खापा जलाशय के मैन गैट को तोड़कर नाले में छोड़ा जा रहा पानी
नहर में अधिक मात्रा में पानी छोड़कर व्यर्थ बर्बाद किया जा रहा सिंंचाई का पानी
घंसौर ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुड़ोपार के खापा जलाशय का है मामला
पानी की एक-एक बूंद को सहेजना व संरक्षण करना हम सबकी है जिम्मेदारी
घंसौर। गोंडवाना समय।
सिवनी जिले में कुछ स्थानों पर किसान सिंचाई के पानी के लिये भूख हड़ताल, आमरण अनशन, चक्काजाम, विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन करने के बाद भी सिंचाई के पानी के लिये परेशान हो रहे है। वहीं जल संसाधन विभाग भी जलाशय व नहर से नियम विरूद्ध तरीके से पानी लेने वाले किसानों व ग्रामीणों से परेशान है।
कुछ क्षेत्रों में विभागीय अमला राजनैतिक वर्चस्व के चलते अनदेखा कर रहे है। ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र पाँचवी अनुसूचि क्षेत्र तहसील घंसौर की जनपद क्षेत्र घोंटखेड़ा ग्राम पंचायत कुड़ोपार की ग्राम खापा जलाशय का सामने आया है।
हजारों किसानों के खेतों में होती है सिंचाई
घंसौर जनपद पंचायत क्षेत्र घोंटखेड़ा जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कुड़ोपार की ग्राम खापा में बना एक मात्र जलाशय बाँध जो कि खापा जलाशय बाँध के नाम से जाना जाता है। इस जलाशय से जनपद क्षेत्र घोंटखेड़ा के हजारों किसानों को नहर के माध्यम से अपनी खेतों को सिंचाई करके जीवन यापन कर रहे हैं। क्षेत्र के हजारों किसान भाइयों का सिंचाई का एक मात्र सहारा खापा बांध जलाशय की नहर ही है।
ओवरफलो कर नहर में पानी बहाकर किया जा रहा बर्बाद
जल संसाधन विभाग घंसौर क्षेत्र के अधिकारियों कर्मचारियों की अनदेखी कहें या राजनैतिक वर्चस्व के चलते कुड़ोपार पंचायत की ग्राम खापा जलाशय का कुछ लोगों के द्वारा दिन दहाड़े नहर के मैन गेट को तोड़कर अपनी मन मर्जी से खापा जलाशय का पानी अनावश्यक रूप से नहर में ओवरफ्लो के साथ पानी बहाया जा रहा है। नहर में भी पानी बहाया जा रहा है।
जिस मात्रा में नहर में पानी छोड़ा जाता है उससे कहीं अधिक मात्रा पानी छोड़कर अनावश्यक रूप से नहर में ओवरफ्लो पानी बहाया जाकर बर्बाद किया जा रहा है। वहीं घंसौर जनपद क्षेत्र में ही ऐसे भी कुछेक गांव के किसान है जो बूंद-बूंद पानी के लिये तरह रहे है। वहीं दूसरी ओर खापा जलाशय से पानी अधिक मात्रा में बहाकर बर्बाद किया जा रहा है।
पानी की बर्बादी किसानों व ग्रामीणों के भविष्य के लिये चिंता का विषय है
खापा जलाशय क्षेत्र के नहर वाले क्षेत्र में तो कुछ दबंग लोगों के द्वारा खापा जलाशय की नहरों को जगह जगह से तोड़ दिया गया हैं जिससे खापा जलाशय की नहर का पानी अनावश्यक रुप से जानबूझकर नदी नाले में बहाया जा रहा है। जिससे खापा जलाशय में पानी बहुत ही कम बचा हुआ है। भविष्य के लिये किसानों व ग्रामीणों के लिये चिंता का विषय है और जल संरक्षण करने के बजाय पानी की बर्बादी की जा रही है। अभी आगे किसानों की बोई हुई फसल गेहूं, चना, मटर की फसल में नहर से पानी न मिलने से सूखने की भी संभावना है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा।
उच्चाधिकारियों को संज्ञान लेने की आवश्यकता है
खापा जलाशय के चौकीदार व विभागीय अधिकारी कर्मचारी की मिलीभगत से जलाशय का पानी जानबूझकर नियम विरुद्ध बर्बाद किया जा रहा है जिस पर उच्चाधिकारियों को संज्ञान लेने की आवश्यकता है। वहीं जल संरक्षण की सरकार, शासन प्रशासन की भर यह जिम्मेदारी नहीं है यह जवाबदारी क्षेत्रीय व स्थानीय ग्रामीण्रों, किसानों व जनप्रतिनिधियो की भी है कि पानी की एक एक बूंद पानी का सही उपयोग होवे।