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आदिवासी महिलाओं ने दोषियों को फांसी की सजा देने एवं मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की

आदिवासी महिलाओं ने दोषियों को फांसी की सजा देने एवं मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की

सिवनी जिला मुख्यायल में कलेक्ट्रेट पहुंचकर आदिवासी महिलाओं ने राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई अमानवीयता व दर्दनाक घटना के विरोध में सिवनी जिला मुख्यालय में आदिवासी महिलाओं व आदिवासी सगा समाज ने सामुहिक रूप से विरोध दर्ज कराते हुये कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर आक्रोश व्यक्त किया।
                इसके साथ ही आदिवासियों के साथ बढ़ रहे अन्याय, अत्याचार, शोषण को लेकर दु:ख भी जताया। मणिपुर की घटना को लेकर वीरांगना रानी दुर्गावती औद्योगिक बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति मर्यादित सिवनी के द्वारा राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।  

राष्ट्रपति व राज्यपाल आदिवासी है लेकिन नहीं हो रही सख्त व ठोस कार्यवाही 


सिवनी मुख्यालय में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची आदिवासी समाज की महिलाएं आक्रोशित दिखाई दी, जहां उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराते हुये प्रधानमंत्री से त्यागपत्र की मांग किया। वहीं मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की गई है।
             आदिवासी महिलाओं ने सामुहिक रूप से विरोध दर्ज कराते हुये कहा कि देश में राष्ट्रपति आदिवासी है और मणिपुर की घटना वाले राज्य में भी राज्यपाल आदिवासी है लेकिन इसके बाद भी आदिवासी समाज के साथ होने वाले अन्याय, अत्याचार, शोषण के खिलाफ ठोस व सख्त कार्यवाही नहीं कर पा रही है।
            आदिवासी समाज की क्या कोई अहमियत नहीं है, आदिवासी समाज के साथ जमीन हथियाने व खनिज संपदा को हथियाने के लिये अन्याय, अत्याचार, शोषण किया जा रहा है। 

मणिपुर की घटना से देश को शर्मसार किया है 

वीरांगना रानी दुर्गावती औद्योगिक बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति मर्यादित सिवनी के द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि मणिपुर में 3 आदिवासी महिलाओं का गैंग रेप और निर्वस्त्र कर घुमाने जैसा जघन्यतम कृत्य किया गया है। यह घटना बर्बरता पूर्ण भयावह है। इस घटना ने देश को शर्मसार किया है।
            लगभग 3 महीने से मणिपुर में हिंसा जारी है, जहां कुकी, नागा आदिवासी समुदाय को टार्गेट कर उत्पीड़न किया जा रहा है। हिंसा को काबू करने में मणिपुर सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है। सैकड़ों महिलाओं, बच्चों की हत्या की गई है। देश भर में आदिवासियों पर तेजी से लगातार जघन्यतम अत्याचार और अन्याय हो रहा है, यह इसकी एक कड़ी है।

             आदिवासी महिलाओं के साथ जघन्यतम कृत्य कर देश को शर्मसार करने वाले दोषियों को फांसी की सजा देने, मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने और देश के आदिवासियों को सुरक्षा प्रदान करने की कार्यवाही करे।

लखनादौन में काली पट्टी बांधकर मौन विरोध दर्ज कराया 


भारत के मणिपुर राज्य में देश के मूल मालिक आदिवासी समाज की महिलाओं  को निर्वस्त्र घुमाकर-बलात्कार कर हत्या करने से देश हुआ शर्मसार है।

उक्त घटना के विरोध में और मघ्य प्रदेश में सीधी जिला में आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करना-इंदौर जिला में 2 व्यक्तियों को निर्वस्त्र कर पीटना, मंडला जिला में पानी की बॉटल में  छात्राओं को पेशाब पिलाने के मामले को लेकर मिशन मध्य भारत आदिवासी बचाव आंदोलन सर्व आदिवासी समाज लखनादौन जिला सिवनी द्वारा उक्त घटनाओं के विरोध में 23 जुलाई 2023 से मौन रैली निकालकर, काली पट्टी बांधकर मोन विरोध किया गया।
              

 
इस दौरान अधिवक्ता देव सिंह कुमरे रास्ट्रीय विधि सलाहकार सर्व आदिवासी समाज मिशन मध्य भारत, दादा बीर सिंह उईके घोघरी, दादा पुनाराम उईके सिहोरा, पूर्व सरपंच, एडवोकेट झनकू लाल कुमरे संघठक मध्यप्रदेश सहित समस्त सामाजिक राजनीतिक, छात्र, एसटी, एससी, ओबीसी, माइनारिटी के पदाधिकारी शामिल रहे। 


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