला बागरी भी बीआरएस की सदस्य बनी हैं। पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह धीरू ने बताया कि केसीआर ने पूर्व सांसद रीवा बुद्धसेन पटेल को मध्य प्रदेश में पार्टी के कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है। बुद्धसेन पटेल ने केसीआर को पब्लिक मीटिंग के लिये मध्य प्रदेश आने का न्योता भी दिया है।

शिवराज सरकार में बढ़ा भ्रष्टाचार-अत्याचार, कमल नाथ धनबल के आधार पर छिंदवाड़ा में कर रहे राज-रामदास उईके

बीआरएस में शामिल होकर हैदराबाद से सिवनी पहुंचे पूर्व विधायक रामदास उईके ने गोंडवाना समय से चर्चा में कहा कि केसीआर का सभी वर्गों के प्रति साफ नजरिया है वहीं तेलंगाना सरकार गरीबों के कल्याण के लिये अनेकों योजना चला रही है।
                आगे पूर्व विधायक रामदास उईके ने कहा कि भाजपा कांग्रेस 75 साल शासन करती आ रही है लेकिन धरातल पर लाभ किसी भी वर्ग को नहीं मिला है। इच्छा शक्ति व नेतृत्व अच्छा है तो सबको लाभ वास्तविकता में मिल सकता है।
                भारत बदलाव चाहता है यही मिशन केसीआर तेलंगाना के मुख्यमंत्री का है। भाजपा कांग्रेस मिलकर संगठित होकर जनता को लूटने का कार्य करते है। मध्यप्रदेश में 230 सीटों में विस्तार बीआरएस का करने का रहेगा। केसीआर मुख्यमंत्री भी 230 सीटों में विस्तार करने के लिये दौरा करेंगे। 

गोंडवाना राज्य का निर्माण करने पर पूरा प्रयास किया जायेगा 

तेलंगाना सरकार जैसी नीतियों का लाभ मध्यप्रदेश में भी जनता को बीआरएस की सरकार बनने के बाद दी जायेगी। गोंडवाना राज्य के प्रश्न पूर्व विधायक रामदास उईके ने कहा कि गोंडवाना राज्य का निर्माण करने पर पूरा प्रयास किया जायेगा। वहीं इसके लिये आदिवासी की बात एवं उनके हितों की रक्षा करने वालों की सरकार सत्ता स्थापित करना होगा।
            मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में भ्रष्टाचार बढ़ा है अन्याय, अत्याचार, शोषण बढ़ रहा है। कमल नाथ धन बल के जरिये ही कुबेर का खजाना खोलकर आदिवासियों सहित जनता पर राज करते आ रहे है। कमल नाथ छिंदवाड़ा में परिवार की राजनीति धनबल के सहारे कर रहे है।
                 बीआरएस कमल नाथ को छिंदवाड़ा में चुनौती देगी। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को लेकर पूर्व विधायक रामदास उईके ने कहा कि गोंडवाना के सभी राजनैतिक दल एक होकर कार्य करें जैसे वर्ष 2003 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की लहर चली थी और 3 विधायक चुनाव जीतकर आये थे। वैसी ही मजबूती के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को लड़ने की आवश्यकता है। बीआरएस के माध्यम से हम गोंगपा के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क करने का प्रयास करेंगे। 

बाबा साहेब डॉ अंबेडकर जी के विचारों के आधार पर तेलंगाना सरकार चल रही है-शोभाराम भलावी 


बीआरएस में शामिल हुये गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष शोभाराम भलावी ने कहा कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के राज में आदिवासियों पर सर्वाधिक अन्याय, अत्याचार, शोषण हो रहा है। नेमावर का काण्ड हो या कुरई क्षेत्र में आदिवासी की हत्या का मामला है।
                इसके विरोध में मध्यप्रदेश में गोंडवााना गणतंत्र पार्टी ने पुरजोर विरोध किया लेकिन भाजपा ने दबा दिया और कांग्रेस तो आदिवासी समाज का साथ कभी नहीं देता है। गोंडवाना राज्य निष्पक्षता नहीं होने के कारण नहीं बन पा रहा है।
            भाजपा कांगे्रस ने देश को 70 साल में समाप्त कर दिया है। आदिवासी की भावना पर केसीआर तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्य कर रहे है। बाबा साहेब डॉ अंबेडकर जी के विचारों के आधार पर तेलंगाना सरकार चल रही है इसका नेतृत्व केसीआर मुख्यमंत्री कर रहे है। तेलंगाना में जो व्यवस्थाएं जनता के लिये चल रही है उसे हम मध्यप्रदेश में भी देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीआरएस पार्टी को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क करेंगे। 


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