आदिवासी ही भारत का असली मूलनिवासी है-अनुसुइया उईके
जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री अनुसुइया उईके के बाबतपुर वाराणसी एयरपोर्ट में तीन दिवसीय उत्तरप्रदेश प्रवास पर पहुचने पर गोंड जनजाति समाज के लोंगों ने आत्मीय भव्य स्वागत किया गया।
सिवनी। गोंडवाना समय।जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान वाराणसी कार्यालय का भ्रमण कर एक दिवसीय संगोष्ठी आदिवासी समाज की संवैधानिक अस्तित्व संकट वर्तमान समय विषयक का उद्द्याटन मुख्य अतिथि सुश्री अनुसूइया उइके उपाध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार द्वारा किया गया। अपने सम्बोधन मे उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है जिससे वे अपने अधिकार को जान सके और वर्तमान समय में देश के विकास में भागीदार बने क्योकि आदिवासी ही भारत का असली मूलनिवासी है जो लाखो वर्षो से भारत भूमि पर रहकर यहा कि प्रकृति, खनिज, और सम्पदा को बचाये रखे है । जिनमें टंट्या भील, बिरसा मुण्डा, मातृशक्ति महारानी दुर्गावती, तिलका माझी, गुण्डाधुर, राजाशंकर शाह एवं रघुनाथ शाह अनेकों आदिवासी महापुरूषों ने भारत के आजादी के लड़ाई में अपनी जान तक गवानी पड़ी लेकिन आज उन्हें लोग भूल रहें है। कार्यक्रम में संस्थान के संरक्षक प्रोफेसर पुष्पा अग्रवाल हिन्दी विभाग बी0एच0यू0 डा0 रूपेश चैधरी अधिक्षक-समाज कल्याण विभाग वाराणसी, विनोद शाह मरावी, राकेश शाह मरावी, विनोद कुमार, गब्बर गोंड, बेबी शाह गोंड, राजमनी देवी, प्रियंका गोंड, श्रेया गोंड, रानी देवी, आदि सैकडों लोग उपस्थित थें। कार्यक्रम का संचालन संस्थान सचिव बृजभान मरावी ने किया।
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