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महेन्द्र चौकसे शिक्षक है या दलाल ?

महेन्द्र चौकसे शिक्षक है या दलाल ?

अंशकालीन भर्ती कराने, अनुकंपा नियुक्ति, नौकरी लगवाने, ट्रांसफर, सेटिंग कराने में महारथ हासिल है


सिवनी। गोंडवाना समय। 

महेन्द्र चौकसे ट्राईबल विभाग को दुधारू गाय के रूप में दोहने के मामले में अपनी पहचान रखते है, इसलिये इन्हें पालने पोषने का कार्य जनजाति कार्य विभाग सिवनी के कोई भी अधिकारी रहा है यानि कई सहायक आयुक्त आये और गये लेकिन महेन्द्र चौकसे की दलाली और दूध दोहने का काम आज भी दिन दोगुनी और रात चौगनी रूप से वृद्धि कर रहा है।
                 


महेन्द्र चौकसे शिक्षक है या दलाल ये विभाग के उच्चाधिकारी अच्छे जानते है। जनजाति कार्य विभाग के द्वारा मूल कार्य को छोड़कर विशेषकर आदिवासियों के साथ-साथ बेरोजगार युवको, शासकीय सेवारत कर्मचारियों को लूटने के लिये खुले सांड की तरह महेन्द्र चौकसे को छोड़ दिया गया है। महेन्द्र चौकसे विशेषकर आदिवासियों को अपना निशाना बनाता है और शोषण का शिकार बनाता है। 

मंडल संयोजक पद पर रहकर छात्रावासों से वसूली की कार्यवाही का काम करता था 


महेन्द्र चौकसे शिक्षक कम दलाल जो कि छपारा विकासखंड के बाद सिवनी जिला और भोपाल में अनुकंपा नियुक्ति, नौकरी लगवाने, नौकरी दिलवाने, सेटिंग बनवाने, अधिकारियों को ट्रांसफर करवाने, से लेकर हर स्तर की दलाली के नाम से जाना जाता है।
            यह बात जिला के ट्राइबल  विभाग, शिक्षा विभाग, जनपद विभाग के छोटे से लेकर के बड़े अधिकारी भी जानते हैं। जैसा की ज्ञात हो कि महेन्द्र चौकसे यह सहायक शिक्षक है जो पूर्व में ट्राइबल विभाग के सहायक आयुक्त की सांठगांठ से 10 वर्षों तक छपारा जनपद में मंडल संयोजक पद पर रहकर छात्रावासों से वसूली की कार्यवाही का काम करता था। 

पढ़ाना भूल गये, दलाली में महारथ हासिल

छात्रावास में वसूली के संबंध में शिकायत होने पर उक्त मंडल संयोजक सहायक शिक्षक महेंद्र चौकसे को जनपद प्राथमिक शाला छपारा में पदस्थ किया गया था। जहां पर महेन्द्र चौकसे शिक्षक को बच्चों को  शिक्षा देने का काम दिया गया था लेकिन इस महेन्द्र चौकसे शिक्षक ने पढ़ाना तो बरसों पूर्व ही छोड़ चुका है लेकिन दलाली का काम में महारत हासिल है।
             इसके बाद जब छपारा मुख्यालय में उक्त सहायक शिक्षक महेन्द्र चौकसे की शिकायतें अधिक होने लगी तो सहायक शिक्षक ने बड़ी चतुराई के साथ से अपने ग्रह ग्राम छिंदवाह के हॉस्टल स्कूल में अपनी पदस्थापना करवा लिया और वर्तमान में ट्राइबल विभाग की सांठगांठ से छात्रावासों से वसूली का काम कर रहा है। 

उच्चाधिकारियों को फायदा पहुंचाने के साथ खुद भी हो रहा मालामाल 

महेन्द्र चौकसे जनजाति कार्य विभाग के छात्रावास, स्कूलों में अंशकालिन नौकरी के लिए गांव के बेरोजगार युवकों विशेषकर आदिवासी समाज के युवकों को प्रलोभन देकर उनसे लाखों रुपए की ठगी करते हुए ट्राइबल विभाग के उच्चाधिकारियों को फायदा पहुंचा रहा है और खुद भी मालामाल हो रहा है।
                सिवनी जिला में ऐसे सैकड़ो अंशकालीन बेरोजगार है जिन्हें चपरासी, भृत्य की नौकरी के नाम पर लाखों रुपए लेकर उन्हें रोजगार के नाम पर महेन्द्र चौकसे के द्वारा ठगा गया है और ट्रायवल विभाग की मेहरबानी से कुछ युवक लाखों खर्च करने के बाद छात्रवासो या स्कूलों में अंशकालिक चपरासी या भृत्य की सेवा दे रहे हैं। 

गोंडवाना समय की अपील

महेन्द्र चौकसे के द्वारा जिन युवकों को लूटा गया है या नौकरी लगवाने व अन्य कार्य के लिये रूपया लेकर ठगा गया है उसकी शिकायत गोंडवाना समय कार्यालय या संपादक के वाटसएप नंबर पर भेजे। महेन्द्र चौकसे शिक्षक कम दलाल ज्यादा की करतूत को गोंडवाना समय द्वारा उजागर किया जायेगा। 

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