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मंडी पदस्थ में सिक्योरिटी गार्ड पहरेदार बनाम चौकीदार आदिवासी नरेश परते की मौत

मंडी पदस्थ में सिक्योरिटी गार्ड पहरेदार बनाम चौकीदार आदिवासी नरेश परते की मौत

अविवाहित आदिवासी युवक की मौत के मामले में उठ रहे अनेक सवाल 

घंसौर। गोंडवाना समय। 
पुलिस थाना घंसौर अंतर्गत कृषि उपज मंडी प्रांगण घंसौर में पदस्थ एक सिक्योरिटी गार्ड की गिरने से मौत हो गई है । घटना के बाद मामले में पुलिस कृषि उपज मंडी में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है। मिली जानकारी के अनुसार मृतक नरेश परते पिता सीताराम निवासी ग्राम कुडोपार कृषि उप मंडी घंसौर में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में पदस्थ था । बताया जाता है कि उक्त घटना 30 मार्च दिन शनिवार की सुबह लगभग 11 बजे की बताई जा रही है । मृतक नरेश परते मंडी के टीन शेड की छत के निचले हिस्से पर हेलोजन लाइट लगाने के उद्देश्य से चढ़ा हुआ था । इस मामले में यह कहा जा रहा है कि वह सीसीटीवी कैमरा लगा होने तथा केमरे के तार के संपर्क में आ जाने की वजह से उसे करेंट लग गया और झटका लगने की वजह से वह नीचे फर्श पर गिर गया था । जिससे उसके सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट आई थी । घटना के तुरंत बाद उसे घायल अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घंसौर लाया गया था जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया । घटना की जानकारी मिलने पर मंडी प्रशासक व एसडीएम सुश्री रजनी वर्मा और तहसीलदार अमृतलाल धुर्वे अस्पताल पहुंचे ।

घंसौर पुलिस कर रही सीसीटीवी फुटेज की जांच

मृतक के परिजनों को मंडी कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा तत्काल दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है । पुलिस घटनाक्रम के आधार पर मामले के संबंध में अन्य तथ्यों को लेकर पूछताछ कर रही है जबकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की जा रही है ताकि घटना की असलियत का पता लगाया जा सके । घंसोर थाना प्रभारी श्री संजय भलावी ने बताया कि घटना के संबंध में मंडी कर्मचारियों से पूछताछ के अलावा केमरे से फुटेज जप्त किए गए हैं । मृतक का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है । पोस्टमार्टम के बाद शव उसके गृह ग्राम कुडोपार ले जाया गया जहां अंत्येष्टि के दौरान श्रद्धांजलि देने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

थर्ड आई सिक्योरिटी एजेंसी का विवादो से रहा है नाता 

हम आपको बता दे कि मृतक नरेश परते थर्ड आई नामक सिक्योरिटी एजेंसी के मार्फत कृषि उपज मंडी घंसौर में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में पदस्थ किया गया था वहीं उसके जिसके साथ अन्य सिक्योरिटी गार्ड भी काम करते थे दिन या रात्रि के दौरान शिफ्ट बदल कर मंडी में विगत कुछ माहों से काम कर रहा था । यहां यह उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपरण बोर्ड के अधिकारियों की पसंदीदा कंपनी के रूप में थर्ड आई सिक्योरिटी एजेंसी को माना जाता है । जब मध्य प्रदेश की 257 कृषि उपज मण्डी में निजी सुरक्षा व्यवस्था के लिये निविदा जारी हुई थी तो उस समय तीन कंपनियों को सौ सौ प्रतिशत अंक दिये गये थे जिसमें मुंबई की बीआईएस, इंदौर की ही बालाजी सिक्योरिटी सर्विस प्राईवेट लिमिटेड जो कि निविदा के समय कार्यरत थी और इंदौर की ही थर्ड आई सिक्योरिटी सर्विस प्राईवेट लिमिटेड के मामले में फर्जी दस्तावेजों को लेकर एवं टर्न ओवर की शर्त पर शिकायत भी हुई थी । यहां तक बिलिंग को लेकर भी सवाल उठे थे कि जब अलग अलग मण्डी में सुविधा दी जा रही है तो एक ही स्थान से पूरे 257 मण्डियों के बिल क्यों निकल रहे है । वहीं सरकार पर भी सवालिया निशान लगे थे कि आखिर इसके लिये ई टेडरिंग क्यों नहीं की जाती है बताया जाता है कि पूरे मध्य प्रदेश में लगभग 4 हजार लोगों को लगाया गया है और सरकार इसके लिये करोड़ों का भुगतान कर रही है लेकिन काम कर रहे सिक्योरिटी गार्ड कहे या पहरेदार कहे या फिर चौकीदार उन्हें कितना वेतन मिल रहा है, क्या उनका पीएफ कट रहा है क्या उनकी मृत्यू हो जाने पर उन्हें क्या आर्थिक सुविधायें मिल रही है ।

7000 हजार मिल रहा था वेतन केंद्र सरकार ने नहीं बनाया कुशल श्रमिक

थर्ड आई सिक्योरिटी कंपनी के अंतर्गत घंसौर कृषि उपज मण्डी में कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड पहरेदार बनाम चौकीदार के रूप में कार्य करने वाले अविवाहित मृतक नरेश परते को प्रतिमाह 7000 हजार के आसपास रूपये दिया जाता था उक्त जानकारी मण्डी सचिव राधेश्याम परते ने बताया कि वर्तमान में मण्डी में तीन सिक्योरिटी गार्ड पदस्थ थे जिनमें से नरेश परते की मृत्यू हो गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सिक्योरिटी गार्डों को कुशल श्रमिकों की श्रेणी में लाने की बात कहा था वहीं इसके लिये उन्होंने 15000 रूपये मासिक वेतन दिये जाने की बात भी कहा था । इसके साथ ही सशस्त्र गार्डों और सुपरवाईजरों को अति कुशल श्रमिकों की श्रेणी में रखे जाने की बात कहा था । इसके साथ ही चार लेबर कोड बनाये जाने की बात भी कहा जिसके वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा व कार्यदशाओं और स्वास्थ्य व सुरक्षा से संबंधित मामले की सुनवाई होंगी । अब यदि सिक्योरिटी एजेंसी में काम करने वाले मृतक नरेश परते की बात की जाये और मण्डी अधिकारियों की बातों पर भरोसा किया जाये तो मृतक नरेश परते को लगभग 7000 के आसपास ही वेतन मिल रहा था । इस आधार पर उसका श्रम शोषण तो हो ही रहा था वहीं थर्ड आई सिक्योरिटी एजेंसी से संबंधितों के मामले में जब पता लगाने की कोशिश जब मण्डी के जिम्मेदारों व कार्यरत सिक्योरिटी गार्डाें से किया गया तो कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था ।

सीसीटीव्ही कैमरे की खरीदी में मण्डियों में हुआ बड़ा खेल

हम आपको बता दे कि जिस आधार पर पुलिस व मण्डी के अधिकारी बता रहे है कि मृतक नरेश परते सिक्योरिटी सीसीटीव्ही कैमरे की दिशा बदल रहा था तो नियमानुसार मण्डी बोर्ड के यह कार्य मृतक नरेश परते का नहीं था वरन यह कार्य मण्डी कार्यालय घंसौर के कर्मचारियों का था । यह हम नहीं बरन राज्य कृषि विपरण बोर्ड के अधिकारियों का नियम कह रहा है कि इस अनुसार राज्य कृषि विपरण बोर्ड, आंचलिक कार्यालय कटंगा जबलपुर उपसंचालक द्वारा जबलपुर संभाग के समस्त कृषि उपज मण्डियों के सचिव को 12 फरवरी 2018 को सीसीटीव्ही कैमरे के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया गया था । जिसमें कृषि उपज मण्डी समिति प्रांगण में मण्डी की सुरक्षा एवं मण्डी प्रांगण में आने वाले कृषकों/व्यापारियों/ अन्य कृत्यकारियों को सुविधा के उद्देश्य से जारी किये गये थे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश कृषि विपरण बोर्ड भोपाल के द्वारा भी दिनांक 7 फरवरी 2018 को मध्य प्रदेश की कृषि उपज मण्डी के समस्त सचिव को पत्र लिखकर सीसीटीव्ही कैमरे क्रय कर स्थापन एवं संचालन के संबंध में पत्र लिखा गया था । जिसमें निर्देशों के तहत सीसीटीव्ही कैमरों की आवश्यकता का आकलन संबंधित तकनीकि संभाग के कार्यपालन यंत्री एवं मण्डी सचिव द्वारा किया जायेगा । इसके साथ ही मण्डी के 2 कर्मचारियों को कैमरा प्रदार्यकर्ता कैमरे के ंसचालन उपयोग की जानकारी के लिये प्रशिक्षित करेगा । इसके साथ ही कैमरे की कीमत का 10 प्रतिशत भुगतान 2 वर्ष बाद किया जायेगा । कैमरे की फुटेजों की 30 दिवस की पूर्ण जानकारी सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मण्डी सचिव के द्वारा लगाये कर्मचारी की होगी। इसके साथ ही आंचलिक कार्यालय, संयुक्त / उपसंचालक कार्यपालन यंत्री का यह दायित्व होगा कि प्रत्येक 3 माह में एक बार मण्डी में लगाये गये कैमरों में संचालन एवं मण्डी द्वारा कंडिका-14 में उल्लेख अनुसार औचक निरीक्षण करें तो उसका उल्लेख दूर डायरी में करें । इसके साथ ही सीसीटीव्ही कैमरे के रखरखाव की जिम्मेदारी 5 वर्ष की कैमरे प्रदायकर्ता की होगी । इसके साथ ही ए ग्रेड की मण्डी के लिये 15 लाख रूपये, बी ग्रेड की मण्डी के लिये 10 लाख रूपये, सी एव डी ग्रेड की मण्डी के लिये 7.50 लाख रूपये कैमरे खरीदने के लिये स्वीकृति प्रदान की गई थी। 

हैलोजन सुधार रहा था या सीसीटीव्ही की दिशा बदल रहा था 

हम आपको बता दे कि मृतक नरेश परते की मृत्यू के मामले में कृषि उपज मण्डी घंसौर और पुलिस थाना घंसौर से जो जानकारी गोंडवाना समय को दी गई है उस अनुसार बात करें तो यह बात सामने आई है कि मृतक नरेश
परते की मौत सीसीटीव्ही कैमरे की दिशा बदलने के दौरान नीचे गिरने के बाद सिर पर लगी चोट से हुई है । इस मामले में घंसौर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है लेकिन वहीं यदि सूत्रों की माने तो वहां पर कोई सीसीटव्ही कैमरा लगा ही नहीं था वरन वह हैलोजन में कुछ काम कर रहा था इस दौरान उसकी करण्ट लगने से गिरने से उसकी मौत हुई है । अब सत्यता क्या है यदि निष्पक्षता से जांच होती है तो सच सामने आ सकता है मृतक नरेश परते की मौत कैसे हुई है ।

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