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जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत अनिवार्य न करें हादसे का इंतजार

जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत अनिवार्य न करें हादसे का इंतजार   

आदिवासी बाहुल्य जिला सिवनी में सरकारी शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति खराब 

मंदिर, रंग मंच, निजी घरों में, सामुदायिक व पंचायत भवन, आगंनवाड़ी, 

किचन शेड व मध्यान भोजन कक्ष में भी संचालित हो रही कक्षाएं 

425 स्कूलों में मरम्मत कराने की मांग तो वहीं 166 स्कूलों की हालत जर्जर 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

आदिवासी बाहुल्य जिला में गिफट ए डेस्क मुहिम चलाई जा रही है जिससे शैक्षणिक विकास में वास्तव में अच्छी प्रगति होगी। बच्चों का शिक्षा अध्ययन के प्रति उत्साह व रूची भी बढ़ेगी। इसके साथ ही उन्हें डेस्क बैंच में बैठने की सुविधा भी मिलेगी।
          

 
इसके लिये समाज सेवक, व्यापारी व स्वेच्छा से लोग डेस्क बैंच प्रदान कर रहे है। यह अच्छी पहल है जिसमें बढ़ चढ़कर सिवनी जिले के भारत में रहने वाले ही नहीं वरन विदेशों में रहने वाले भी प्रभावित होकर अभियान में आगे आ रहे है।
         गिफट ए डेस्क का दूरगामी परिणाम सकारात्मक ही आयेंगे ऐसा माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आदिवासी बाहुल्य जिला सिवनी में कुछेक शैक्षणिक संस्थान जिसमें प्राथमिक, माध्यमिक व हायर सेकेण्ड्री स्तर के स्कूल भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में है।
            ऐसे शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिये स्कूल भवन जीवन जिंदगी के लिये खतरा से कम नहीं है। इसके लिये जर्जर व जीर्ण शीर्ण शैक्षणिक संस्थान स्कूल भवनों को या तो मरम्मत कराने की आवश्यकता है या फिर उन्हें गिराकर नया भवन बनाने की आवश्यकता है। हम आपको विकासखंड बार स्कूल भवनों की वास्तविकता से आगामी अंकों में अवगत करायेंगे।

मंदिर, किचन शेड, मध्यान भोजन, रंग मंच, सामुदायिक भवनों में भी संचालित हो रहे स्कूल


सिवनी जिले में सरकारी स्कूल भवन अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त होने के कारण कहीं कहीं तो उसी स्थल पर ही संचालित हो रहे है। इसके अलावा जर्जर स्थिति होने के कारण अन्य स्थानों में जैसे की सामुदायिक भवन, मंदिर में, निजी घर में, अन्य शाला भवनों में, शिक्षक के घरों में, किचन शेड में, आगंनवाड़ी में, अतिरिक्त कक्ष में, ग्राम पंचायत भवन में, मध्यान भोजन कक्ष में, रंग मंच व सभा मंच, कन्या आश्रम, खैरमाई मंदिर में स्कूल संचालित किया जा रहा है। 

जीर्ण शीर्ण विद्यालयों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता 


वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड में लगभग 21 स्कूल अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है। वहीं छपारा विकासखंड में लगभग 24 स्कूल की अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है।
            इसी तरह धनौरा विकासखंड में लगभग 7 स्कूल अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है। इसी तरह घंसौर विकासखंड में लगभग 55 अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है। वहीं केवलारी विकासखंड में लगभग 20 अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है।
            इसी तरह कुरई विकासखंड में लगभग 7 अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है। इसी तरह लखनादौन विकासखंड में लगभग 13 अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है। सिवनी विकासखंड में लगभग 18 अति जीर्ण शीर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालय है। 

मरम्मत की आवश्यकता 425 स्कूलों में अनिवार्य 


वहीं हम आपको बता दे कि सिवनी विकासखंड में लगभग 96 प्राथमिक शाला है जिसके लिये लगभग 2 करोड़ 61 लाख रूपये की मांग की गई है। वहीं बरघाट विकासखंड में लगभग 87 प्राथमिक शाला है जिसके लिये लगभग 2 करोड़ 45 लाख रूपये की मांग की गई है।
                इसी तरह केवलारी विकासखंड में 22 स्कूल है जिसके लिये लगभग 70 लाख 65 हजार रूपये की मांग की गई है। वहीं कुरई विकासखंड में लगभग 35 स्कूल है जिसके लिये लगभग 85 लाख 63 हजार रूपये की मांग की गई है। इसी तरह छपारा विकासखंड में लगभग 30 स्कूल है जिसके लिये लगभग 96 लाख रूपये की मांग की गई है।
                वहीं लखनादौन विकासखंड में लगभग 57 स्कूल है जिसके लिये लगभग 1 करोड़ 37 लाख रूपये की मांग की गई है। इसी तरह घंसौर विकासखंड में 54 स्कूल है जिसके लिये लगभग 99 लाख 99 हजार रूपये की मांग की गई है। इसी तरह धनौरा विकासखंड में 44 स्कूल है जिसके लिये 85 लाख 8 हजार रूपये की मांग की गई है। इस तरह कुल 425 स्कूल है जहां पर मरम्मत की आवश्यकता है। 

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