Type Here to Get Search Results !

गौ माता की दुर्दशा : चिखली गौशाला के पीछे मिले दर्जनों कंकाल

गौ माता की दुर्दशा : चिखली गौशाला के पीछे मिले दर्जनों कंकाल 

सत्यता उजागर करने पर राजनीतिक दबाव और फर्जी मामलों में फंसाने की मिल रही धमकियां 

प्रभाकर बिसेन ने गौ माता की सुरक्षा को लेकर संज्ञान लेने की रखी मांग 

चिखली/ सिवनी। गोंडवाना समय।

गौ माता के भक्तों की सरकार में जिस तरह से गौ माता की दुर्दशा हो रही है वह चिंताजनक व गँभीर विषय है। सरकार से सुविधाएं, अनुदान सहित बजट मिलने के बाद भी यदि गौ शाला में गौ माता की मृत्यू हो रही है तो यह शासन की योजना पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है।
             


गौ शाला की आड़ में आय का साधन बनाने वालों और दिखावा करने वालों की कलई भी खुलती है। यदि यही स्थिति अन्य वर्ग के द्वारा निर्मित की जाती तो गौ माता के भक्त अब तक सड़क पर उतरकर आंदोलन प्रदर्शन करने लग जाते और अनावश्यक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता।
            

बहरहाल जो भी परिस्थिति हो लेकिन गौ माता के साथ ऐसी दुदर्शा कतई न्यायोचित नहीं है इस पर कठोरतम निर्णय के साथ साथ संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता है और गौ माता की सुरक्षा व उनके जीवन को बचाने के लिये संज्ञान लेने की भी आवश्यकता है। 

तड़पते-तड़पते छोड़ दिया जाता है 


गौमाता की रक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नेता और गौशाला संचालक एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। चिखली गाँव की गौशाला के पीछे बरसाती नाले के पास दर्जनों गायों के कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई है। यह वही इलाका है जहाँ बीमार और कमजोर गायें चरने जाती हैं और लौटते वक्त गिर जाती हैं जिन्हें बाद में वहीं तड़पते-तड़पते छोड़ दिया जाता है।

9 मई को हृदय विदारक दृश्य सामने आया 


यह हृदय विदारक दृश्य तब सामने आया जब सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर बिसेन ने 9 मई 2025 दोपहर 2:30 बजे गौशाला का दौरा किया। उन्होंने गेट खटखटाया, आवाज लगाई, लेकिन अंदर एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि गौशाला में कोई देखभाल नहीं हो रही है और गायों को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।
            प्रभाकर बिसेन ने सरकार, शासन, प्रशासन से मांग किया है कि गौ माता के जीवन की सुरक्षा के लिये तत्काल उचित कदम उठाने की आवश्यकता है यदि गौ माता बीमार है तो उनके उपचार कराने की जरूरत है। हर हाल में गौ माता के जीवन को बचाने के लिये गँभीरता व संवेदनशीलता के साथ न्यायोचित कदम उठाने की आवश्यकता है। 

वादे सिर्फ दिखावे तक सीमित रहे 

गौरतलब है कि 4 मई 2025 को भी जब गौशाला की हालत उजागर हुई थी, तब गौशाला की संचालिका श्रीमती छाया अनिल एड़े के पति अनिल एड़े और सरपंच ने पत्रकारों के सामने स्थिति सुधारने का वादा किया था। कहा गया था कि 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे और बीमार गायों का इलाज होगा। लेकिन प्रभाकर बिसेन का आरोप है कि ये वादे सिर्फ दिखावे तक सीमित रहे। 

गौमाताओं की यह दुर्दशा बंद नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा


वहीं ग्रामीणों का कहना है कि मृत गौमाताओं को अध जमीन में दबा दिया जाता है और कई बार तो अंतिम संस्कार तक नहीं होता। कनक एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन और ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे रहा है।
                लोगों का कहना है कि अगर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई और गौमाताओं की यह दुर्दशा बंद नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा। प्रभाकर बिसेन ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें सच सामने लाने के बदले राजनीतिक दबाव और फर्जी मामलों में फंसाने की धमकियां मिल रही हैं। लेकिन उनका कहना है कि अब जनता चुप नहीं बैठेगी यह लड़ाई गांव-गांव तक फैलेगी। चिखली में न्याय की मांग तेज हो गई है। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन रुकने वाला नहीं है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.