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मंडला लोकसभा की विधानसभा में गोंगपा को मिले 1,94,544 मत

मंडला लोकसभा की विधानसभा में गोंगपा को मिले 1,94,544 मत

एक लाख दस हजार वोटों से हार गई थी कांग्रेस मण्डला लोकसभा 

कांग्रेस वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मण्डला लोकसभा क्षेत्र में 1 लाख 10 हजार वोटों हार गई थी और
फग्गन सिह कुल्सते भाजपा से जीत गये थे वहीं डिंडौरी के
विधायक ओमकार मरकाम चुनाव हार गये थे । अब चार महिने बाद फिर लोकसभा चुनाव होना है और कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है वह इस बार आश्वस्त है कि मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करायेगी इसके लिये कांग्रेस पार्टी के नेतागण भी बिफ्रिक हो गये है लेकिन यदि हम मण्डला लोकसभा की बात करें तो वहां वर यदि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जनाधार और विधानसभा चुनाव में 1 लाख 94 हजार 544 मतों को वह बढ़ा भी नहीं पाई और यथावत ही रहे तो कांग्रेस के लिये वर्ष 2014 की तरह फिर 2019 के चुनाव में हार का कारण बन सकती है । 

विवेक डेहरिया/हरि सिंह मरावी 
डिंडौरी/मण्डला। गोंडवाना समय। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भले ही 2018 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई है लेकिन इतना जरूर है कि विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर गोंगपा ने कांग्रेस तो कुछ विधानसभा क्षेत्रो में भाजपा को निबटाने में मुख्य भूमिका निभाई है। यदि हम लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो मंडला लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 1 लाख 10 हजार वोटों से हार गई थी ओर वर्ष 2018 में गोंगपा को मण्डला लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा का कुल मतों को जोड़ा जाये तो कुल वोट 1 लाख 94 हजार 544 आता है । इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि भले मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हो गई हो परंतु गोंगपा का जनाधार का जनाधार भी बढ़ा है। यदि लोकसभा चुनाव में भी गोंगपा ने यदि अपना जनाधार को यदि बढ़ा नहीं पाया और बरकरार ही रखा तो कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मण्डला लोकसभा चुनाव जीत पाना अंसभव हो सकता है । वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी विधानसभा चुनाव में हुई हार के कारणो को लेकर मंथन में जुटी हुई है साथ में वह आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी अभी तैयारी में जुट गई है ।

विधानसभा चुनाव में मिले गोंगपा के मत बनेंगे कांग्रेस के लिये चुनौती

मण्डला संसदीय क्षेत्र में लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते है जिसमें शहपुरा, डिंडौरी, बिछिया, निवास, मण्डला, केवलारी, लखनादौन, गोटेगांव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 1 लाख 94 हजार 544 वोट प्राप्त किये है । गोंगपा जनाधार हार के बाद भी बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है जो कि कांग्रेस के लिये आगामी लोकसभा चुनाव में चुनौती बन सकता है ।
विधानसभा गोंगपा को मिले मत
शहपुरा 30955
डिंडौरी 28274
बिछिया 32417
निवास 21852
मण्डला 16746
केवलारी 21694
लखनादौन 40022
गोटेगांव 2584
कुल मत-1,94,544


हार के बाद भी गोंगपा का बढ़ा जनाधार

गोगपा ने अपने 73 उम्मीदवार मैदान मे उतारे थे, अधिकतर सीटों में वोटो का प्रतिशत बढ़ा है लेकिन एक भी सीट पार्टी को प्राप्त नहीं हुई है । हालांकि पार्टी की हुई हार से समर्थकों में भारी निराशा तो देखने में आई है लेकिन बढ़ते जनाधार से वे आगामी चुनाव को लेकर मंथन चिंतन कर और मेहनत करने की बात भी कर रहे है । पार्टी के साथ साथ लोगो का यह भी कहना है कि पार्टी प्रचार के समय ऐसा लग रहा था कि प्रदेश मे ंपार्टी की लगभग 10 सीटें निकलने की स्थिति मे है लेकिन मतगणना के बाद पार्टी को प्रदेश में दो स्थानों पर द्वितीय स्थान भी प्राप्त हुआ है तो कहीं तीसरे व कहीं चौथे स्थान पर पार्टी के कुछ उम्मीदवार रहे। तो वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि हार के कारण की पार्टी द्वारा समीक्षा की विशेष आवश्यकता है। गोंगपा को सभी विषयों पर समीक्षा कर पार्टी संगठन का मजबूत करने हेतु विस्तार करने की मांग भी उठ रही है । इसके साथ ही राजनीति में उन्ही व्यक्तियों को पदों में रखे जाने की बात हो रही है जो कि पार्टी के उददेश्यों पर खरे उतरे है इसके साथ ही कैडरयुक्त विचारधारा का हो। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और गोंड़वाना महासभा के कार्यक्रम पृथक पृथक हो, यही कमजोर कड़ी के कारण अन्य आदिवासी समुदाय पार्टी से नहीं जुड़ पा रहा है। पार्टी को समीक्षा करना चाहिए और ब्लाक स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक संगठन में बदलाव करें।

गोगपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकारिणी को किया भंग

गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने एक आदेश जारी कर पार्टी की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है । आदेश आते ही प्रतिक्रियाएं भी शुरू हो गई है कुछ लोगों को पत्र की भाषा समझ न आने के कारण वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा ही त्याग पत्र देने की बात समझ रहे है जबकि पत्र में ऐसा नहीं लिखा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने त्याग पत्र दिया है वरन राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने देश की समस्त प्रांतीय व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की कार्यकारिण को भर भंग किया । गोंगपा को लेकर पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2018 में पार्टी की हार की समीक्षा किए बगैर ही कार्यकारिणी को भंग करना कंहा तक उचित है । जबकि सभी राजनैतिक पार्टियां अपनी अपनी समीक्षा कर चिंतन कर रही है ताकि गलितियों को सुधारा जा सकेऔर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी की जा सके।












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1 Comments
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  1. Party ke Rashtriya net worth rajnitik Siddhant ke Aadhar par नहीं हो रहा

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