हमें समाज के विकास हेतु संगठित होने व एकता के साथ रहने की जरूरत है-सावित्री मर्सकोले
कोया पुनेम गोंड़ी गाथा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में शामिल हुई सावित्री मर्सकोले
पुनेमाचार्य दादा शंकरशाह इरपाचे जी द्वारा सगाजनों को दी गई धर्म व संस्कृति की जानकारी
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के अंतर्गत बाजारपारा अमोरा पथरिया पांच दिवसीय कार्यक्रम में रखे विचार
मुंगेली/छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।
कोया पुनेम गोंड़ी गाथा कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के अंतर्गत बाजारपारा अमोरा पथरिया में 24 मई से 28 मई 2025 तक पांच दिवसीय भव्यता के साथ सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राधिका छेदईहा ने जानकारी देते हुये बताया कि उक्त कोया पुनेम गोंडी गाथा कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी सगाजनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
सावित्री मर्सकोले समाजसेविका का भव्य स्वागत किया गया
वहीं उन्होंने बताया कि 26 मई 2025 को आयोजन में सिवनी जिले से सावित्री मर्सकोले समाजसेविका का आगमन हुआ, जहां पर उनका भव्य स्वागत रीति रिवाज अनुसार मातृशक्तियों के द्वारा किया गया।
जिसकी संस्कृति, भाषा, मजबूत होती है वह समाज भी मजबूत होता है-सावित्री मर्सकोले
कार्यक्रम में समाजसेविका सावित्री मर्सकोले द्वारा अपने संदेश में कोयापुनेम कार्यक्रम आयोजन समिति की सराहना की गई एवं कहा गया कि इस तरह से कोयापुनेम कार्यक्रम कराने से धर्म, संस्कृति, रीति-रिवाज, पंरपरा, भाषा की जानकारी मिलती है एवं हमारी धर्म व संस्कृति मजबूत होती है। जिसकी संस्कृति, भाषा, मजबूत होती है वह समाज भी मजबूत होता है। हमें समाज के विकास के लिये संगठित होने व एकता के साथ रहने की जरूरत है।
राधिका छेदईहा का प्रयास सराहनीय व प्रेरणास्त्रोत है
कोयापुनेम कार्यक्रम का आयोजन कराने वाली समिति के सदस्यों व सुश्री राधिका छेदईहा के द्वारा अच्छा प्रयास किया गया है कार्यक्रम में मौजूद संख्या व सगाजनों को देखकर यह कहा जा सकता है कि उक्त कोयापुनेम कार्यक्रम प्रशंसनीय है। अन्य स्थानों पर भी इसी तरह कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाना चाहिये।
गोंडी धर्म, संस्कृति, रीति रिवाज, परंपरा की दे रही जानकारी
वहीं कोयापुनेम के माध्यम से अपने मुखारबिंद से सगाजनों को बाजारपारा अमोरा पथरिया में 24 मई से 28 मई 2025 तक पांच दिवसीय आयोजन में गोंडी धर्म, संस्कृति, रीति रिवाज, परंपरा का संगीतमय स्वर के साथ जानकारी प्रदान करने वाले पुनेमाचार्य दादा शंकरशाह इरपाचे जी द्वारा दिया जा रहा है जिससे मैं स्वयं भी और आयोजन स्थल पर मौजूद सगाजन अत्याधिक प्रभावित हुये।