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राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा के लिये बने चबुतरा को भाजपा सरकार में जेसीबी से तोड़ा गया

राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा के लिये बने चबुतरा को भाजपा सरकार में जेसीबी से तोड़ा गया 

गोंडवाना भूभाग के आदिवासियों की आस्था, विश्वास पर कुठाराघात कर पहुंचाई गई ठेस 

घंसौर विकासखंड की लुटमरा पंचायत के ग्राम पिपरिया चौराहा में शहीदों की प्रतिमा स्थापना से पहले ही चबुतरा तोड़ा

चबुतरा तोड़े जाने की कार्यवाही के विरोध में जल्द ही घंसौर में सौंपा जा सकता है ज्ञापन 


घंसौर/सिवनी। गोंडवाना समय। 

गोंडवाना शासनकाल के क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य जिला सिवनी के गोंडवाना शासन काल के गढ़ के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले घँसौर ब्लॉक में आजादी के लिये बलिदान ऐतिहासिक शहादत देने वाले महान क्रांतिकारियों राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा की स्थापना के लिये बने चबुतरा को राजस्व व स्थानीय प्रशासन के द्वारा तुड़वा दिया गया है।
                


जिससे आदिवासी समाज में ही नहीं अन्य समाज वर्ग के लोग जो आजादी के लिये शहादत देने वालों का सम्मान करते है उनके लिये दु:खद सूचना है। इसके साथ ही सिवनी जिले में ही ऐसे ही कुछ स्थान भी जहां पर प्रतिमा स्थापना के लिये जगह आबंटित की गई है जिनका योगदान आजादी दिलाने के लिये अंगूली कटाने का भी योगदान नहीं है वहीं जिन्होंने तोफ के मुंह में बंधकर हंसते हंसते अपने अंगो के चीथड़े उड़वा दिये ऐसे महान क्रांतिकारी राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी के लिये जमीन तक नसीब नहीं हो पा रही है।
                सरकार किसी की भी हो चाहे भाजपा की हो, कांगे्रस की हो या अन्य दलों की बन जाये लेकिन आजादी के महान क्रांतिकारियों के प्रति आस्था, विश्वास रखने वालों पर कुठाराघात करना न्यायोचित नहीं है। 

आजादी के अमृत महोत्सव में महान क्रांतिकारियों को नहीं मिल पा रही जमीन 


आजादी का अमृत महोत्सव मनाने वाली केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार में अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिये ऐतिहासिक शहादत देने वाले राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह जी प्रतिमा स्थापना के लिये जगह भी नसीब नहीं हो पा रही है।
                

प्रधानमंत्री जी सहित भाजपा के देश भर के नेता आदिवासी के सम्मुख यही कहते है कि जनजातिय समुदाय के वीर बलिदानियों और आजादी के महानायकों को सम्मान, उनके स्मारक, संग्राहालय बनाने का कार्य कांग्रेस ने कभी नहीं किया लेकिन भाजपा के राज में यह कार्य किया जा रहा है। इसके बाद भी भाजपा के राज में गोंडवाना साम्राज्य के राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा स्थापना के लिये थोड़ी भी जमीन नहीं दी जा रही है। 

पिपरिया चौराहा में राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी का बलिदान दिवस मनाते थे ग्रामीणजन


वरन आदिवासियों की आस्था, विश्वास के साथ कुठाराघात करते हुये ठेस भी पहुंचाई जा रही है। सिवनी जिले के घंसौर ब्लॉक के ग्राम पंचायत लुटमरा के ग्राम पिपरिया चौराहा में बड़े ही धूमधाम से राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा स्थापना हेतु चबुतरा का निर्माण किया गया था।

                     

वहीं उक्त स्थल पर 18 सितंबर को बलिदान दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता रहा है।

उक्त स्थल पर बने चबुतरा को भाजपा सरकार में जेसीबी से तोड़ दिया गया है। हालांकि चबुतरा तोड़े जाने की कार्यवाही के विरोध में जल्द ही घंसौर में आदिवासी समुदाय के द्वारा सामुहिक रूप से ज्ञापन सौंपा जा सकता है। 

प्रतिमा स्थापना हेतु जगह के लिये घंसौर एसडीएम को 23 सितंबर 2021 को दिया था आवेदन 


हम बता दे कि राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी के बलिदान दिवस के अवसर पर 18 सितंबर  2021 को पिपरिया, खमरिया बाजार, अमोदा, उदयपुर, लुटमरा, तेंदपानी, कोंडरा, मढ़देवरी, सहित आसपास के हजारों ग्रामीणजनों के द्वारा घंसौर एसडीएम के नाम राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा स्थापना के लिये पिपरिया चौराहा के स्थान को आबंटित करने एवं प्रतिमा स्थापना की सूचना देने हेतु प्रस्ताव बनाकर 23 सिंतबर 2021 को दिया गया था। 

राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी को तोफ में बांधकर उड़ा दिया गया था 


अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिये जनसमुदाय व परिवारजनों के बीच में तोफ के मुंह में बंधकर हंसते-हंसते, अपने शरीर के अंगो के चीथड़ों को उड़ाते हुये ऐतिहासिक शहादत देने वाले गोंडवाना शासनकाल के राजा शंकर शाह व कुुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा स्थापना के लिये पांचवी अनुसूचि क्षेत्र व गोंडवाना साम्राज्य के गढ़ क्षेत्र घंसौर ब्लॉक में स्थित ग्राम पंचायत लुटमरा के ग्राम पिपरिया चौराहा में जमीन भी नसीब नहीं हो रही है।                                     गोंडवाना शासनकाल की 250 से अधिक रियासतों को भारत देश के लिये मिला लिया गया इसके बाद भी जो वायदे या शर्तें तय की गई थी उनके लिये गोंडवाना शासनकाल के अनुयायियों को तरसाया जा रहा है।                         जहां 250 से अधिक रियासतों का त्याग किया गया और भारत को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिये अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिये ऐतिहासिक बलिदान देने वाले महान क्रांतिकारी राजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी की प्रतिमा स्थापना के लिये गोंडवाना बाहुल्य क्षेत्र में भाजपा के राज में पांच बाई पांच की जगह भी नहीं मिल पा रही है।

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