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संविदा इंजिनियर जगदीश उईके की मृत्यू के बाद अन्य कर्मचारियों के परिवार के भविष्य की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल

संविदा इंजिनियर जगदीश उईके की मृत्यू के बाद अन्य कर्मचारियों के परिवार के भविष्य की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल 

साधारण व्यक्ति की मृत्यू पर संबल योजना व अन्य योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता राशि मिलती है 

राज्यपाल व मुख्यमंत्री से पत्राचार के माध्यम से संविदा कर्मचारियों के हित में मांग करेंगे 


सिवनी/घंसौर। गोंडवाना समय। 

सिवनी जिले के घंसौर झुरकी सेक्टर में पदस्थ संविदा इंजीनियर जगदीश उईके की हार्ट अटैक से मृत्यू के पश्चात संविदा इंजिनियर जैसे अन्य कर्मचारियों के परिवार के भविष्य को लेकर चिंतन करने के साथ साथ मंथन करते हुये सरकार से सुरक्षित भविष्य को लेकर निर्णय लेने की मांग व आवाज उठ रही है। बताया जाता है कि संविदा इंजिनियर जगदीश उईके के द्वारा शासकीय कार्य का दबाव ओर वेतन के अभाव के बाद भी उन्होंने अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाया। 

संविदा कर्मियों को ऐसी कोई मदद नहीं मिल पा रही है 

जगदीश उईके संविदा कर्मचारियों को मेहनत व शासन की मंशा अनुरूप कार्य करने के बाद भी यदि मृत्यू के पश्चात परिवार के भविष्य की सुरक्षा व पालन पोषण को लेकर शासन स्तर से न तो संवेदना मिली न ही आर्थिक मदद जैसी पहल की गई।
            जिससे जगदीश उईके इंजिनियर जैसे अन्य संविदा इंजिनियर परिवारों में चिंता का माहौल व्याप्त है। जबकि यदि आम आदमी की मृत्यू के बाद शासन स्तर संबल योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि मिलती है। इसके साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं के तहत उनके परिवार के सदस्यों को आर्थिक मदद मिलती है लेकिन संविदा कर्मियों को ऐसी कोई मदद नहीं मिल पा रही है।

         जिससे संविदा कर्मचारियों के परिजनों में स्पष्ट चिंता की लकीरे दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में कई बार संविदा इंजीनियर कहें या अन्य संविदा कर्मचारी ही आपस में सहयोग राशि एकत्र करके देते है। 

सर्वसमुदाय की ओर से मनीराम काकोड़िया ने दु:ख व्यक्त किया  



घंसौर विकासखंड से पंचायत के प्रतिनिधि के रूप में जनसेवा करने वाले एवं समाजसेवक मनीराम काकोड़िया ने दु:ख व्यक्त करते हुये बताया कि इंजिनियर जगदीश उईके संविदा कर्मचारी के रूप में 2012 से पदस्थ थे। उनके परिवार में पत्नि व दो बालिका हैं।
         उन्होंने आगे बताया कि बड़ा दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि घंसौर विकासखंड घंसौर पदस्थ सब इंजीनियर जगदीश उइके का दिनांक 3 जुलाई 2025 को आकस्मिक हृदय गति रुक जाने के कारण मृत्यु हो गयी। यह तकनीकि विभाग के साथ साथ हमारे समाज के लिए बहुत बड़ी छति है। इसके साथ ही घंसौर विकासखंड के लिए बहुत से शासकीय कार्यों में वर्तमान में बाधाये उत्पन्न होगी।

इंजिनियर जगदीश उईके ने कर्तव्य के साथ जिम्मेदारी निभाया 

समाजसेवक मनीराम काकोड़िया ने बताया कि लंबे समय यानि वर्ष 2012 से शासकीय सेवाएं दे रहे इंजिनियर जगदीश उइके जो अपने कार्य क्षेत्र में कार्य कुशलता पूर्वक अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन पूर्ण रूप से किया। उन्होंने अपने कार्यों के प्रति कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और परिवार में अपनी धर्मपत्नी श्रीमती दुर्गा उइके और दो बेटियां को छोड़कर प्रकृति की गोद में समाहित हो गये। ऐसे पीड़ित परिवार के लिए उन्होंने घंसौर क्षेत्रवासियों की ओर से गहरी संवेदनाएं व्यक्त किया हैं। 

परिवार के सदस्यों को मध्यप्रदेश शासन इन्हें एक मुस्त राशि प्रदान करें 

समाजिक कार्यकर्ता मनीराम काकोड़िया ने कहा कि हम चाहते हैं कि मध्य प्रदेश शासन से ऐसे शासकीय सेवक संविदा कर्मचारियों की समय के पर्ू्व आकस्मिक मृत्यु दुर्घटना होती है तो पीड़ित परिवार को भरण पोषण के लिए मध्यप्रदेश शासन इन्हें एक मुस्त राशि प्रदान करें। किसी भी वर्ग समाज से चाहे वह एसटी, एससी, ओबीसी, सामान्य वर्ग से क्यों ना हो हमारे शासकीय सेवक जो संविदा कर्मिर्यों के रूप में अपनी सेवा कर्तव्य निभा रहे है। 

परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति या रोजगार उपलब्ध करायें 

सेवा काल के समय में किसी प्रकार की किसी दुर्घटना या आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो शासकीय सेवक को मध्य प्रदेश सरकार ऐसे पीड़ित परिवारों को शासकीय व्यवस्था अनुसार ऐसे परिवार को रोजगार या आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की नीति नियम बनाकर तत्काल लागू करें इसका लाभ इंजिनियर जगदीश उईके सहित अन्य प्रभावित संविदा कर्मचारियों को भी दी जावे। 

भविष्य निधि या अन्य कोई व्यवस्थाएं बनाकर सहायता प्रदान करें 

सामाजिक कार्यकर्ता मनीराम काकोड़िया ने मृतक परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुये इंजिनियर जगदीश उईके के परिवार में बच्चियों और उनकी पत्नी के लिए की मध्यप्रदेश शासन उनके भविष्य के लिए भविष्य निधि या अन्य कोई व्यवस्थाएं बनाकर सहायता प्रदान करें।  जिससे उनके परिवार की समुचित भविष्य सुरक्षित हो सके। वहीं इस मामले में उक्त विषय को लेकर महामहिम राज्यपाल एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्राचार के माध्यम से पत्र भी प्रेषित करेंगे। 


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