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शिवराज में अंधरा गई थी छानबीन समिति, कमलनाथ राज में खुली आंखे

शिवराज में अंधरा गई थी छानबीन समिति, कमलनाथ राज में खुली आंखे  

दस वर्षों तक फजीर्वाड़ा कर भाजपा के राज में सांसद ज्योति धुर्वे छीना आदिवासियों का अधिकार  

फर्जी जाति प्रमाण धारी सांसद ज्योति धुर्वे के समाचार पर गोंडवाना समय की प्रथम किस्त पढ़े

बैतुल। गोंडवाना समय। 
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार लाभ कमाने वालों कई अधिकारी कर्मचारी आज भी ठस्से से नौकरी कर रहे है कई तो सेवानिवृत्त भी हो गये लेकिन उन मामलो की शिकायतों पर छानबीन समिति ने उन पर कार्यवाही करना तो छोड़ कहावत है कि बाल भी नहीं उखाड़ पाये तो ये यह कहावत फर्जी जाति प्रमाण पत्र के लिये बनी छानबीन समिति के लिये सटीक बैठती है । हम आपको बता दे कि जनजाति विकास विभाग में कई अधिकारी कर्मचारी ऐसे होंगे जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे है । हालांकि इसके पीछे छानबीन समिति जिम्मेदार नहीं मजबूर रहती है क्योंकि निठल्ले अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के जनप्रतिनिधि जो कुर्सी पर बैठ तो जाते है लेकिन अपनी ही जाति वर्ग के फर्जी जाति प्रमाण पत्र का लाभ लेने वालों पर कार्यवाही नहीं करा पाते है हालांकि यहां भी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के जनप्रतिनिधि भी मजबूर रहते है क्योंकि जिस पार्टी से ये सांसद-विधायक या अन्य लाभ के पद वाली कुर्सी में बैठते है उन पार्टियों की इन्हें गुलामी करना पहले करना पड़ता है । इसी का फायदा भारतीय जनता पार्टी के राज में और
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरी बार सांसद ज्योति धुर्वे बन गई । इसकी शिकायते अनेक बार हुई लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में जाति प्रमाण पत्र की छानबीन समिति की आंख को अंधरा बना दिया गया था लेकिन अब वही छानबीन समिति की आंख अब ठीक हो गई है क्योंकि मध्य प्रदेश में सरकार कांग्रेस की बन गई है ।
हालांकि कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी से सांसद बनकर आदिवासियों का हक अधिकार छीनकर नहीं खुलेआम डाका डालकर लूट लिया है जिसको मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार फर्जी जाति प्रमाण पत्र वाली सांसद ज्योति धुर्वे की कुर्सी को संरक्षण देते आ रही थी उसकी वास्तविक तौर पर जांच कराकर कार्यवाही करवाने का साहस दिखाया है इसके लिये कांग्रेस सरकार और कमलनाथ बधाई के पात्र तो है ही लेकिन यदि और भी सैकड़ों प्रकरण फर्जी जाति प्रमाण पत्र के छानबीन समिति के कार्यालय में कचरा बनकर धूल जमा होकर सड़ रहे है उन फाईलों को भी खुलवाकर ईमानदारी से जांच करवाकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ लेने वालों पर कानूनी कार्यवाही करवाती है तो जो हक अधिकार अब अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति का छीना जाता रहा है उस पर कुछ हद तक रोक सकती है हालांकि इसमें कई फर्जी जाति प्रमाण वाले कांग्रेसियों के रिश्ते नातेदार भी घेरे भी आयेंगे जहां छानबीन समिति को स्वतंत्रता के साथ जांच व कार्यवाही करने की छूट देने की आवश्यकता है ।

गोंड जनजाति नहीं पवार जाति की है भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे 

भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित लोकसभा संसदीय क्षेत्र बैतुल से सांसद की कुर्सी में बैठकर आदिवासी का हक अधिकार छीनकर मलाई खाने वाली भाजपा की राष्ट्रीय सचिव ज्योति धुर्वे का फजीर्वाड़ा को अब कांग्रेस की सरकार में छानबीन समिति ने अब उजागर किया है । हम आपको बता दे कि सांसद ज्योति धुर्वे जनजाति वर्ग में नहीं आती है वह पवार जाति में आती है । भाजपा के राज में अंधी बनी छानबीन समिति के द्वारा कांग्रेस के राज में की गई कार्यवाही से वर्तमान सांसद ज्योति धुर्वे घबराहट में है । कांग्रेस ने फर्जी जाति प्रमाण को लेकर जिस तरह से सांसद ज्योति धुर्वे के खिलाफ जांच प्रतिवेदन से लेकर सारी कार्यवाही में घेरा है । उससे यह लगता है कि आगामी समय में होने वाले आम चुनाव यानि संसदीय चुनाव लड़ना तो अब उनके अंसभव ही गया है वहीं फजीर्वाड़ा कर सांसद बनी ज्योति धुर्वे पर कानूनी शिकंजा भी कस सकता है । अब आये मूल मुद्दे पर यानि की जाति प्रमाण के फजीर्वाड़े पर तो हम आपको बता दे कि वर्ष 1966 में 2 जून को वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधारी रायपुर में श्रीमति आशा ठाकुर एवं महादेव बिसेन(जाति पंवार)के घर जन्मी ज्योति किरण ठाकुर का गुदगॉव भैसदेही से जारी जाति प्रमाणपत्र, जो कि ज्योति बेवा प्रेम सिंग धुर्वे के नाम पर था । उक्त जाति प्रमाण पत्र को आयुक्त जनजाति कार्य विभाग मध्यप्रदेश ने 7 फरवरी 2019 के आदेश क्रमांक जा.प्र.समिति/512/2009/3356 भोपाल दिनांक 07/02/2019 के तहत बैतूल कलेकटर व बैतुल जिला पुलिस अधिक्षक को छानबीन समिति की ओर से यह आदेश दिया गया है कि उक्त जाति प्रमाण पत्र को जप्त कर ज्योति धुर्वे के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाये । छानबीन समिति ने फर्जी जाति प्रमाण की जांच में यह पाया कि सांसद ज्योति धुर्वे की मॉ का नाम श्रीमति आशा ठाकुर है । जिसकी पहली शादी उभेराम के साथ ग्राम पोसरी में हुई थी जो गोंड जाति के थे जो विवाह पश्चात ग्राम पोसरी में ही निवासरत थे । जिनकी मृत्यू गत वर्ष 16/9/2018 को हो गई थी । उभेराम और आशा ठाकुर से एक पुत्र किशोर मंडावी है जो कि भारतीय स्टेट बैंक भाटापारा में कार्यरत है। आशा ठाकुर ने अपने प्रथम पति को छोडकर महादेव पिता दशरथ से दूसरा विवाह से किया जो कि सामाजिक रीति रिवाज से न किया जाकर किया गया था क्योकि महादेव पिता दशरथ पहले से ही वैवाहिक थे उनकी पहली पत्नि का नाम सुशीला है जो कि मूलत: ग्राम चांगोटोलो नगरवारा विकास खंड बालाघाट की रहने वाली थी। छानबीन जांच समिति ने फर्जी जाति प्रमाण की जांच में यह पाया कि महादेव ग्राम तिरोड़ी के मूल निवासी है जिनका भूअभिलेख फार्म पी-2 खसरा ग्राम खड़पड़या हल्का खड़पड़या राजस्व निरीक्षक मंडल तिरोड़ी तहसील तिरोड़ी जिला बालाघाट वर्ष 2018-19 खसरा क्रमांक 234/1 ज/234/1झ, 234/1.2.259/1 ख में दर्शाई गई प्रविष्टि में भूस्वामी हीरालाल मुकुंदलाल वल्द दशरथ जाति पवार निवासी ग्राम भूस्वामी दर्ज है । जो कि महादेव के भाई है महादेव पिता दशरथ भारतीय रेल्वे विभाग में कार्यरत होने के कारण रायपुर में रहते थे । जहॉ पर उनकी मुलाकात श्रीमति आशा ठाकुर से हुई जिससे दो संताने पहली ज्योति किरण ठाकुर तथा दूसरी विजय सिंग ठाकुर है जो कि अनावेदिका श्रीमति ज्योति बेवा प्रेमसिंग धुर्वे का सगा भाई है।

सम्माननीय उच्च न्यायालय तक पहुंचा मामला

छानबीन समिति ने जांच के दौरान सम्मानीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्र.डबलू.पी.नं.6970/2015 श्री शंकर पेंद्राम विरूद्ध म.प्र. राज्य एवं अन्य तथा प्रकरण क्र.1498/2016 श्री शंकर पेंद्राम विरूद्ध म.प्र.राज्य में सम्माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 27/7/2018 एवं दिनांक 21/1/2019 जिसमें मा.उच्च न्यायालय की अगामी पेशी व्यक्तिश: उपस्थिती आदेशित की गई है जो अवगत हुई। उपरोक्त समस्त बिंदुओं के आधार पर छानबीन जांच समिति ने यह पाया कि श्रीमति ज्योति धुर्वे आत्मजा श्री महादेव दशरथ की जाति निर्विवादित रूप से बिसेन गौत्र पवार जाति है, जो कि म.प्र. अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित नही है । छानबीन जांच समिति ने अपने निर्णय दिनांक 1/4/2017 एवं आदेश दिनांक 3/5/2007 को यथावत मान्य करते हुए उनके क्रियान्वयन पर अपने आदेश दिनांक 6/5/2017 से लगाई रोक को एतद द्वारा निरस्त करती है । मध्य प्रदेश शासन की श्रीमति दीपाली स्तोगी आयुक्त जनजाति कार्य विभाग, सचिव उच्च स्तरीय छानबीन समिति म.प्र. अपने हस्ताक्षर युक्त आदेश में यह निर्णय दिया है कि प्रमुख सचिव म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण प्रकोष्ट)मंत्रालय/भोपाल आवश्यक कार्रवाही करें। इसी तरह प्रमुख सचिव म.प्र.शासन जनजाति कार्य विभाग/मंत्रालय एवं अध्यक्ष छानबीन समिति म.प्र. भोपाल आवश्यक कार्यवाही करें। श्री जे पी यादव प्रभारी अधिकारी संभागीय उपायुक्त, संभागीय आदिवासी तथा अनु.जा.विकास होशंगाबाद संभाग म.प्र. की ओर अवमानना प्रकरण क्र.1498/2016 सम्माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर जबलपुर में जवाब दावा प्रस्तुत कर की गई कार्यवाही से इस कार्यालय को अवगत कराना सुनिश्चित करें।

राजनीतिशास्त्र में एम ए करने वाली ज्योति ने भाजपा से दो बार सांसद बनकर छीना आदिवासियों का अधिकार

जनजाति वर्ग के आरक्षित संसदीय क्षेत्र बैतूल से दो बार भारतीय जनता पार्टी की सांसद ही नहीं भारतीय जनता पार्टी संगठन की राष्ट्रीय सचिव भी है । वहीं भारतीय जनता पार्टी से सांसद ज्योति धुर्वे ने पूरे देश भर में सबसे अधिक लगभग 2 लाख मतों से जीतने वाली सांसद है । भाजपा की सांसद ज्योति धुर्वे जिनका जाति प्रमाण पत्र राज्य शासन आयुक्त जनजाति कार्य विभाग द्वारा शिकायतों के बाद संदेहास्पद मानते हुए उसे जनजाति मानने से इंकार करने के बाद अब ज्योति बेवा प्रेमसिंग धुर्वे के विरूद्ध बैतूल अब कानूनी कार्यवाही के शिंकजे में फंसते हुये दिखाई दे रही है। सांसद ज्योति बेवा प्रेमसिंग धुर्वे के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किये जाने के निर्णय के बाद ज्योति मूलत: गैर जनजाति पवार जाति जो कि अन्य पिछडे वर्ग की मानी जायेगी । सांसद बनाम ज्योति किरण ठाकुर ने दुर्ग महाविद्यालय रायपुर से राजनीति शास्त्र में एम ए की शिक्षा प्राप्त की तथा 30 दिसंबर 1990 को उसका विवाह पूर्व जनपद सदस्य प्रेम सिंग धुर्वे के साथ हुुआ जिससे उसकी एक संतान प्रांजल धुर्वे है।

भाजपा के लिये लकी रही फर्जी जाति वाली ज्योति धुर्वे

हम आपको बता दे कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान हुये वर्ष 2009 के आम चुनाव यानि संसदीय चुनाव में ज्योति धुर्वे ने कांग्रेस के ओझाराम इवने को हराकर पंद्रहवी लोकसभा सदन में पहुंची थी । इसके बाद दूसरी बार वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में  मकड़ई के राजकुमार कुंवर अजय शाह को लगभग 3 लाख वोटो से हराकर दूसरी बार लोकसभा की सदस्य चुनी गई। दोनो लोकसभा के कार्यकाल के दौरान लगभग आधा दर्जन संसदीय समितियों की सदस्य भी रही है । वहीं श्रीमति ज्योति धुर्वे राज्य अनुकाजा महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही इस दौरान उनके द्वारा अनेंक लोगो को फर्जी तरीके से पेट्रोल पंप एवं अन्य आवांटन करवाने के लिए सहयोग किया गया। कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ के नेता कुंवर अजय शाह ने इस संबंध कहते है कि वर्ष 31 अक्टूबर 2002 को एसडीएम भैसदेही जिला बैतूल द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र को 2 मई 2017 को निरस्त करने के बाद भी मध्य प्रदेश भाजपा सरकार के द्वारा सासंद ज्योति धुर्वे को संरक्षण दिया गया । इसी कारण फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में किसी भी प्रकार कार्यवाही नहीं हो पाई ।

सांसद के सहारे माल कमाने वाले भाजपाई नहीं खोल रहे मुंह

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छानबीन जांच समिति के द्वारा जांच कार्यवाही के बाद दिये गये आदेश के बैतूल पहुंचने के बाद हड़कंप मचा हुआ है । वहीं इस मामले में सांसद ज्योति धुर्वे के सहारे संसदीय क्षेत्र के लिये आने वाली राशि में माल कमाने वाले बैतुल जिले के भाजपाई तो इस मामले में अपना मुंह बंद रखना ही मुनासिब समझ रहे है कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है । वहीं सांसद ज्योति धुर्वे अब अकेले कानूनी शिंकजे में फंसते नजर आ रही है मलाई खाने वाले भाजपाई भी सासंद ज्योति धुर्वे से दूरी बना रहे है तो भाजपाई दबी जुबान में यह चर्चा कर कहते नजर आ रहे है कि कांग्रेस की सरकार बनने के कारण यह कार्यवाही हो रही राजनैतिक कारण बताने की कोशिश कर रहे है ।

(शेष क्रमश: आगामी अंक में)

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