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गोंडी धर्म गुरु पांहदी पारी कुपार लिंगों व सल्लां गांगरा प्रतिमा स्थापित किया

गोंडी धर्म गुरु पांहदी पारी कुपार लिंगों व सल्लां गांगरा प्रतिमा स्थापित किया

गोंड समाज महासभा के तत्वाधान में हुई स्थापना 

धनौली/कुरई/सिवनी। गोंडवाना समय।

दिनांक 27-3-2024  सिवनी जिला के विकास खंड कुरई अंतर्गत ग्राम धनौली में गोंड समाज महासभा ग्राम कमेटी धनौली द्वारा गोंड समाज के आराध्य जिन्होंने गोंड समाज की सामाजिक व्यवस्था का निर्माण किया गोंडी धर्म मुठवा पहांदी पारी कुपार लिंगों जी एवं सारे जीव जगत का निर्माण करने वाले सल्लां गांगरा शक्ति फड़ापेन की प्रतिमा, गोंडी धर्म ध्वज सप्तरंगी की स्थापना पूर्व कलशपूजन कर विशाल कलश यात्रा सप्तरंगी झंडे के साथ निकाली गई।
                


ग्राम का भम्रण करते हुए ग्राम के समस्त पेन शक्ति का गोंगों पूजन गाजे बाजे और,पारी कुपार लिंगों ना सेवा सेवा-फड़ापेन ता सेवा सेवा-गोंड समाज ता सेवा सेवा के नारे लगाए। महाराष्ट्र भंडारा से आये गोंडी भूमका श्री सुभाष धुर्वे जी, श्याम राव सलामे (करवाही) द्वारा कार्यक्रम के मुख्यातिथि गोंड समाज महासभा मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री बी एस परतेती जी के करकमलों व धनौली ग्राम के वरिष्ठ श्री महेश प्रसाद इनवाती जी की अध्यक्षता में संपन्न कराया गया। 

विशेष रूप से ये रहे अतिथिगण 


इस पावन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्यातिथि गोंड समाज महासभा मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री बी एस परतेती जी, के अलावा विशिष्ट अतिथि कुरई जनपद अध्यक्ष श्री लोचन लाल मर्सकोले, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री राकेश सनोड़िया,

गोंड समाज महासभा सिवनी के जिला अध्यक्ष श्री चित्तौड़ सिंह कुशराम, जिला उपाध्यक्ष श्री चंदन शाह उइके, जिला सचिव श्री ब्रज सिंह उइके, पूर्व जिला कोषाध्यक्ष श्री अशोक सिरसाम, गोंडी धर्म संस्कृति, साहित्य प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष श्री डाक्टर हीरा धुर्वे, महिला प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष श्रीमती डाक्टर संध्या धुर्वे, कुरई ब्लॉक अध्यक्ष श्री धनराज कवेर्ती, कार्यवाहक अध्यक्ष श्री सुंदर लाल उइके, कोषाध्यक्ष श्री दवन लाल उइके, सचिव श्री संजय कवेर्ती, युवा प्रकोष्ठ कार्यवाहक अध्यक्ष श्री नरेश पंद्रे, पिंडरई सर्किल कमेटी अध्यक्ष श्री राजेश वरकड़े, धनौली सरपंच श्री रामकिशोर इनवाती, रिड्डी सरपंच श्री राम शंकर भलावी, केवलारी ढुटेरा पांजरा सर्किल कमेटी अध्यक्ष श्री कमल परते, कोषाध्यक्ष श्री तुलसी राम भलावी, अर्जुनझिर ग्राम अध्यक्ष श्री बिसक लाल उइके, युवा प्रकोष्ठ ब्लॉक प्रवक्ता नीलेश परते, रितेश सहित अन्य क्षेत्रीय सगाजनों की गरिमामयी उपस्थित में विशाल गोंडी धर्म, भाषा, संस्कृति, साहित्य सम्मेलन व रात्रिकालीन मेला व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

गोंड समाज के सामाजिक, आर्थिक, विकास कैसे हो, शिक्षा का स्तर बढ़ाने पर बात रखी


रामकिशोर इनवाती सरपंच धनौली ने जानकारी देते हुये बताया कि मंचीय कार्यक्रम में सर्वप्रथम आगंतुक अतिथियों का स्वागत सम्मान पश्चात संबोधन व सांस्कृतिक कार्यक्रम गोंड समाज महासभा युवा प्रकोष्ठ िपंडरई, रीछी आदि के बच्चों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई, वहीं संबोधन के क्रम में स्वागत भाषण ब्लॉक अध्यक्ष श्री धनराज कवेर्ती ने  उपस्थित सभी अतिथियों व सगाजनों का  अभिनंदन व धन्यवाद किया और जिला अध्यक्ष श्री चित्तौड़ सिंह कुशराम ने अपने संबोधन में गोंड समाज के सामाजिक, आर्थिक, विकास कैसे हो, शिक्षा का स्तर बढ़ाने पर बात रखी।
                

वहीं अशोक सिरसाम ने गोंड समाज का स्वाभिमान जगाने जगह जगह गोंडवाना साम्राज्य के गौरव महापुरुष की प्रतिमाएं लगाने को कहा और कहा कि गोंड समाज महासभा इस पर अमल नही, कार्य करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिमाएं स्थापित कर गोंड ,गोंडी, गोंडवाना के वैभवशाली इतिहास को जन जन तक पहुंचाने में कामयाब हो रहा है।

गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने प्रतिमाएं स्थापित किया जा रहा है 


रामकिशोर इनवाती सरपंच धनौली ने जानकारी देते हुये बताया कि अंत में प्रदेश अध्यक्ष श्री बी एस परतेती जी ने  आयोजन समिति ग्राम कमेटी धनौली के समस्त पदाधिकारियों, सगाजनों का आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया और आगे कहा कि ऐसे एतिहासिक कार्य संगठित होकर ही किए जाते हैं और इसके लिए संगठन का होना जरुरी होता है।
                आज हमारे पास गोंड समाज का सबसे बड़ा संगठन पूरे मध्यप्रदेश में गोंड समाज महासभा के रूप में कार्यरत हैं जो गोंड समाज के सर्वांगीण विकास उत्थान के लिए प्रतिबद्ध ही नहीं कार्यरत भी है। जिसका जीता जागता उदाहरण आप स्वयं है और आप सभी के सहयोग से गोंड समाज का स्वाभिमान जगाने, गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने प्रतिमाएं स्थापित किया जा रहा है। 

संस्कृति ,रीति रिवाज, परंपराओं को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए 


रामकिशोर इनवाती सरपंच धनौली ने जानकारी देते हुये बताया कि वहीं आज जो हमारे आराध्य पेन सृष्टि के सृजन कर्ता सल्लां गांगरा शक्ति (मातृ-पितृ शक्ति), फड़ापेन व गोंडी धर्म मुठवा पहांदी पारी कुपार लिंगों जी की स्थापना की है जिन्होंने कली कंकाली दाई के तैंतीस कोट बच्चों को शिक्षा दीक्षा देकर सामाजिक व्यवस्था का निर्माण किया, उन्हीं पेन शक्तियों को हम सब विभिन्न नामों से जानते और मानते हैं और जिनके द्वारा बनाई गई व्यवस्था का परिपालन में सम्पूर्ण गोंड समाज अपने सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, आदि व्यवस्था पर चलायमान है, और अपनी पहचान गोंडी बोली भाषा, रहन सहन, रीति रिवाज, तीज त्यौहार, जन्म विवाह मृत्यु संस्कार औरों से भिन्न मानते मनाते हुए अपनी अलग पहचान बनाएं हुए है जिसकी वजह से ही गोंड समाज को संविधान में भी अलग व्यवस्था रुढ़ी प्रथा आदि के लिए विशेष मान्यता दी गई है इसलिए हमें अपने संस्कृति ,रीति रिवाज, परंपराओं को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। 


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