खादी ग्राम उद्योग का रिश्वतखोर प्रबंधक को चार साल की सजा
सिवनी। गोंडवाना समय।
लोन को स्वीकृत करने के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले खादी ग्राम उद्योग के प्रबंधक को विशेष न्यायाधीश ने चार साल की सजा सुनाते हुए 5 हजार रुपए का अर्थदण्ड से दंडित किया है। 05 मार्च मंगलवार को यह फैसला सुनाया है।
27 अप्रैल 2016 को रिश्वत लेते पकड़ाया था आरोपी
मनोज सैयाम ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन साल पहले वर्ष 27 अप्रैल 2016 को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए खादी ग्राम उद्योग सिवनी के प्रबंधक घनश्याम धारपुरे को विशेष न्यायाधीश संजीय श्रीवास्तव ने मंगलवार 05 मार्च को साक्ष्य एवं गवाहों के आधार पर अलग- अलग धाराओं पर चार एवं तीन साल की सजा सुनाते हुए पांच हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है।
ये है मामला
मामला यह था कि सीमा शर्मा द्वारा मिनरल वाटर का प्लांट लगाने के लिए 2016 को खादी ग्राम उद्योग के लिए लोन अप्लाई की किया था। जिसके संबध में खादी ग्राम उद्योग के सहायक प्रबंधक घनश्याम धारपुरे द्वारा लोन प्रकरण को बैंक भेज देने व लोन व सब्सिडी मंजूर करा दी थी लेकिन उसी काम को करा देने के बदले घनश्याम द्वारा प्रार्थिया से 50 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। पैसे न देने पर सब्सिडी वापस करा देने की धमकी दी जा रही थी। परेशान पीड़िता ने इस मामले की शिकायत 25 अप्रैल को लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में शिकायत की। बताया जाता है कि 27 अप्रैल 2016 को आरोपी घनश्याम धारपुरे के द्वारा उसको 20 हजार रुपए लेकर अपने घर बुलाया है जिस पर घात लगाकर बैठी लोकायुक्त पुलिस ने 20 हजार रुपए की रिवत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। लोकायुक्त पुलिस द्वारा सम्पूर्ण विवेचना पूर्ण पश्चात न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था । इस मामले में लोकायुक्त पुलिस और शासन की ओर से श्रीमती- दीपा मर्सकोले जिला अभियोजन अधिकारी (विशेष लोक अभियोजक) के द्वारा गवाहों की साक्ष्य कराई एव महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए भष्ट्राचार अधिनियम की धारा- 7 में 3- वर्ष एवं 5000 रुपये जुमार्ना तथा धारा-13(1)(2)(डी) में 4 - वर्ष एवं 5000 रुपये जुमार्ना से दंडित करने का निर्णय सुनाया है।
