ट्रांसफर के नाम पर पैसों का खेल: 8 की तारीख डालकर आचार संहिता में भी ट्रांसफर!
सिवनी। गोंडवाना समय।
अध्यापकों के स्थानांतरण में फर्जीवाड़ा करने वाले जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा अब हाल ही में किए गए ट्रांसफरों में पैसों के खेल की सुगबुगाहट है। जिला पंचायत के सूत्रों की मानें तो इस खेल में सीईओ और लिपिक कर्मचारी शामिल बताए जा रहे हैं। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि आचार संहिता के बाद भी 8 मार्च की तारीख डालकर11 मार्च को भी स्थानांतरण किया गया है।
एक ही दिन में आदेश, रिलिविंग और निरस्त-
जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पासे के अनुमोदन का हवाला देकर जिले के तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा पंचायत सचिव एवं पंचायत समन्वय के किए गए ट्रांसफर के खेल में दिलचस्प मामले सामने आये हैं। 8 मार्च को स्थानांतरण के साथ उन्हें रिलिविंग का आदेश भी जारी कर दिया गया है। सूत्रों की मानें तो पैसे के लेनदेन करने के बाद कुछेक लोगों के ट्रांसफर निरस्त एवं यथावत का आदेश भी जारी करके कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि कई सचिवों को तो लिखित रूप से आदेश मिला ही नही है। जिला पंचायत सूत्रों की मानें तो 11 मार्च तक 8 मार्च की तारीख डालकर ट्रांसफर का खेल हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा अहम रोल लिपिक कर्मचारी का है जिसने डिस्पेट रजिस्टर भी अपने ही पास इस खेल का सुरक्षित करने के लिए रखा हुआ था। बताया तो यह भी जाता है ट्रांसफर की सूची बनाने वाले लिपिक ने अपने चहेतों को पहले ही जानकारी देकर और पैसे लेकर कुछ ही दूरी पर इधर से उधर ट्रांसफर करने की चर्चाऐं जोरों पर है। हालांकि गोंडवाना समय की खबरों को लेकर उक्त लिपिक तिलमिलाया हुआ भी बताया जा रहा है।
आरईएस के एई नहीं हुए रिलिव-
आठ मार्च की तारीख पर ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के सिवनी उप डिवीजन में पदस्थ एई नेमीचंद सूर्यवंशी का तबादला ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग छपारा एवं बीडी चौधरी सहायक यंत्री का ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग छपारा से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग सिवनी किया जा चुका है लेकिन आचार संहिता लगने के बावजूद दोनों ही एई अपने तबादले के बाद रिलिव नहीं हुए हैं। बुधवार को दोनों की अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में कार्य करते नजर आए। हालांकि अधिकारियों का कहना था कि उन्हें आचार संहिता के बाद आदेश मिले हैं।