आदिवासियों को यू.सी.सी से अलग रखा जाए
पाँचवीं अनुसूचित क्षेत्र में मिले संवैधानिक अधिकार को कड़ाई से लागू कराने के लिए ठोस पहल किया जाए
पाडेरू/आंध्र प्रदेश। गोंडवाना समय।
क्रांतिसूर्य महामानव, धरती आबा, जल, जंगल, जमीन के रक्षक भगवान बिरसा मुण्डा जी की जयंति बीते 14-15 नवम्बर 2023, स्थान- पाडेरू, ए.एस.आर- जिला, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) दो दिवसीय भगवान बिरसा मुंडा जयंती समारोह आंध्र प्रदेश आदिवासी ज्वाईनट एक्शन कमिटी के बैनर तले बहुत ही धूम धाम से से मनाया गया।
जनगणना प्रपत्र में ट्राईबल कॉलम पुन: बहाल किया जाए
कार्यक्रम दो दिन को पाँच पालियों में दूसरे दिन के तीन बजे दोपहर तक बाँटा गया फिर 3 बजे के बाद शहर में रैली निकाली गई। सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद उराँव ने बताया कि कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होने का अवसर मिला।
कार्यक्रम में कई अहम मुददों पर चर्चा-परिचर्चा हुई जिसमें मुख्य रूप से देश भर में यू.सी.सी जिसमें ट्राईबल सोसाइटी को लाभ-हानी पर गंभीर चर्चा के बाद केन्द्र सरकार से माँग किया गया कि आदिवासियों को यू.सी.सी से अलग रखा जाए।
आने वाले समय में जनगणना से पहले जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के अस्तित्व, आस्था एवं पहचान के लिए जनगणना प्रपत्र में ट्राईबल कॉलम पुन: बहाल किया जाए।
समता जजमेंट 1997 सुप्रीम कोर्ट पर राज्य सरकार अविलंब पहल करे
लम्बी चर्चा के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगामी 15 फरवरी 2023 को जन्तर-मन्तर नई दिल्ली में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। देश के सभी राज्यो से लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।
पाँचवीं अनुसूचित क्षेत्र में मिले संवैधानिक अधिकार को कड़ाई से लागू कराने के लिए ठोस पहल किया जाए। समता जजमेंट 1997 सुप्रीम कोर्ट पर राज्य सरकार अविलंब पहल करे। आदिवासियों के जमीन पर माइनिंग का मालिकाना हक आदिवासियों को दे। महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया।
जनगणना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये किया गया सम्मान
सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद उराँव को सम्पूर्ण भारत देश में जनगणना के प्रति लोगों को जागरूकता करने के लिए किए गये प्रयासों को देखते हुए शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंितम घड़ी में जोरदार रैली पाडेरू शहर में नृत्य दल के साथ नाचते-गाते निकले।
स्थानीय महिला विधायक विजयलक्षमी और जिला परिषद की उपाध्यक्ष मैम भी रैली में शामिल होकर आदिवासी एकता को बढ़ाने की अपील की। कार्यक्रम में स्थानीय तेलुगू भाषा से ही सभी लोग अपनी बातों को रख रहे थे।
कार्यक्रम में झारखण्ड से श्री विजय कुजूर (आदिवासी महासभा), महिलाा नेत्री रायमुनी उराँव (पाड़हा), छत्तीसगढ़ से तरूण नेताम, महाराष्ट्र से शंकर वाकड़े, उड़ीसा मलकानगिरी से अधिवक्ता रविन्द्रनाथ, गुजरात से अशोक चौधरी, तेलंगाना से नेहरू मडावी, रामाराव जी तथा भारी संख्या में कॉलेज के छात्र-छात्राएँ, आदिवासी कर्मचारी एसोसिएशन के सैकड़ों सदस्य शामिल हुए।