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नेशनल लोक अदालत में 945 प्रकरणों का निराकरण

नेशनल लोक अदालत में 945 प्रकरणों का निराकरण

एक हजार 661 व्यक्ति हुये लाभान्वित

3 करोड 27 लाख 81 हजार 167 रुपए की राशि के अवार्ड हुये पारित

छिन्दवाडा। गोंडवाना समय। 
जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बी.एस.भदौरिया ने आज अन्य  अतिथियों के साथ स्थानीय जिला न्यायालय परिसर के ए.डी.आर.भवन में गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया । इस लोक अदालत में जिला न्यायालय के साथ ही सिविल न्यायालय अमरवाडा, चौरई, पांढुर्णा, परासिया, जुन्नारदेव और सौंसर में रखे गये 14 हजार 84 प्रकरणों में से 945 प्रकरणों का निराकरण करने के साथ ही 3 करोड 27 लाख 81 हजार 167 रुपए की राशि के अवार्ड पारित किये गये जिससे एक हजार 661 व्यक्ति लाभान्वित हुये । इसमें लंबित 2 हजार 395 प्रकरणों में से 350 और प्रि-लिटीगेशन के 11 हजार 689 प्रकरणों में से 595 प्रकरणों का निराकरण शामिल हैं। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री नवनीत कुमार गोधा, कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती आशा एन.गोधा, सी.जे.एम. श्रीमती अभिलाषा मवार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री विजय सिंह कावछा, अन्य न्यायाधीशगण, उप संचालक अभियोजन श्री पी.सी.हलदार, जिला अभियोजन अधिकारी श्री समीर पाठक, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सोमनाथ राय, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह बैस, उपाध्यक्ष श्री राजकुमार मिश्रा, सचिव श्री उमाकांत श्रीवास्तव, अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य, अधिवक्तागण, बैंक, बीमा, नगर निगम, विद्युत, प्राधिकरण और न्यायालय के कर्मचारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी और पक्षकारगण उपस्थित थे ।

चैक बाऊंस के 119 प्रकरणों व वैवाहिक विवाद के 91 प्रकरण में अवार्ड पारित 

जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री राय ने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों के अंतर्गत चैक बाउंस के प्रस्तुत 445 प्रकरणों में से 119 प्रकरणों का निराकरण कर एक करोड़ 60 लाख 6 हजार 828 रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 245 व्यक्ति लाभान्वित हुये । मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 304 प्रकरणों में से 52 प्रकरणों का निराकरण कर एक करोड 3 लाख 79 हजार रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 215 व्यक्ति लाभान्वित हुये । अन्य सिविल के 281 प्रकरणों में से 33 प्रकरणों का निराकरण कर 26 लाख 75 हजार 840 रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 125 व्यक्ति लाभान्वित हुये । विद्युत के 65 प्रकरणों में से 19 प्रकरणों का निराकरण कर एक लाख 92 हजार 676 रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 19 व्यक्ति लाभान्वित हुये । लोक अदालत में वैवाहिक विवाद के 983 प्रकरणों में से 91 प्रकरणों का निराकरण कर 8 लाख 84 हजार रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 225 व्यक्ति लाभान्वित हुये । इसी प्रकार 7 अन्य मामलों में से 6 का निराकरण कर 30 व्यक्तियों, भूमि अधिग्रहण मामले के एक प्रकरण का निराकरण कर 2 व्यक्तियों और आपराधिक शमनीय के 297 प्रकरणों में से 29 प्रकरणों का निराकरण कर 71 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया । लोक अदालत में श्रम विवाद के 12 प्रकरण भी रखे गये ।

बैंक के 73 प्रकरणों, जल कर 320 प्रकरण, बीएसएनएल के 71 प्रकरण में अवार्ड हुये पारित

इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों के अंतर्गत बैंक वसूली के 4 हजार 373 प्रकरणों में से 73 प्रकरणों का निराकरण कर 7 लाख 85 हजार 241 रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 92 व्यक्ति लाभान्वित हुये । विद्युत के एक हजार 545 प्रकरणों में से 92 प्रकरणों का निराकरण कर 2 लाख 99 हजार रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 92 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। जल कर के 2 हजार 104 प्रकरणों में से 320 प्रकरणों का निराकरण कर 13 लाख 97 हजार 758 रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 376 व्यक्ति लाभान्वित हुये। बी.एस.एन.एल. के 3 हजार 570 प्रकरणों में से 71 प्रकरणों का निराकरण कर 77 हजार 196 रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 86 व्यक्ति लाभान्वित हुये । चैक बाउंस के 4 प्रकरणों में से चारों प्रकरणों का निराकरण कर 83 हजार 628 रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 8 व्यक्ति लाभान्वित हुये । लोक अदालत में वैवाहिक मामलों के 93 प्रकरणों में से 35 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिससे 75 व्यक्ति लाभान्वित हुये । इस लोक अदालत को सफल बनाने के लिये 35 खंडपीठ गठित कर 35 पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी जिसमें 28 न्यायिक और 7 पुलिस परामर्श केन्द्र की खंडपीठ शामिल है।

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