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शराब ने छीन लिया महिलाओं का सुख चैन-मातृशक्ति समर्पण

शराब ने छीन लिया महिलाओं का सुख चैन-मातृशक्ति समर्पण

नशामुक्ति अभियान को लेकर चलाया अभियान                            

सिवनी। गोंडवाना समय। 
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के पखवाड़े के अंर्तगत मातृशक्ति संगठन के द्वारा अपनी उपशाखाओं के दौरे किये जा रहे है । जिसमें ग्राम बाड़ीवाड़ा में शराब बंदी को लेकर जीत हासिल कर चुकी टीम को प्रशस्ति पत्र देकर संगठन द्वारा सम्मानित किया गया। वहीं ग्राम गोलिटोला के हर घर मे बन रही शराब के प्रतिबंध को लेकर संगठन ने गोलिटोला की ओर भी अपनी यूथ विंग समर्पण युवा संगठन के साथ कदम बढ़ा ही लिए हालांकि इस गांव से उनके गांव में ना घुसने के संदेश भी संगठन को आ रहे थे ।
इसके बावजूद भी वहाँ जाकर जब गांव के हालात देखे तो महिलाओं को एकत्रित कर उनसे चर्चा की गई । गोलीटोला की स्थिति है कि एक मेहनत कर पसीना बहाकर मिलने वाली धनराशि को परिवार के पालन पोषण में न लगाकर उसका दुरूपयोग कर शराब व नशा जैसी बुराई में फिजुलखर्च कर रहा है । जिससे परिवार में आर्थिक समस्या व संकट बढ़ता है साथ ही पारिवारिक विवाद बढ़ने की भी संभावना रहती है । वहीं गोलीटोला गांव के अधिकांश मजदूर भी काम पर जाने से पहले और आने के बाद शराब ही मांगते है जो कि आत्मसम्मान के साथ सामाजिक, पारिवारिक सम्मान को तो ठेस पहुंचा ही रहा है साथ में गांव का नाम भी शराब को लेकर बदनाम होता है और नैतिक पतन भी होता है। गोलीटोला गांव में शराब की खाली बोतले सड़कों के किनारे पड़ी हुई थी जो स्वयं वहाँ के हालातों को बयां कर रही है।

गांव के लड़के डॉक्टर और इंजिनियर बने यह कैसे होगा 

पिछले एक दशक में महुआ से बनने वाली कच्ची शराब ने गांव के कुछ लोगों की जान भी चली गई है किसी का परिवार का मुखिया तो किसी का बेटा व किसी पति उनके परिवार का साथ जिंदगी भर के लिये छोड़ चला गया है जो बड़ी ही चिंतनीय और गंभीर विषय है । शराब के कारण घर-घर मे परेशानी का कारण बनना कोई नई बात नहीं है क्योंकि अधिकांश समय में बिना किसी कारण के विवाद को शराब ही जन्म देती है। गोलीटोला गांव में बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय बनने की ओर निरंतर अग्रसर है इसका प्रमुख कारण शराब ही समझ आता है ।
इसलिये जब मातृशक्ति संगठन ने गांव का सर्वे कराया तो पाया कि गांव के युवा भी सातवीं और आठवीं के बाद पढ़ाई बन्द करने के बाद शराब के व्यवसाय में ही जुड़ने का प्रयास करते थे । जो युवाओं के भविष्य के साथ सबसे बड़ा अंधकारमय तो है ही साथ में अपमानजनक व अनावश्यक पुलिस कार्यवाही से आपराधिक रिकार्ड में फंसते है । गाँव की महिलाओं ने अपना दु:ख सुनाते हुए कहा कि हम चाहते है कि हमारे गांव के लड़के भी डॉक्टर और इंजीनियर बने पर ऐसा कैसे होगा ? महिलाओं का दुख सुनकर संगठन ने गांव के युवाओं को भी एकत्रित किया और यूथबिंग द्वारा उन युवाओं को समझाइश दिया कि वो इस धंधे से दूर हों और अपनी पढ़ाई पुन: जारी करें। मातृशक्ति संगठन व युवा समर्पण संगठन उनकी हर सम्भव मदद करेगा।

कलेक्टर ने दिये कार्यवाही के निर्देश 

गोलीटोला गांव की समस्या को लेकर जब इस संबंध में मातृशक्ति संगठन ने जिला कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह से मुलाकात किया एवं उस गांव के वास्तविक स्थिति से अवगत कराया । गांव की ज्वलंत समस्या को लेकर जिला कलेक्टर ने भी विषय को गंभीरता से लेते हुए इस जानलेवा नशे के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के तुरन्त आदेश दिए है। मातृशक्ति संगठन व युवा विंग समपर्ण द्वारा गोलीटोला गांव में शराब व नशामुक्ति अभियान के तहत इसलिये प्रयास है क्योंकि यदि देश का भविष्य कहलाने वाला युवा अगर अपने को नहीं संभाल पाया तो क्या होगा इस देश का भविष्य?

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