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धान को पोर्टल में दर्ज कराने कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान

धान को पोर्टल में दर्ज कराने कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान


सिवनी। गोंडवाना समय। 
जिले के बरघाट विकासखंड अंतर्गत दर्जनों गांवों के किसान धान की बिक्री के बाद भी भुगतान नहीं होने के कारण खासे परेशान हैं। अपनी परेशानी लेकर सैकड़ों की  संख्या में महिला व पुरूष किसान 26 मार्च को जिला मुख्यालय पहुंचे और यहां कलेक्टर को अपनी आपबीती सुनाई। आक्रोशित किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शीघ्र ही उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे जिला मुख्यालय पहुंचकर उग्र आंदोलन करेंगे। कलेक्टर ने गंभीरता से किसानों की समस्या सुनते हुए अगले चार दिन में धान बिक्री में आ रही समस्या का उचित समाधान करने का आश्वासन दिया है।

यह है मामला

दरअसल, सेवा सहकारी समितियों में 25 जनवरी तक धान की खरीदी का समय तय किया गया था, लेकिन 20 जनवरी से 25 जनवरी के दौरान मौसम  खराब रहा और बारिश के चलते खरीदी नहीं हो पाई। जिन किसानों को पहले टोकन दिए जा चुके थे, उनकी धान का उपार्जन तो कर लिया गया, लेकिन दो तीन दिनों तक पोर्टल बंद रहा। इसके चलते  खरीदी गई धान की एंट्री पोर्टल में दर्ज नहीं हो पाई। लिहाजा अब किसान परेशान हो रहे हैं, क्योंकि जब तक पोर्टल में उपार्जित धान की मात्रा दर्ज नहीं होगी तब तक किसानों को आॅनलाइन पोर्टल से धान का भुगतान नहीं हो सकेगा।

आर्थिक परेशानी से जूझ रहे किसान

कलेक्टर के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे किसानों ने बताया कि क्षेत्र के किसान पूरी तरह धान की खेती करते हैं और इससे होने वाली आमदानी से ही घर का भरण पोषण व अन्य खर्चे चलते हैं। कई किसानों ने बताया कि शादी विवाह के कार्यक्रम सुनिश्चित हो गए हैं, लेकिन धान का पैसा नहीं मिल पाने के कारण अब उन्हें बिचौलियों व  साहूकारों से पैसा उधार लेना पड़  रहा है। कई किसानों ने बताया कि धान का पैसा  नहीं मिल पाने के कारण उनके सामने  घर चलना तक मुश्किल हो गया है।

एक दूसरे पर मढ़ रहे आरोप

इधर, जिला आपूर्ति अधिकारी व सेवा सहकारी समति के प्रबंधक, आपरेटर अब एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। प्रबंधकों का कहना है कि हमने  उपार्जित धान की  सारी जानकारी जिला आपूर्ति अधिकारी आॅफिस को भेज दी है। इसके बावजूद  धान उपार्जन की जानकारी पोर्टल में दर्ज नहीं हो सकी है तो इसमें हमारी गलती नहीं है।  जबकि जिला आपूर्ति अधिकारी का कहना है कि 23,24 और 25 जनवरी को जारी किए गए टोकन  पर अनुमति मिलने के बाद उसकी खरीदी हो रही है।  इससे पहले की तारीखों में किसानों को टोकन समितियों ने गलत तरीके से जारी किए हैं जिसके लिए समितियां व आॅपरेटर जिम्मेदार हैं। किसी भी तारीख में जारी टोकन से धान खरीदी की जाना संभव नहीं है। अब ऐसे में समितियों की लापरवाही का खामियाजा उन किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी जानकारी पोर्टल में दर्ज नहीं हो सकी  है।

डेढ़ माह से परेशान हैं किसान 

क्षेत्र के किसान ढालसिंह बिसेन, दिलीप भारद्वाज, उमेश राहंगडाले, संतोष कुमार, शेरसिंह डोंगरे, हंसलाल बिसेन इत्यादि ने बताया कि वे डेढ़ माह से पोर्टल में धान की एन्ट्री कराने के लिए भटक रहे हैं लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। अधिकारी आदेशोें का हवाला देकर टालमटोल में लगे हुए हैं। इससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है।

इनका कहना है

पोर्टल चालू रहने के दौरान उपार्जित धान की एन्ट्री अगर समितियों ने आॅनलाइन दर्ज नहीं है तो इसमें आपरेटर की गलती है। जो किसान रह गए हैं उनकी समस्या का समाधान करने के लिए जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों  को भेजी जा रही है ताकि समाधान हो सके।
सनत कुमार मिश्रा
जिला आपूर्ति अधिकारी सिवनी

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