कांग्रेस को पहले वो हराते थे अब ये हरायेंगे, क्या यही है बदलाव की बयार ?
सिवनी जिले में कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष बदलते ही उभर रही फिर वहीं पुरानी तस्वीर
राहूल गांधी के संगठन सृजन अभियान को सिवनी जिले में कितनी सफलता मिलेगी
नरेश मरावी के लिये कांग्रेस की गुटबाजी को समाप्त करना होगी सबसे बड़ी चुनौती
सिवनी। गोंडवाना समय।
आदिवासी बाहुल्य जिला सिवनी में आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी को जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
कांग्रेस नेता राहूल गांधी के संगठन सृजन अभियान के तहत और कांग्रेस की मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में लगातार हार के कारणों से मंथन-चिंतन के बाद संगठन के पदों में जिम्मेदारी देने के लिये गये निर्णय के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यकों को कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया है।
कांग्रेस को उम्मीद कि आदिवासी मतदाताओं का रूझान पार्टी की ओर बढ़ेगा
कांग्रेस पार्टी ने गोंडवाना आंदोलन के प्रभावी क्षेत्र सिवनी, मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट व अन्य आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से नियुक्त किया है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में आदिवासी मतदाताओं का रूझान पार्टी की ओर बढ़ेगा।
वहीं दूसरी ओर यदि हम बात करें सिवनी जिले की तो यहां पर आदिवासी चेहरा के रूप में नरेश मरावी को जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
हमारे नेता ने बनवाये नरेश मरावी को अध्यक्ष का दावा ठोक रहे समर्थक
वहीं नरेश मरावी को जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बनाये जाने के पीछे कुछ कांग्रेस के क्षत्रप नेताओं के समर्थक अपनी भूमिका बता रहे है। नरेश मरावी को अध्यक्ष बनवाने का दावा ठोंकते हुये कुछ कांग्रेस नेताओं के समर्थक कह रहे है कि अब हमारे हिसाब से कांग्रेस पार्टी चलेगी मतलब पहले किसी ओर के हिसाब से कांग्रेस चलती थी अब नरेश मरावी को अध्यक्ष बनवाने वालों के हिसाब से चलेगी।
समर्थक तो यहां तक कह रहे है कि नया कांग्रेस अध्यक्ष दस्तखत भी हमारे हिसाब से करेगा अब समर्थकों की बात में कितना दम है और कितन सच है यह तो जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नरेश मरावी की कार्यशैली ही भविष्य में बतायेगी।
भीतरघातियों से पटा पड़ा है सिवनी में कांग्रेस का इतिहास
वहीं चुनाव के परिणामों में सिवनी विधानसभा से हार का मुंह देखने वाली कांग्रेस की समीक्षा बैठकों में हर बार अपनी ही पार्टी के भीतरघातियों पर आरोप प्रत्यारोप लगाया जाता है, कारण बताओं नोटिस जारी किया जाता है, निष्कासित भी किया जाता रहा है और पुन: पार्टी में घर वापसी भी होती रही है। अर्थात कांगे्रस को कांग्रेसियों द्वारा हराने की परंपरा वहीं चली आ रही है। कांग्रेस को पहले वो हराते थे अब ये हरायेंगे, यही है बदलाव की बयार की चर्चा भी चल रही है।
नरेश मरावी के लिये गुटबाजी होगी मुख्य चुनौती
सिवनी जिले में जिला कांगे्रस कमेटी का अध्यक्ष भले ही बदल गया हो लेकिन हार के इतिहास को कांग्रेसी ही दोहराने के लिये गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे है। नरेश मरावी के जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बनने के बाद बधाई संदेशों के साथ लगाये गये हार्डिंग्स व फैलक्स बैनरों में गुटबाजी का स्पष्ट संदेश दिखाई दे रहा है। वहीं कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की घोषणा होने के बाद सोशल मीडिया में त्यागपत्र देने का सिलसिला चलने के बाद प्रतिक्रियाएं भी स्पष्ट रूप से सामने आई है। ऐसी स्थिति में नव नियुक्त कांगे्स जिला अध्यक्ष नरेश मरावी के लिये कांग्रेस में गुटबाजी मुख्य चुनौती होगी।
गुटबाजी को बढ़ावा देकर कांग्रेस को कर रहे कमजोर
ऐसी स्थिति में राहूल गांधी के संगठन सृजन अभियान को सिवनी जिले में कितनी सफलता मिलेगी। वहीं आगामी विधानसभा चुनाव में सिवनी जिले चारों विधानसभा के मतदान केंद्रों में कांग्रेस अपने पक्ष में अधिक अधिक से मतदान कराने में कहां तक सफल हो पायेगी। कांग्रेस के नव नियुक्त जिला अध्यक्ष नरेश मरावी के लिये सबसे पहली चुनौती तो अध्यक्ष बनवाने के लिये दावा ठोंकने वाले कांग्रेस के क्षत्रप नेताओं से ही है जो गुटबाजी को बढ़ावा देकर कांग्रेस को कमजोर करने की कवायद कर रहे है।





