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सेटेलमैन्ट के नाम से प्रताड़ित करता है अंजय विश्वकर्मा प्रभारी डीडीओ

सेटेलमैन्ट के नाम से प्रताड़ित करता है अंजय विश्वकर्मा प्रभारी डीडीओ

सहायक आयुक्त से कार्रवाही करवाने की धमकी देकर होती है वसूली

संकुल प्राचार्य विरनलाल नागेश, अंशकालिन (गणक) शिवम शिवे और डीडीओ अंजय विश्वकर्मा की मिलीभगत उजागर 

24 शिक्षकों ने लिखित शिकायत कर की कार्रवाई की मांग

छपारा। गोंडवाना समय। 

बीडीओ कार्यालय जनपद छपारा के अंतर्गत आने वाले संकुल केंद्र गोरखपुर अंतर्गत प्रभारी डीडीओ अंजय विश्वकर्मा के द्वारा संकुल क्षेत्र के समस्त कर्मचारियों शिक्षकों को अनावश्यक प्रताड़ित किए जाने की लिखित शिकायत सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग सिवनी को प्रस्तुत की गई है। 

रिकार्ड खंगालना, जांच पंचनामा के बगैर ही कार्रवाई की देता है धमकी 


जिसमें बताया गया है कि वर्तमान समय में गोरखपुर संकुल अंतर्गत डीडीओ के प्रभार संभाल रहे अंजय विश्वकर्मा द्वारा कई वर्षों से कर्मचारी व संकुल शिक्षकों को तरह तरह की भ्रामक जानकारी देकर उन्हें डराया धमकाया जाता है।
                उनके स्कूल कार्यालय में जाकर रिकार्ड खंगालना, रिकार्ड उठाकर ले जाना, या फिर उनकी छोटी सी शिकायत पर भी जांच पंचनामा के बगैर ही वरिष्ठ कार्यालय से कार्रवाई करवाने की धमकी दी जाती है व वेतन रोकने जैसी बातें कर कर्मचारियों से सेटलमेंट के नाम पर मनमानी रकम वसूल की जाती है।
                आखिरकार इन सब बातों से प्रताड़ित होकर क्षेत्र के 24 शिक्षकों ने लिखित शिकायत प्रस्तुत किया है। अब देखना यह है कि उक्त लिखित शिकायत पर संबंधित डीडीओ प्रभारी अंजय विश्वकर्मा व उसकी टीम पर विभाग क्या ऐक्शन लेता है

लिखित शिकायत में बताया संकुल प्रभारी डीडीओ का खेल 


प्रताड़ित हो रहे शिक्षकों ने अपनी लिखित शिकायत में प्रभारी डीडीओ अंजय विश्वकर्मा के चाल चरित्र के बारे में उल्लिखित किया है कि प्रभारी डीडीओ द्वारा आए दिन आकारण ही स्कूलों की जांच की जाती है एवं शिक्षकों को ए. सी. आॅफिस के नाम पर डराया एवं धमकाया जाता है व विद्यालयों में जांच के नाम पर शासकीय रिकार्ड उठाकर ले जाया जाता है।
                जिसका कोई पंचनामा नहीं बनाया जाता और ना ही कोई लिखित में जब्ती की पावती संस्था प्रमुख को दी जाती हैं एवं सेटलमेंट के नाम पर राशि की डिमांड की जाती है। वहीं नहीं दिए जाने पर वेतन रोकने एवं वरिष्ठ कार्यालय को उल्लेख करने की धमकी जाती है।

प्रभारी प्राचार्य, डीडीओ, अंशकालीनगणक की चक्कर काटते है शिक्षक 


शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार का आवेदन जमा करने के लिए यदि शिक्षक जन शिक्षा केंद्र प्रभारी प्राचार्य के पास जाता है तो प्राचार्य द्वारा डीडीओ के पास भेजा जाता है एवं डीडीओ उस आवेदन को स्वीकार नहीं करता, डीडीओ अंजय विश्वकर्मा कहता हैं कि यह मेरा काम नहीं है उस आवेदन को संकुल प्रभारी के पास भेजा जाता है।
             जहां पर प्रभारी प्राचार्य द्वारा कहा जाता है कि पहले आवेदन बाबू अंशकालीन गणक शिवम शिवे से चेक कराएं। इसके बाद स्वीकार किया जाएगा जो कि शिवम शिवे ना तो फोन उठाता है और न ही मिलता है। बाबू अंशकालीन गणक शिवंम शिवे पुरे समय छपारा विकासखण्ड कार्यालय में रहता हैं और आसानी से आवेदन स्वीकार एवं चेक नहीं करता हैं। जिससे शिक्षकों को बहुत अधिक समस्या होती है एवं सभी प्रकार के काम के लिए छपारा बुलाया जाता है। इस प्रकार शिक्षक बिजादेवरी छपारा एवं गोरखपुर के चक्कर लगाते हैं।

अंशकालीन गणक भी करता है वसूली      

इन सब समस्याओं से जब शिक्षक परेशान होता है तब शिवम शिवे अंशकालीन गणक द्वारा भी शिक्षकों से अनावश्यक रूप से राशि की वसूली की जाती है। छोटे छोटे काम के लिए छपारा एवं गोरखपुर के चक्कर लगाना बहुत ही परेशानी का काम है जिससे शिक्षकों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से बहुत अधिक परेशानी होती है और वह अपना कार्य नहीं कर पाते। इस तरीके की शिकायत प्रस्तुत कर संबंधितों पर कार्यवाही की मांग की गई है।

वेतन रोकने  व वरिष्ठ कार्यालय को पत्रचार करने की दी जाती धमकी 

संकुल प्रभारी डीडओ अंजय विश्वकर्मा द्वारा शालाओं के निरीक्षण के दौरान शालाओं के वित्तीय अभिलेखों की जबरन जांच के दौरान विभिन्न प्रकार की कमियाँ निकाल कर वित्तीय अभिलेखों एवं शालाओं के अन्य रिकार्डों की फोटो खींचकर तथा पंजियों को अपने साथ ले जाकर व बाद में स्पष्टीकरण के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रश्न व कमियां निकालकर वित्तीय अनियमितताओं के नाम पर तथा स्पष्टीकरण का जवाब संतोषप्रद न होना बताकर एक माह के वेतन रोकने एवं वरिष्ठ कार्यालय को पत्राचार करने के नाम पर विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है और संस्था प्रमुखों व शिक्षकों कार्रवाई से बचाने के नाम पर राशि की वसूली संबंधितों के द्वारा की जाती है।
            शिक्षक द्वारा राशि नहीं दिए जाने पर संबंधितों के द्वारा इनके संपर्क के किसी व्यक्ति के नाम आरटीआई लगाकर मीडिया या पत्रकार पहुंचाकर सेटलमेंट के नाम पर इनके द्वारा राशि की वसूली की जाती है और शिक्षकों को मानसिक शारीरिक आर्थिक परेशानियां दी जाती है। 

बीरनलाल नागेश, अंजय विश्वकर्मा एवं शिवम शिव कर रहे मनमानी 

डीडीओ प्रभारी अंजय विश्वकर्मा द्वारा जब वसूली करना होता है तो उनके द्वारा बिना कारण के ही विद्यालय की जांच की जाती और जांच के बाद उक्त शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाता है तो शिक्षक परेशान होकर  संबंधितों द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का जवाब प्रस्तुत करने के लिए यदि प्रभारी संकुल प्राचार्य बीरनलाल नागेश शासकीय हाईस्कूल गोरखपुर के पास जाता है तो संकुल प्राचार्य द्वारा आवेदन लेने से मना कर दिया जाता है और संकुल प्राचार्य द्वारा कहा जाता है कि स्पष्टीकरण का जवाब डीडीओ के पास ही जमा करें।
            इस दौरान डीडीओ से इस संबंध में संपर्क किया जाता है। तो वह कार्यालय गोरखपुर में नहीं रहते वह कहते हैं कि छपारा आकर जवाब प्रस्तुत करें। इस तरह हम शिक्षकों को स्कूल से छपारा की दूरी करीब 30 है और हमें आने जाने जवाब पेश करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
            इस तरह संकुल प्राचार्य बीरनलाल नागेश, डीडीओ  अंजय विश्वकर्मा एवं अंशकालीन गणक शिवम शिवे यह सब मिलकर के हम शिक्षकों को तरह तरह की प्रताड़ना देकर कार्रवाई की धमकी देकर वेतन रोकने की धमकी देकर ऊपर पत्राचार करने की धमकी देकर हमसे अलग-अलग तरीके से पैसों की वसूली करते हैं। उक्त संबंध की शिकायत प्रस्तुत की गई।

लोकायुक्त से रिश्वत मामले में रंगे हाथ पकड़ाए मुकेश नामदेव करता था टीम वर्क में काम 

बीते दिनों गोरखपुर संकुल बीजादेवी जन शिक्षा केंद्र प्रभारी के प्राचार्य मुकेश नामदेव ग्राम मड़वा में शिक्षकों से वसूली के मामले में दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ लोकायुक्त द्वारा पकड़ाए गए हैं, उसी टीम में भी यह संदेह किया जाना लाजिमी है कि डीडीओ अंजय विश्वकर्मा एवम अंशकालीन गणक शिवम शिवे और प्राचार्य वीरनलाल नागेश सबकी मिलीभगत के चलते गोरखपुर संकुल क्षेत्र के सीधे सादे भोले भाले आदिवासी शिक्षकों को तरह तरह की प्रताड़ना धमकी देकर जांच कार्रवाई के नाम पर वसूली की जाती है।
                        इन सब बातों का उल्लेख करने के पीछे शिक्षकों द्वारा की गई शिकायत बहुत बड़ा कारण है। जो कि क्षेत्र के शिक्षकों द्वारा की गई शिकायत इस बात को स्पष्ट करती है। फर्जी शिकायतों की जांच के नाम पर किस तरह से भ्रष्टाचारियों की पूरी टीम काम करती है अब देखना यह है कि सहायक आयुक्त कार्यालय में बैठे उच्चाधिकारी जो कि यह सब मिलीभगत में भी शामिल हो सकते हैं। यदि वह शामिल नहीं है तो इन आरोपित अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाती है?

सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग ने दिए जांच के आदेश 

शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायत आवेदन पर तत्काल  संज्ञान में लेकर सहायक आयुक्त श्री सतेन्द्र मरकाम ने जांच के आदेश देते हुए जांच टीम गठित कर दी है जिसमें जांच अधिकारी के रूप में विजय आनंद कुल्हाड़ा प्राचार्य हाईस्कूल देवगाँव, महेश कुमार रहमतकर प्राचार्य सीएम राइस विद्यालय छपारा, लोमेश चौकसे सहा.ग्रेड 2 कार्यालय विकासखण्ड अधिकारी छपारा, इस तरह 3 सदस्यों की टीम को जांच का जिम्मा सौंपा गया है और शिक्षकों की शिकायत पर निष्पक्ष जाँच करते हुए 3 दिवस के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। अब देखना है की 24  शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत शिकायत पर किस स्तर की निष्पक्ष जांच की जाती है और जांच में दोषी पाए जाने पर दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी। 


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