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चुनावी शराब ने ली जान, नेताओं को नहीं रोक पाये बांटने से दारू

चुनावी शराब ने ली जान, नेताओं को नहीं रोक पाये बांटने से दारू

सिवनी। गोंडवाना समय।
कहते है कि शराब तो है ही खराब यही शराब वाद-विवाद, दुर्घटना, अशांति फैलाने, नैतिक पतन, समाजिक पतन, आर्थिक व शारीरिक नुकसान का कारणों के रूप में मानी जाती है लेकिन जब चुनाव आता है तो यही शराब नेताओं के लिये संजीवनी का काम करती है क्योंकि यही शराब बांटकर वे मतदाताओं को बहकाकर उनका मत वोट लेने के लिये जी भर कर उन्हें मुफ्त में शराब बांटते है और जब शराब के शौकिनों को फ्री में शराब मिलती है तो वे शराब का सेवन अधिक मात्रा में करते है जिससे कई बार उसका दुष्प्रभाव पड़ता है ज्यादा नशा हो जाने के कारण वे दुघर्टना का शिकार हो जाते है और उसमें या तो शारीरिक रूप से विकलांग हो जाते है या फिर मौत के मुंह में समा जाते है । हम बात कर रहे है केवलारी विधानसभा की जहां पर छपारा क्षेत्र में मतदान प्रारंभ के एक दिन पहले ही एक युवक एक्सीडेंट में मृत हो गया था । उसकी दुघर्टना के बाद स्पाट की तस्वीर सामने आई थी वह नेताओं के साथ साथ शराब को पकड़ने धकड़ने का जिम्मा संभालने वालों पर भी सवाल खड़े रही थी ।

गुबरिया ग्राम में भी शराब के बाद दुघर्टना से एक की जान

इसी तरह एक ओर मामला केवलारी विधानसभा का ही सामने आया है जिमसें चुनाव के दौरान मिली मुफत की शराब ने एक ओर आदमी की जान से ले लिया हे । बताया जाता है कि ग्राम गुबरिया में विष्णु मरकाम नामक युवक को चुनाव के एक दिन शराब मिली थी जिसका सेवन करने के बाद वह जब नैनपुर में बाजार करने गया था तो आते समय उसकी दुघर्टना में गंभीर रूप से घायल हो गया था और गंभीर हालत को देखते हुये नैनपुर अस्ताल से उसे रिफर कर दिया था और फिर उसकी मृत्यू हो गई । अब युवक की मौत के बाद गांव में चुनाव के समय बंटी हुई शराब को लेकर चिंतन-मनन-मंथन के रूप चर्चा के दौरान सामने आ रही है । इस तरह यह कहा जा सकता है कि दारू बांटने का काम खुलेआम हुआ और उसे निर्वाचन की टीम, क्षेत्रीय पुलिस, शासन-प्रशासन रोक पाने में अक्षम रही वहीं ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से कुछ ही स्थानों पर शराब को पकड़ पाये अन्यथा चुनावी दारू नेताओं के द्वारा खूब बांटी गई ।

कांंग्रेसी झंडा लगी की गाड़ी में नशे के बाद पेंट में खोंच कर रखा था चार बोतल

केवलारी विधानसभा क्षेत्र में एक युवक की दुर्घटना में जान चली गई है उसका एक्सीडेंट हो गया था हालांकि जो तस्वीर एक्सीडेंट के घटना स्थल के सामने आई थी वह अचरज कर देने वाली इसलिये थी कि युवक शराब के नशे में तो था ही साथ में उसके पेंट में पेट की तरफ चार बोतल को वह खोंचे हुये था । युवक जिस दुपहिया वाहन को चला रहा था उस दुपहिया वाहन में कांग्रेस का झंडा लगा हुआ था यह तस्वीर में भी साफ दिखाई दे रहा है अब सवाल यह उठता है कि उक्त युवक के पास इतनी मात्रा में शराब कहां से आई, किसने दिया कहीं चुनाव में नेताओं के द्वारा वितरण की जाने वाली मुफ्त की शराब तो नहीं थी यदि नेताओं के द्वारा वितरण की जाने वाली शराब रही होगी तो उसका पूरा पता लगाये जाने का प्रयाय शासन प्रशासन को करना चाहिये और विधि अनुसार नियमानुसार कार्यवाही किया जाना चाहिये । केवलारी विधानसभा में हालांकि शराब वितरण किये जाने के मामले कुछ ज्यादा सामने आये है और सबसे बड़ी बात यह है कि जो शराब के साथ रंगे हाथों पकड़ाया है उसमें कांग्रेस पार्टी के प्रचार सामग्री के साथ पकड़ाया है यदि कांग्रेस पार्टी की ओर से शराब वितरण की जा रही थी तो प्रशासन को कांग्रेस के उम्मीदवार को जिम्मेदार ठहरा कार्यवाही करना चाहिये था और यदि कांग्रेस के उम्मीदवार के साथ षडयंत्र किया जा रहा था तो फिर कांग्रेस के उम्मीदवार को शासन प्रशासन से विधि अनुसार कार्यवाही के लिये सूचना आवेदन देकर कार्यवाही की मांग करना था । जबकि कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस उम्मीदवार के द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया तो फिर इसे क्या कहा जायेगा ।















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