आदिवासी युवक की पीठ, कूल्हे में पिटाई के निशान बता रहे प्रबल दुबे डिप्टी रेंजर की सच्चाई
प्रबल दुबे डिप्टी रेंजर ने आदिवासी युवक को नग्न कर बेरहमी से किया पिटाई
आदिवासियों के साथ भाजपा के राज में बढ़ रहे भयानक अत्याचार
प्रबल दुबे जैसे डिप्टी रेंजर को छत्तीसगढ़ सरकार में मिल रहा संरक्षण
लोरमी/मुंगेली। गोंडवाना समय।
आदिवासी मुख्यमंत्री के राज्य में छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ अत्याधिक अत्याचार, शोषण, अन्याय, मारपीट, बलात्कार, हत्या जैसी अनेक घटनाएं बढ़ रही है इसके साथ ही सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा भी आदिवासियों पर भयानक तरीके से मारने पीटने का कृत्य बैखोफ होकर किया जा रहा है। जातिगत आधार पर दुर्भावना पूर्वक शारीरिक यातना प्रताड़ना बेकसूर आदिवासियों को दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ में वन विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में निरंतर आदिवासियों के साथ अत्याचार करने के लिए सरकार शासन प्रशासन के कृपापात्र बनते जा रहे है या छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे जैसे अत्याचारी कर्मचारियों को विशेष सुविधा दी गई है कि वन विभाग ही बर्दी पहनकर आदिवासियों के साथ बेरहमी से मारमीट करो हम तुम्हारे साथ हैं
इसी का फायदा प्रबल दुबे जैसे डिप्टी रेंजर उठाकर वर्दी की रौब दिखा बेगुनाह आदिवासियों के साथ वन परिक्षेत्र खुडिया ( लोरमी) के वन क्षेत्रपाल प्रबल दुबे अपने मातहत कर्मचारियों के साथ मिलकर वन परिक्षेत्र खुड़िया में नवंबर 2023 में एक मृत हाथी मिला था जिसके शिकार करने का आरोप में ग्राम पंचायत झिरिया के आश्रित ग्राम सरगढ़ी के लोगों को बारी-बारी से शक के बुनियाद पर कारी डोंगरी रेस्ट हाउस और लोरमी तुलसा घाट नर्सरी ले जाकर बेगुनाह आदिवासियों को अधमरा होते तक मारपीट कर न्यायालय में पेश करते हैं। जिससे क्षेत्र में वन क्षेत्रपाल प्रबल दुबे के दबंगई से क्षेत्र की आदिवासी सहमे हुए हैं।
नंगा कर डंडा, रॉड, बेल्ट से किया पिटाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 मई को सुबह 5:00 बजे वन क्षेत्रपाल प्रबल दुबे के नेतृत्व में वन विभाग का अमला ग्राम पंचायत झिरिया के आश्रित ग्राम सरगढी पहुंचकर वन अधिकार समिति के अध्यक्ष विशंभर सिंह मरावी के घर दबिश देते हुए छत पर सोए विशंभर मरावी को गाली गलौज करते हुए घर से हुए वन विभाग की गाड़ी में बैठाकर कारी डोंगरी कारी रेस्ट हाउस ले जाकर मारपीट करना प्रारंभ किया, तब जाकर विशंभर मरावी द्वारा पूछा गया कि मुझे किस जुर्म में लाकर मेरे साथ इस प्रकार से बर्बरता पूर्वक मारपीट किया जा रहा है, तब प्रबल दुबे द्वारा बताया गया कि नवंबर 2023 में जो हाथी मृत हालत में पाया गया था उसमें मुख्य साजिश कर्ता तुम हो कह कर उसे डंडा, राड, बेल्ट से नंगा कर मारपीट करते हुए मानवता को शर्मसार करते हुए प्रताड़ित किया गया।
जब विशंभर मरावी के द्वारा झूठा आरोप को स्वीकार नहीं किया, तब उनको अधमरा होते तक मारपीट कर तुलसा घाट नर्सरी लोरमी ले जाया गया। वहां पुन: उनके साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट कर जिंदा है या मर गया है की पुष्टि करने के लिए अस्पताल ले जाकर जांच कराया गया।
प्रबल दुबे वर्दी की आड़ में खुलेआम आदिवासियों के साथ करता है गुंडागर्दी
छत्तीसगढ़ सरकार में आखिर किसने प्रबल दुबे को इतना पावरफुल बना दिया है कि आदिवासियों के साथ वर्दी के आड़ में जानवरों सा सलूक कर रहा है। ज्ञातव्य हो कि ये वही प्रबल दुबे है जिनके ऊपर आज भी एक्ट्रोसिटी का केस चल रहा है। जिसके लिए अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील कर रखा है। बताया जाता है कि 11 मार्च को आजाक थाना मुंगेली में प्रबल दुबे के विरुद्ध भादूराम कोलाम के द्वारा शिकायत दर्ज कराया गया था। उक्त संबंध में आज तक क्या कार्यवाही हुई उसकी कोई जानकारी नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रबल दुबे द्वारा ग्राम के ही एक व्यक्ति को नाम का उल्लेख न करने के शर्त पर बताया कि प्रति व्यक्ति मुखबिरी के लिए हजार रुपए देने का लालच दिया जाता है। उक्त घटना के पूर्व भी उपवन क्षेत्रपाल प्रबल दुबे के द्वारा राम मरावी, लक्ष्मण मरावी, राजेश मरावी, महेंद्र मरावी और जयकुमार मरावी को तुलसा घाट लोरमी ले जाकर बेरहमी के साथ मारपीट किया था। महेंद्र मरावी ने बताया की घटना के समय वह अपने रिश्तेदार के यहां मध्य प्रदेश गया हुआ था।
ग्रामीणों ने प्रबल दुबे के विरुद्ध किया शिकायत
सरगढ़ी की ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर प्रबल दुबे के द्वारा गैर कानूनी तरीके से किए जा रहे कार्यवाही से परेशान होकर खुड़िया चौकी में एफ आई आर दर्ज कराने हेतु शिकायत दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रबल दुबे को एक्ट्रोसिटी के तहत तत्काल गिरफ्तार कर उचित कार्यवाही की मांग किया गया है। 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में उग्र आंदोलन का चेतावनी दिया है।
आखिर प्रबल दुबे कानून को बार - बार अपने हाथ में क्यों लेता है ?
आखिर प्रबल दुबे कानून को बार - बार अपने हाथ में क्यों लेता है। बहरहाल इस पूरे मामले में ये सबसे बड़ा सवाल है कि जंगल की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले वन विभाग के कर्मचारियों पर इस घटना का कैसा असर होता है ? क्या विभाग पूरे मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्यवाही करने के लिए आगे आएगा ? ग्रामीणों और डिप्टी रेंजर के बीच पहले से कुछ विवाद की स्थिति थी और यदि विभाग को ये पता था तो उन्होंने पूरे मामले को सुलझाने की दिशा में क्यों पहल नहीं की ? यदि समय रहते वन विभाग और ग्रामीणों के बीच समझाईश हो जाती तो शायद ये घटना नहीं घटती , ऐसे में देखना होगा कि आने वाले समय में ये मामला कैसा रूख अख्तियार करता है।
दुसरा पक्ष ग्रामीणों का भी है क्या विभाग अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए गरीब और कमजोर ग्रामीणों पर आरोप लगाकर उन्हें प्रतांडित करता है । यदि कोई आरोपी है तो उस पर कानून के तहत कार्यवाही होनी चाहिए ना कि उसके साथ बेरहमी से मारपीट। ग्रामीण और वन विभाग दोनों को मिलकर ही जंगल और वन्य जीवों को बचाने के लिए काम करना चाहिए ताकि ग्रामीण ,अधिकारी ,जंगल और वन्य जीव सभी शांतिपूर्वक अपना जीवन निर्वाह करें।
गोंगपा सौपेगी ज्ञापन
भुवन सिंह श्याम जिलाध्यक्ष गोंगपा मुंगेली ने जानकारी देते हुए बताया कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महासचिव के दिशा निर्देश पर अनुभागीय अधिकारी लोरमी को एक ज्ञापन दिया जाना है सरगढ़ी के मामले को लेकर जिससे आदिवासी समाज में हो रहे शोषण अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलन्द हो सके। इस संबंध में उन्होंने 13 मई 2024 को एसडीएम कार्यालय लोरमी पहुचने का अपील किया है।