संविधान बचाव संघर्ष समिति का भारत बंद राष्ट्रव्यापि आंदोलन संपन्न
सिवनी शहर में रैली निकालकर दिया संविधान बचाव का संदेश
सिवनी। गोंडवाना समय। संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा देश के 31 राज्य 550 जिलों और 5000 तहसीलों में केंद्र सरकार द्वारा भारत के मूलनिवासी, बहुजन समाज (एसटी, एससी, ओबीसी और इनसे धर्मपरिवर्तित मुस्लिम, बुद्धिष्ट, सिख इत्यादि) के विरोध में 10 % आर्थिक आधार पर दिया गया सवर्ण आरक्षण, 13 पॉइंट रोस्टर,आदिवासियों को उनके जंगल और जमीन से बेदखल करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला, चुनाव में पेपर ट्रेल मशीन की पर्चियों की 100% गिनती न करना, ओबीसी की जाति आधारित जनगणना (गिनती)न करना एवं संविधान और लोकतंत्र विरोधी नीतियों के विरोध में भारत बन्द का आव्हन किया गया था इस दौरान जिला मुख्यालय में जिले के ग्रामीण अंचल से और शहरी क्षेत्र से भी समर्थन मिला और शांतिपूर्वक बंद करने की बात रखते सिवनी शहर में रैली निकाली गई है ।

भारत बंद के इस आहवान को मूलनिवासी, बहुजन समाज के विभिन्न संगठनों, समूहों और शुभचिंतकों द्वारा भारत के संविधान को बचाने के लिए भारत बंद के आह्वान में अपना समर्थन दिया । सिवनी बंद के लिए संविधान बचाओ संघर्ष समिति के आंदोलन के समर्थक में 5 मार्च 19 को सभी लोग रानी दुर्गावती चौक में एकत्रित हुये और वहाँ से रैली निकलकर सिवनी शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुये अम्बेडकर चौक में सभा का आयोजन किया गया । जहाँ समाज के बुद्धिजीवी, बन्द समर्थक साथियों द्वारा देश में संविधान और लोकतंत्र के विरोध में मनुवादी और षड्यंत्रकारी नीतियां लागू कराई जा रही हैं उक्त सम्बन्ध में अपना प्रबोधन दिया गया ।
भारत बंद के आयोजन में ये रखी प्रमुख मांगे

संविधान बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा भारत बंद के लिये सिवनी जिला मुख्यालय में रैली निकाल कर आमसभा का आयोजन किया गया वहीं इस दौरान उन्होंने प्रमुख मांगे भी रखी जिसमें पेपर ट्रेल रिकाऊटिंग के संबंधित माननीय सुप्रीम कोर्ट के 8 अक्टूबर 2013 के फैसले को चुनाव आयोग द्वारा लागू करने से इंकार करना यह चुनाव आयोग द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है । सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने के बावजूद भी भारतीय चुनाव आयोग वीवीपीएटी की 100 प्रतिशत गिनती नहीं कर रहा है इसलिये लोकतंत्र एवं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में और चुनाव आयोग के विरोध में आंदोलन किया गया । वहीं उन्होंने 10 प्रतिशत आर्थिक आधार पर आरक्षण देकर संविधान की धारा 16(4) के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने को लेकर, 13 पार्इंट रोस्टर प्रणाली के द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी के मामले में, जाति आधारित गिनती करके 100 प्रतिशत आरक्षण लागू ना किये जाने को लेकर, धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को संरक्षण हेतु कम्यूनल वायलेंस प्रिवेंशन एक्ट के मामले में, एमबीसी एवं घुमन्तु जनजातियों का केंद्रीय स्तर पर स्वतंत्र वर्गीकरण न करने को लेकर, अनुसूचित जनजातियों को उनके जल, जंगल और जमीन से बेदखल करने के मामले में तथा संविधान की 5 वी एवं 6 वी अनुसूचि लागू को लागू करने, एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण में वर्गीकरण लागू न करने के मामले, एससी, एसटी, ओबीसी एवं धार्मिक अल्पसंख्यक लोगों को निजीकरण में आरक्षण लागू न करने के मामले में, एनआरसी कानून के तहत केंद्र सरकार द्वारा बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठी के नाम पर 40 लाख से ज्यादा एससी, एसटी और ओबीसी के लोगों को अपने नागरिकता के मौलिक अधिकार से वंचित करने के मामले में और प्रचार बांग्लादेशी मुसलमान के नाम से करने का षडयंत्र को लेकर, उपरोक्त आदि अन्य मुद्दों की गंभीरता एवं उनकी तीव्रता को ध्यान में रखकर और वर्तमान केंद्र सरकार के संविधान विरोधी एवं लोकतंत्र विरोधी व्यवहार को देखकर लोकतंत्र एवं संविधान की रक्षा करने हेतु तुरंत प्रभाव से ऐसी संविधान विरोधी नीति को रोके जाने की मांग को लेकर भारत बंद का आयोजन किया गया है ।
रैली व आमसभा में ये रहे मौजूद
संविधान बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख रूप से एम आर अली खान, राजेन्द्र जायसवाल, रघुवीर अहरवार, शिवनंदन डेहरिया, धन सिंह डेहरिया, एडव्होकेट धनीराम बाघमारे, एडव्होकट सुरेन्द्र बारमाटे, एडव्होकेट नारयण बोपचे, डी डी वासनिक, बी एल कुमरे, किरण प्रकाश बुर्डे, एडव्होकेट गोविंद बोरकर, एम एल गडकरी, डॉ एल के देशभरतार, लक्ष्मीनारायण डहेरिया, बी एल गेडाम, मनीष काकोड़िया, अमरदास आंधवान, श्रीकांत मेश्राम, सनत डहेरिय, मोना सनोडिया, एडव्हाकेट एम रहमान, जीतेन्द्र मेश्राम, अनिल कनोजिया, बालकराम ब्रम्हने, आरती भालेकर, श्यामदास चौधरी, भजनलाल मरकाम, आजाद सिंह तेकाम, राजू मरकाम, धुर्वेन्द्र मेश्राम, मुकेश अवधिया,दुर्गेश तुमड़ाम आदि अन्य सिवनी जिले के समस्त तहसीलों से आये सैकड़ों की संख्या में समर्थक मौजूद रहे ।