आदिवासी बुजुर्ग को सुनवारा पुलिस ने बेहरमी से हरा नीला और काला करते तक पीटा
सुनवारा पुलिस ने आदिवासी बुजुर्ग से 8 हजार 500 रूपये भी छुड़ाये
पुलिस अधीक्षक सिवनी सहित सीएम, उच्चाधिकारियों को की गई शिकायत
सुनवारा/धनौरा। गोंडवाना समय।
सभी तो नहीं लेकिन कुछेक पुलिस थानों में पदस्थ कुछेक वर्दीधारियों पर पुलिसिया तुर्रा सिवनी जिले में पूरे शबाब में है। हमदर्दी का राग अलापने वाली वर्दी, बुजुर्गों पर भी बेरहमी के साथ कहर ढा रही है। सुनवारा पुलिस ने भी वर्दी नहीं हमदर्दी का नाम रोशन करते हुये 17 अप्रैल 2025 की रात्रि में लठ्ठ भांजकर एक आदिवासी बुजुर्ग को बेरहमी से मारते पीटते हुये हरा नीला काले निशान आते तक और चमड़ी उधेड़ते तक मारने का कृत्य किया है।
आदिवासी बजुर्ग जो कि लगभग 55 वर्ष से भी अधिक उम्र का व्यक्ति है जिसे 100 डायल में उठाकर ले जाने के बाद सुनवारी पुलिस चौकी के लॉकप में बंद करके लठ्ठ से बेदर्दी के साथ मारा पीटा और आदिवासी बुजुर्ग के जेब में रखे लगभग 8 हजार 500 रूपये भी छुड़ा लिये।
सुनवारा पुलिस की निर्दयता की हद पार तो तब हो गई जब आदिवासी बुर्जुग को सुनवारा पुलिस ने रात्रि के 3 बजे सुनवारा पुलिस चौकी से बाहर निकालकर घर जाने के लिये छोड़ दिया। बेचारा बुजुर्ग आदिवासी अपने गांव लगभग 22 किलोमीटर दूर पैदल चलकर लगंड़ते-लगंड़ते सुबह 7 बजे पहुंचा तब घर वालों को हकीकत बताया। इसके बाद परिवार के साथ सिवनी मुख्यालय और पुलिस महानिदेशक सहित उच्चाधिकारियों तक सुनवारा पुलिस की बर्बरता की शिकायत पहुंचाया है।
सुनवाराटोला अपने बेटे को लेने गया था
हम आपको बता दे कि गणेश परते पिता मुरारीलाल परते, जाति गोंड, निवासी ग्राम धौरिया, ग्राम पंचायत गुंगवारा, तहसील व थाना लखनादौन, जिला-सिवनी का निवासी है। आदिवासी बुजुर्ग गणेश परते ने बताया कि उसका बेटा रंजीत परते जो कि कक्षा नवमी में अध्ययन करता है और सिवनी छात्रावास में रहता है। वहीं सुनवारा टोला में उसकी बड़ी दीदी के ससुराल गया था। इस दौरान उसके अधीक्षक का फोन 16 अप्रैल 2025 को आया था कि रंजीत परते को भेजना तो वह अपने पुत्र को लेने के लिये सुनवारा टोला दिनांक 17 अप्रैल 2025 को रात्रि में लगभग 8 बजे पहुंचा था।
100 डायल में रात्रि में 9.30 बजे बैठालकर सुनवारा चौकी ले गये थे
आदिवासी बुजुर्ग गणेश परते जो कि दिनांक 17 अप्रैल 2025 को सुनवारा टोला गांव में रख्खन मरावी के यहां पर बैठा हुआ था। इसी दौरान रात्रि में लगभग 9.30 बजे 100 डायल की गाड़ी में सुनवारा पुलिस चौकी के कुछ पुलिस कर्मचारी आये और पूछने लगे कि गणेश परते कौन है। इस पर आदिवासी बुजुर्ग गणेश परते ने कहा कि साहब मैं गणेश परते हूं क्या काम और मुझे क्यों पूछ रहे हो, इसके बाद पुलिस वालों ने कहा तुम गाड़ी में बैठों और चुपचाप सुनवारा पुलिस चौकी चलों कहकर पुलिस चौकी लेकर चले गये।
तीन पुलिस कर्मचारी कौन है जिन्होंने बेरहमी से किया मारपीट
सुनवारा पुलिस चौकी में आदिवासी बुजुर्ग ने कहा कि मैं तो अपने बेटे को लेने के लिये अपने गांव धौरिया से सुनवाराटोला आया हूं लेकिन आप लोगों ने मुझे पुलिस चौकी क्यों लेकर आये हो, इतना कहते ही सुनवारा पुलिस चौकी में मौजूद पुलिस कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी बुजुर्ग को घसीटकर अंदर लॉकप में लेकर गये। वहां पर डण्डे से बुरी तरह से बेरहमी के साथ मारपीट किया गया।
मारपीट करने वाले पुलिस कर्मचारियों की संख्या तीन थी जिनके नाम तो आदिवासी बुजुर्ग नहीं जानते है लेकिन चेहरा सबके पहचानते है। इन तीनों पुलिस कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी बुजुर्ग के जेब में रखे 8 हजार 500 रुपए जबरदस्ती निकाल लिये थे। पैसे निकालने की बात पूछने पर पुलिस वालों ने और भी डण्डों से मारा पीटा जिसके कारण आदिवासी बुजुर्ग की पीठ, जांघ, पिण्डली, हाथ की कोहनी, में आज भी डण्डों के निशान मौजूद है।
रात्रि में लगभग 3 बजे छोड़े और पैदल 22 किलोमीटर चलने के लिये हुये मजबूर
आदिवासी बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें पुलिस वालों ने 1100 रुपए वापस किये तब उन्होंने कि मेरे पास 8 हजार 500 रुपए थे तो पुलिस वालों ने फिर मारपीट किया और कहें इतने ही रखे लें नही ंतो ये भी वापस नहीं मिलेंगे। इसके बाद आदिवासी बुजुर्ग गणेश परते को सुनवारा पुलिस चौकी के कर्मचारियों ने 17 अप्रैल 2025 को रात्रि में लगभग 3 बजे छोड़े थे। वह डर के कारण पैदल-पैदल सुनवारा चौकी से अपने गांव धौरिया जो कि लगभग 22 किलोमीटर पैदल चलकर लंगड़ते हुये सुबह-सुबह 7 बजे अपने घर पहुंचा।
परिवार को घर पहुंचकर दी जानकारी
इसके बाद आदिवासी बुजुर्ग ने अपने परिवार में सुनवारा पुलिस द्वारा की गई बुरी तरह से मारपीट की जानकारी दिया। वह अपने परिवारजनों के साथ पुलिस अधीक्षक सिवनी कार्यालय में शिकायत करने आये। वहीं इस संबंध में आदिवासी बुजुर्ग ने शिकायत मुख्यमंत्री, अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली एवं भोपाल, पुलिस महानिदेशक भोपाल, आईजी पुलिस कार्यालय जबलपुर में किया है।