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हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता, रीति रिवाज, भाषा शैली को बचाने का लगातार प्रयास करना चाहिए-साधना उईके

हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता, रीति रिवाज, भाषा शैली को बचाने का लगातार प्रयास करना चाहिए-साधना उईके

जयस स्थापना दिवस 2024 कार्यक्रम का इंदौर में हुआ आयोजन


इंदौर। गोंडवाना समय।

जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन द्वारा बीते दिनों इंदौर में स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया गया। जयस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में नई सोच.. युवा सोच, क्रांतिकारी सोच, पुरखा सोच की थीम पर कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
            


जयस स्थापना दिवस कार्यक्रम पर उपस्थित साधना उईके ने कहा कि विचारों के सैलाब ने एक नया इतिहास रचा, जिसकी आवाज दिल्ली तक गूंजती है।  आज उस पीली क्रांति की विचारधारा को 11 वर्ष पूर्ण हो गए है।

पुरखों के बलिदान को हम नहीं भूल सकते 


नारी शक्ति प्रदेश अध्यक्ष साधना उईके ने आगे कहाँ जयस आदिवासियत कि बात करता है यानी देश के समस्त आदिवासी समुदाय जैसे गोंड कोरकू भील भिलाला अन्य सभी समुदाय को एक प्लेटफार्म पर लाने कि बात की ताकि भविष्य हम सभी एक हो जाते है तो अपनी खुद कि सरकार बना सकते है और पुरखों के बलिदान को हम नहीं भूल सकते। इसके साथ ही हमें अपनी संस्कृति सभ्यता रीति रिवाज भाषा शैली को भी बचाने का लगातार प्रयास करना चाहिए।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद


इस आयोजन में राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजलदा, विक्रम अच्छालिया, सीमा वासकले अन्य सभी जयस पदाधिकारी और आदिवासी रियायत कि वंशज राजकुमारी शुभागांना के साथ सभी आदिवासी सागासमाज शामिल हुए ।

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