पेटी में देकर 50 लाख की दुकानों में पलीता लगा रहा ठेकेदार
सिमरिया मंडी में बन रही घटिया दुकाने
सिवनी। गोंडवाना समय।
मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर पर स्थित सिमरिया गल्ला मंडी में 50 लाख रुपए की लागत से बनाई जा रहे काम्पलेक्स सहित एक अन्य भवन के निर्माण में शहर की सीमा से लगे गांव और ट्रायवल से जुड़ा हुआ एक ठेकेदार पेटी कान्ट्रेक्टर में दूसरे ठेकेदार को देकर पलीता लगा रहा है। खुद काम्पलेक्स और भवन बयां कर रहा है। ठेकेदार निर्माण कार्य में सीमेंट की कंजूसी र्इंट की दीवार और कॉलम-बीम बयां कर रहे हैं।
गड़बड़ मसाला,कच्ची र्इंट से बन रहा काम्पलेक्स
भवन निर्माण में जो मसाला उपयोग किया जा रहा है वह उचित रेशों में नहीं है। सीमेंट का कम उपयोग होने के कारण अलग ही दीवार और कॉलम में रेत दिखाई दे रही है। वहीं दीवार के लिए जो र्इंट उपयोग की जा रही है वह घटिया बताई जा रही है। मैदान पर र्इंट के टुकड़े अलग ही कहानी को बयां कर रहे हैं। भवन और दुकानों में तो यह तक नजारा है कि कहीं कॉलम और बीम अंदर धंसी हुई है तो कहीं बाहर उभरी हुई है।
कॉलम में भी दीवार
मिट्टी प्रयोगशाला के पास बन रहे भवन के नजदीक बन रहे भवन में चेनल गेट के पास मौजूद कॉलम में दरार आ गई है। तकनीकी अधिकारी झूठला रहे हैं लेकिन तस्वीर सबकुछ बयां कर रही है। तकनीकी जानकारों की मानें तो कालम में दरार आने की वजह प्रर्याप्त मात्रा में सीमेंट और तराई न होना या फिर मिट्टी युक्त मसाले का उपयोग किया माना जा सकता है।
तराई गायब,दिखावे के लिए डाल दी बोरी
काम्पलेक्स व भवन में पेटी कान्ट्रेक्टर द्वारा तराई नहीं की जा रही है। निर्माण स्थल पर तराई का अभाव देखा जा रहा है। तराई के नाम पर ठेकेदार द्वारा महज दीवार के ऊपर स्थित बीम पर कहीं कहां बोरीफट्टी डाल दी गई है लेकिन उनमें भी पानी नहीं डाला जा रहा है। ऐसे में कैसे गुणवत्ता का काम्पलेक्स होगा यह कहा नहीं जा सकता है। हम बता दें कि मंडी बोर्ड के तकनीकी अधिकारियों द्वारा ध्यान न दिए जाने की वजह से नागपुर रोड स्थित काम्पलेक्स की दुकानों में भी जहां देखों दरार आ गई हैं। इसके अलावा कंडीपार रोड पर हुए निर्माण कार्य में भी यही हालात है। इस संबंध में सुपरविजन कर रही इंजीनियर का कहना है कि ठेकेदार को गुणवत्ता पूर्ण काम करने के सख्त आदेश हैं। अगर गुणवत्ता से कार्य नहीं कराया जा रहा है तो राशि में कटौती कर सुधार