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कान्हीवाड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष और मंडल महामंत्री धान बिक्री दर्ज करने दलित प्रबंधक धमका रहे

कान्हीवाड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष और मंडल महामंत्री धान बिक्री दर्ज करने दलित प्रबंधक धमका रहे 

भूमिहीन नेता समिति प्रबंधक पर बना रहा धान बिक्री दर्ज करने का अवैध दबाव


कान्हीवाड़ा। गोंडवाना समय। 

सत्ता के मद में मदहोश नेता कैसे अपने पदों का दुरुपयोग करते हैं इसका एक ज्वलंत प्रमाण कान्हीवाड़ा में सामने आया है।


जहा सत्ताधारी दल भाजपा से जुड़े दो पदाधिकारी मोबाइल पर सरेआम सोसाइटी प्रबंधक जो कि अनुसूचित जाति वर्ग में आता है उसको अवैध रूप से कार्य कराने के लिए धमकी देते सुनाई दे रहे हैं।

समय समाप्त हो जाने के बाद भी अपने नाम की धान आॅनलाइन चढ़ाने का दबाव डाल रहा है 


मामला कान्हीवाड़ा भाजपा मंडल का है, जहां का महामंत्री तथा कान्हीवाड़ा क्षेत्र से निर्वाचित जनपद सदस्य इंद्रकुमार जांघेला दलित समाज के एक सोसाइटी प्रबंधक को समय समाप्त हो जाने के बाद भी अपने नाम की धान आॅनलाइन चढ़ाने का दबाव डाल रहा है।
             वहीं जब सोसयटी प्रबंधक ने धान चढ़ाने से मना कर दिया तो उसके पक्ष में कान्हीवाड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष द्वारा ऐसा करने का दबाव डाला गया। वहीं मंडल अध्यक्ष योगेश चंद्रवंशी अपनी आवाज में साफ तौर पर इंद्रकुमार जंघेला का नाम लेकर उसकी धान चढ़ाने की बात कहता सुनाई दे रहा है।
             इसके साथ ही यह भी कह रहा है की हम भी ऐसा करते हैं। उल्लेखनीय है कि मंडल अध्यक्ष योगेश चंद्रवंशी खाद बीज और अनाज का व्यवसायी है।

बिना धान बिक्री किए धान रिकार्ड में चढ़ा कर लाखों रुपए डकारने की थी योजना

ज्ञातव्य है कि 19 जनवरी धान खरीदी की अंतिम तारीख है और मंडल महामंत्री बिना धान बिक्री किए धान रिकार्ड में चढ़ा कर लाखों रुपए डकारने की योजना पर काम कर रहा था।
            यहां विशेष महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जिस व्यक्ति के नाम से धान खरीदी की बात की जा रही है उसके तथा उसके परिवार के नाम पर कान्हीवाड़ा सोसाइटी के कार्यक्षेत्र में एक इंच भी कृषि भूमि नही है। पद के दुरुपयोग का यह मामला सामने आने के बाद जनसामान्य में यह चर्चा आम हो गई है कि लंबे समय से यह लोग ऐसे काम में लगे है यह तो केवल एक झांकी मात्र है।

मुख्यमंत्री क्या करायेंगे योगेश चंद्रवंशी और इंद्रकुमार जंघेला पर कार्यवाही 

कान्हीवाड़ा मंडल अध्यक्ष योगेश चंद्रवंशी और भाजपा मंडल महामंत्री इंद्रकुमार जंघेला द्वारा जिस तरह से सेवा सहकारी समिति कान्हीवाड़ा के प्रबंधक पर बिना धान गिराए धान चढ़ाने का अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था।
            वह मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली पर कहीं से भी उचित नहीं दिखाई दे रहे है। प्रशासनिक अफसर यदि इस तरह के वक्तव्य दे रहे है तो उन पर मुख्यमंत्री द्वारा, शासन प्रशासन द्वारा निलंबन सहित स्थानांतरण की कार्यवाही की जा रही है। वहीं सत्ताधारी दल के संगठन के नेतागण व पदाधिकारी यदि ऐसा कर रहे है तो फिर उन पर क्या कार्यवाही भाजपा संगठन या मुख्यमंत्री द्वारा कराई जायेगी। इस पर जनता की निगाहे टिकी हुई है। 

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