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प्रमोद भारद्वाज सब इंस्पेक्टर पर कानूनी कार्यवाही कराने पीड़ित आदिवासी परिवार ने दिया आवेदन

प्रमोद भारद्वाज सब इंस्पेक्टर पर कानूनी कार्यवाही कराने पीड़ित आदिवासी परिवार ने दिया आवेदन 

पीड़ित आदिवासी के साथ अभद्रता कर पुलिस थाना से भगाने पर आहत होकर किया जान देने की कोशिश 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

सब इंस्पेक्टर प्रमोद भारद्वाज द्वारा पीड़ित आदिवासी को पुलिस थाना लखनवाड़ा में अपमानित व प्रताड़ित करने पर जीवन को ही समाप्त करने पर मजबूर होने वाले पीड़ित आदिवासी सुनील मर्सकोले ने एसआई प्रमोद भारद्वाज पर कानूनी कार्यवाही कराने को लेकर पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र लिखा है। इसके साथ ही पीड़ित आदिवासी ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक व जनजाति आयोग को भी पत्र लिखा है। 

एस आई प्रमोद भारद्वाज द्वारा जानबूझकर अभद्रता व दुर्व्यवहार किया गया 


उल्लेखित पत्र में पीड़ित आदिवासी परिवार के सदस्यों में सुनील मर्सकोले, पत्नि गुलाबवती मर्सकोले एवं बेटा चंद्रजीत मर्सकोले ने बताया कि सब इंस्पेक्टर श्री प्रमोद भारद्वाज के द्वारा गोंड जनजाति वर्ग का होने की जानकारी के बाद भी पुलिस थाना लखनवाड़ा में जातिगत द्वेषवश, जातिगत दुर्भावना रखते हुये पुलिस थाना में गंदी गंदी गालियां बककर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।
                

जबकि हमारा परिवार बेटी के गुम होने के कारण वैसे ही अत्याधिक परेशान था उसके बाद भी एस आई प्रमोद भारद्वाज द्वारा जानबूझकर अभद्रता व दुर्व्यवहार किया गया।

जिसके कारण ही आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने के लिये मजबूर होना पड़ा। 

डूण्डासिवनी पुलिस ने बेटी को खोजकर परिजनों को सौंपा 

उल्लेखित पत्र में पीड़ित आदिवासी परिवार ने बेटी के गुम होने का पूरा विवरण का उल्लेख किया है। इस संबंध में उन्होंने डूण्डासिवनी पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी इसकी भी जानकारी का उल्लेख उन्होंने किया है। यहां हम आपको बता दे कि डूण्डासिवनी पुलिस थाना द्वारा बेटी को खोजकर परिवारजनों को सौंप दिया गया है। यह पुलिस प्रशासन की बड़ी उपलब्धी भी है जो कि सराहनीय व प्रशंसनीय कार्य है। 

सब इंस्पेक्टर  प्रमोद भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है

आदिवासी पीड़ित परिवार का कहना है कि अपने निवास स्थल व गांव के करीब लखनवाड़ा पुलिस थाना होने के कारण ही वह कानूनी मदद के लिये जा रहे थे। पीड़ित आदिवासी सुनील मर्सकोले लखनवाड़ा पुलिस थाना में 2 से 3 बार गया था। वहीं 24 मई 2025 को भी पीड़ित आदिवासी सुनील मर्सकोले अपने बेटे व परिचितों के साथ पुलिस थाना लखनवाड़ा गये थे।
            जहां पर पुलिस थाना लखनवाड़ा में सब इंस्पेक्टर श्री प्रमोद भारद्वाज मिले थे जिन्होंने पीड़ित व परेशान आदिवासी सुनील मर्सकोले को गंदी गंदी गालियां दी और उसके साथ अभद्रता करते हुये अपमानित किया। जिससे आहत होकर सुनील मर्सकोले अपनी जान देने को तैयार हो गया था।
            सुनील मर्सकोले ने मजबूर होकर पुलिस थाना लखनवाड़ा के सामने ही जहर खाकर अपनी जान देने की कोशिश किया था। हालांकि तुरंत उनके परिजनों के द्वारा सुनील मर्सकोले को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार जारी है। वहीं मीडिया में मामला सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने सब इंस्पेक्टर श्री प्रमोद भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है। 

पिता की जान देने की कोशिश से परेशान बेटा भी हुआ अस्पताल में भर्ती 

हम आपको बता दे कि पिता के जान देने की कोशिश करने पर परेशान होकर बड़ा पुत्र इंद्रजीत मर्सकोेले भी बीमार हो गया था जिसे भी इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में भर्ती करया गया था। पिता के साथ बेटा का उपचार भी जिला चिकित्सालय में कराया गया। 

भयभीत है पीड़ित आदिवासी परिवार 

पीड़ित आदिवासी परिवारजनों को डर व भय है कि उनके साथ भविष्य में जनहानि या शारीरिक नुकसान पहुंचाने का प्रयास सब इंस्पेक्टर श्री प्रमोद भारद्वाज के द्वारा किया जा सकता है या फिर कानूनी रूप से झूठे प्रकरण में भी फंसा सकता है। इसलिये उन्होंने सुरक्षा दिलाने की मांग भी किया है। वहीं न्याय दिलाने में सहयोग करने के लिये गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से भी सहयोग मांगा है। 

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