क्या शराब पकड़ने के दौरान बेकसूर आदिवासी महिला की मृत्यू से बच्चे हुये अनाथ ?
डूण्डासिवनी पुलिस थाना अंतर्गत गहरानाला की आदिवासी महिला की मृत्यू से उठ रहे सवाल
शराब ठेकेदार के आदमी, पुलिस कर्मचारी, आबकारी विभाग आखिर कौन पकड़ने गये थे शराब
बकरी चराने गयी आदिवासी महिला वर्दी में दौड़ते हुये देखकर भागी तो गहरे गड्डे में गिरने से हुई थी घायल
नागपूर में उपचार के दौरान हुई मृत्यू, गहरानाला में हुआ था अंतिम संस्कार
17 जुलाई की घटना में आदिवासी महिला हो गई थी गंभीर रूप से घायल
सिवनी। गोंडवाना समय।
नशा से दूरी है जरूरी अभियान के तहत एवं सतत नशा के खिलाफ धरपकड़ अभियान पुलिस विभाग व आबकारी विभाग द्वारा चलाया जाता है। जिसमें कच्ची शराब बनाने वालों सहित अवैध रूप से देशी विदेशी शराब बेचने वालों पर भी धरपकड़ की कार्यवाही की जाती है।
विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब बनाने वालों को पकड़ने का अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है। अधिकांशतय: कच्ची शराब पकड़ने वालों को पकड़ने जाने के दौरान आबकारी विभाग व पुलिस के साथ में शराब ठेकेदारों के व्यक्ति भी जाते है।
पूर्व में सिवनी जिले में जामना गोली काण्ड सहित अन्य कुछेक ऐसे मामले हुये है जिसमें विवाद की स्थिति की निर्मित हुई है। ऐसा ही एक मामला डूण्डासिवनी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गहरानाला में आदिवासी महिला की मृत्यू के संबंध में क्षेत्रीय ग्रामीणों की चर्चा के बाद सामने आया है।
गड्डे में गिरने से सिर पर चोट लग गई थी
क्षेत्रिय ग्रामीणों के बीच चल रही चर्चा के अनुसार 17 जुलाई 2025 को वर्दी में और कुछ लोग सिविल ड्रेस में शराब पकड़ने के लिये गहरानाला व सुराजीटोला की ओर गये थे। जहां पर पुलिस की वर्दी में और उनके साथ कुछ आदमी शराब बनाने वालों को पकड़ने के लिये उनका पीछा करते हुये दौड़ रहे थे।
इसी दौरान आगे आदिवासी महिला बकरी चराने के लिये गयी हुई थी। पुलिस की वर्दी में और उनके साथ कुछ व्यक्तियों को दौड़ते हुये अपनी ओर आते हुये देखकर घबराहट में वह भागने लगी। इसके बाद आदिवासी महिला भागते-भागते गहरे गड्डे में गिर गई, जहां पर सिर पर चोट लग गई थी।
गिरने के कारण घायल हो गई थी महिला
ग्रामीणों की चर्चा अनुसार जहां पर आदिवासी महिला गिरी थी उसे कोई देख नहीं पाया था। वहीं सुराजीटोला के कुछ लोगों के देखने के बाद गंभीर रूप से घायल आदिवासी महिला को उपचार कराने अस्पताल लाया गया था। इसके बाद गंभीर स्थिति होने के कारण आदिवासी महिला को नागपूर उपचार हेतु भेजा गया था। जहां पर उपचार के पश्चात आदिवासी महिला की मृत्यू हो गई। फिर गहरानाला ग्राम में लाकर परिजनों व ग्रामीणों की उपस्थिति में 20 जुलाई 2025 को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बच्चों के भविष्य की चिंता
ग्रामीणों की चर्चा के अनुसार यह सामने आया है कि आदिवासी महिला का पति की मृत्यू लगभग 8 से 10 वर्ष पूर्व हो चुकी है। वहीं उसके बच्चे भी है जिनके सिर से पिता के साथ साथ अब मां का साया भी छृट गया है। ऐसी स्थिति में आदिवासी महिला की मृत्यू के बाद बच्चों के भविष्य की चिंता ग्रामीणों के बीच में चर्चा का विषय भी है।
इसके साथ ही शराब पकड़ने गये पुलिस की वर्दी में आखिर पुलिस थाना के कर्मचारी थे या आबकारी विभाग के कर्मचारी थे और उनके साथ सिविल में आदमी कौन थे इनको लेकर सवाल उठ रहे है। इसके साथ ही आदिवासी महिला की मृत्यू का जिम्मेदार कौन है और उसके बच्चों का अनाथ होने का जबाबदार कौन है। वहीं घटना की वास्तविकता भी पर्दे के पीछे है आखिर इसकी सत्यता क्या है ?
