धनौरा थाना प्रभारी ने आदिवासी महिला की प्रताड़ना पर अब दर्ज किया प्रकरण
गोंडवाना समय में समाचार प्रकाशन के बाद जागे मनीष बंसोड़ धनौरा थाना प्रभारी
भाजपा नेता राजा पटेल के राजीनामा की पेशकश एफआईआर में बदली
आदिवासी समाज की धनौरा में हुई बैठक के बाद धनौरा थाना प्रभारी में की कार्यवाही
सिवनी। गोंडवाना समय।
आदिवासी विकासखंड धनौरा अंतर्गत पुलिस थाना धनौरा में कुछेक पुलिस कर्मचारी ऐसे पदस्थ है जो कि सेटिंग सांठगांठ, वसूली के चर्चित है।
वहीं धनौरा पुलिस थाना प्रभारी मनीष बंसोड़ भी आदिवासी के साथ साथ महिलाओं के मामले में कार्यवाही को लेकर संवेदनशील नहीं है। धनौरा क्षेत्र के राजा पटेल जैसे भाजपा नेता तो सत्ता सरकार के नाम पर थाना अपनी मुठ्ठी में कहकर काम कराने के लिये चर्चित है।
5 फरवरी को जो घटना में मौजूद नहीं उसके नाम पर एनसीआर काट दिया था
धनौरा पुलिस थाना प्रभारी मनीष बंसोड़ के रहते बीते 5 फरवरी 2025 को आदिवासी महिला के साथ घटित घटना को लेकर जहां पर घटना के दौरान व्यक्ति मौजूद ही नहीं था उसे प्रार्थी बनाकर उसके नाम पर एनसीआर काट दिया गया था।
वहीं आदिवासी महिला जो प्रताड़ित व अपमानित हुई थी उसे पुलिस थाना धनौरा में ही भाजपा नेता राजा पटेल जो कि राजीनामा के लिये दबाव बना रहा था। जब आदिवासी महिला व उसका परिवार राजीनामा के लिये नहीं मानी तो धनौरा पुलिस थाना व भाजपा नेता राजा पटेल की चतुराई से उसके ससुर के नाम पर एनसीआर काटकर रवाना कर दिया गया था।
पुलिस अधीक्षक व अजाक थाना सिवनी पहुंचकर की थी शिकायत
आदिवासी महिला जो प्रताड़ित थी और उसका पूरा परिवार को जब संतकुमार यादव 5 फरवरी के बाद से प्रतिदिन यह कहकर धमकी दे रहा था कि मेरा क्या बिगाड़ लिये, धनौरा पुलिस भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाई तो फिर पीड़ित परिवार अपनी शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय सिवनी और अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण थाना सिवनी पहुंचा।
धनौरा पुलिस थाना की कार्यप्रणाली को गोंडवाना समय ने किया उजागर
इसके बाद गोंडवाना समय समाचार पत्र को भी शिकायत की प्रति उपलब्ध कराकर, धनौरा पुलिस थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली व भाजपा नेता राजा पटेल की कार्यप्रणाली के संबंध में जानकारी दिया।
इस संबंध में गोंडवाना समय ने धनौरा पुलिस थाना व भाजपा नेता की सांठगांठ व आदिवासी महिला के मामले में कार्यप्रणाली को प्रमुखता से उजागर किया।
इसके बाद धनौरा पुलिस थाना प्रभारी मनीष बंसोड़ की नींद खुली और 17 फरवरी को आदिवासी महिला की शिकायत एससी, एसटी एक्ट सहित अन्य विभिन्न धाराओं पर प्रकरण दर्ज किया गया है।