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आशा कार्यकर्ता के साथ खुली लूट और डकैती करने वाला योगेन्द्र सेन कब जायेगा जेल ?

आशा कार्यकर्ता के साथ खुली लूट और डकैती करने वाला योगेन्द्र सेन कब जायेगा जेल ? 

छपारा/सिवनी। गोंडवाना समय। 

लूट, चोरी, डकैती करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसकर, पकड़कर लतयाते हुये जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाता है परंतु हजार, दो हजार, की नौकरी से शुरूआत करने वाली आशा कार्यकर्ता जिन्हें नाममात्र की 5 से 6 हजार के बीच में वेतन पारिश्रमिक के रूप में मिलता है।
            


वह भी कई बार प्रतिमाह नहीं मिलता है। इसके बाद भी यदि इस तरह की नौकरी पेशा के लिये शासकीय विभाग में पदस्थ कुछ लुटेरों, डकैतों के द्वारा इतने कम रूपये की नौकरी पेशा करने वाली आशा कार्यकर्ता 70 हजार रूपये ले लिया जाये तो ऐसा करने वालों को क्या कहा जायेगा। इनके लिये हिन्दी साहित्य में अलग से शब्दों का निर्माण करना पड़ेगा क्योंकि ये शासकीय कुर्सी में बैठने वाले लुटरे व डकैत है।
                    छपारा स्वास्थ्य केंद्र में कई वर्षों से खुली लूट व डकैती की जा रही है, इनके पार्टनर कौन कौन है। इसकी लिखित, प्रमाणित शिकायत पीड़ित आशा कार्यकर्ता झनकपुरी डेहरिया ने दी है अब देखना यह है कि ऐसी खुली लूट करने वालों को जेल की सलाखों की पीछे पहुंचाया जाता है या फिर उन्हें संरक्षण देकर डकैती करने की खुली छूट दी जाती है। 

आशा कार्यकर्ता ने की शिकायत 

आशा कार्यकर्ता झनकपुरी डहेरिया जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदिवासी विकासखंड छपारा के अंतर्गत ग्राम जूनापानी रै. की निवासी है उनसे स्वास्थ्य केन्द्र छपारा में योगेन्द्र सेन बीपीएम (ब्लाक प्रोग्राम मेनेजर) सेवा समाप्त ना होने देने के नाम पर, 70 हजार रुपए हड़पने लेने के संबंध में शिकायत के आधार पर जांच, प्रकरण दर्ज करने की मांग पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, सीएमएचओ से की है। आशा कार्यकर्ता झनकपुरी डहेरिया जो कि 2016 से शासन के सभी मापदण्डों के तहत आशा कार्यकर्ता के पदीय दायित्वों का ईमानदारी और निष्ठा से पालन कर रही है। 

शिकायत के पश्चात नोटिस का दिया जवाब 

वहीं जून 2023 से ग्राम में आशा सहयोगिनी जायत्री उइके और उसके पति पूनाराम के द्वारा झनकपुरी डेहरिया को तरह तरह के आरोप लगाकर ग्रामवासियों के माध्यम से झूठी शिकायत करायी गयी। जिसके बाद से वह मानसिक रूप से परेशान होने लगी। ग्राम जूनापानी के कुछ लोगों के द्वारा दिनांक 26/06/2023 को झूठी शिकायत स्वास्थ्य केन्द्र छपारा मे की गयी। जिसके बाद झनकपुरी डेहरिया को 10 जुलाई 2023 को  स्वास्थ्य केन्द्र छपारा से कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ। जिसका 12 जुलाई 2023 को कारण बताओ नोटिश का जबाब प्रस्तुत किया और दिनांक 17 जुलाई 2023 को बीपीएम योगेन्द्र सेन ने ग्राम मे पहुंचकर जांच पंचानामा बनाया ।

60 से 70 हजार रुपए की व्यावस्था करके रखो ऊपर के अधिकारियों को मेनज करना पड़ेगा 

बीपीएम योगेन्द्र सेन द्वारा जांच पंचनामा बनाये जाने के बाद  बीपीएम ने फोन से आवेदिका को बुलाया लेकिन आवेदिका 17 जुलाई 2023 को नही पहुंच पायी उसके बाद बीपीएम ने आवेदिका को18 जुलाई 2023 को पुन: घर बुलाया तो आवेदिका 19 जुलाई 2023 को बीपीएम योगेन्द्र सेन के घर शाम को पहुंची तो बीपीएम ने आवेदिका को कहा कि तुम दो माह शांत रहो गावं मे विरोध हो गया है अभी कोई काम मत करो और मैं कोई पत्र नहीं निकालूंगा।             इसके साथ ही तुम करीब 60 से 70 हजार रुपए की व्यावस्था करके रखो ऊपर के अधिकारियों को मेनज करना पड़ेगा नहीं तो तुम्हारी सेवा समाप्त हो जायेगी जैसा हम कह रहे है वैसा करते जाओ तो तुम्हारी नौकरी बची रहेगी । 

तुम पैसे दे दो तब ही तुम्हारी नोकरी बचेगी 

इसके बाद दिनांक 31 जुलाई 2023 को खण्ड चिक्त्सिा अधिकारी और बीपीएम के हास्तक्षरयुक्त सरपंच के नाम पर पत्र जारी हुआ जिसमे उल्लेखित था कि झनकपुरी को आशा के पद से हटाने और नवीन आशा को नियुक्त करने का प्रस्ताव भेजें।
                यह जानकारी जब आवेदिका को लगी तो आवेदिका मानसिक रूप से परेशान हो गयी और बीपीएम योगेन्द्र सेन सहित अपने सगे संबंधी रिश्तेदारों के यहां अपनी नोकरी बचाने के लिए गुहार लगाने लगी। वहीं इसके बाद अगस्त माह रक्षाबंधन के समय में शिवेष डहेरिया पिता विश्राम डहेरिया जो कि जबलपुर कोर्ट मे रीडर है और बीपीएम योगेन्द्र सेन से अच्छा परिचित दोस्त है।
                बीपीएम व शिवेष डहेरिया एक ही मोहल्ले जयस्वाल कालोनी में रहते है। शिवेष डेहरिया ने झनकपुरी डेहरिया से कहा कि जब बीपीएम ने तुम्हे पैसों के लिए कहा है तो तुम पैसे दे दो तब ही तुम्हारी नोकरी बचेगी। मै बीपीएम योगेन्द्र सेन से बात कर लुंगा क्योंकि योगेन्द्र सेन मेरा दोस्त है, तुम्हारे उपर कोई आंच नही आने दूंगा। 

63 हजार शिवेष से लाकर मुझे दो

बीपीएम की बातों के आधार पर शिवेष को 9 अगस्त 2023 को 20 हजार और 10 अगस्त 2023 को 30 हजार रुपए जो बैंक अकांऊट से निकाल कर आवेदिका ने दिया और नगद अपने पास के 5 हजार व 8 हजार भी शिवेष डेहरिया को दिया। इस तरह कुल 63 हजार रुपए शिवेष डहेरिया ने लिया और कहा कि यह पैसे बीपीएम को मिल जायेंगे और तुम्हारी नौकरी सुरक्षित बच जायेगी।
            इसके बाद 7 सितंबर 2023 को फिर बैंक अकाउंट से 20 हजार रुपए निकाले और छपारा आये तो शिवेष को फौन लगाये तब षिवेश ने कहा कि बीपीएम के घर में जाकर 20 हजार रुपए दे दो तब झनकपुरी अपने पति के साथ बीपीएम के घर पहुंचे जहां बीपीएम प्रतिक्षा कर रहे थे।
             तब बीपीएम योगेन्द्र सेन को पहले 20 हजार रुपए नगद दिये तब बीपीएम ने कहा कि तुमने शिवेष को और भी जो पैसे दिये हो वह पैसे षिवेश ने मुझे नही दिया है तुम षिवेश के घर जाओ और पैसे वापस लेकर मुझे देना और कहा कि अब तुम चुपचाप घर चले जाओ यदि तुम्हें गांव मे आषा का काम ना करने दिया जाये तो शांत रहना सब ठीक हो जायेगा। 


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