बूढ़ी मां को पीठ पर लादकर सफर कराता है बरसला का धनलाल
कचहरी चौक से तहसील कार्यालय तक बूढी मां को लादकर ले गया बेटा
सिवनी। गोंडवाना समय।
ऐसा बताया जाता है और ग्रंथों में भी लिखा हुआ है कि सतयुग में श्रवण कुमार था। जिसने पुत्र का धर्म निभाते हुए अपने बूढ़े और नेत्रहीन माता-पिता की सच्ची भावना के साथ न केवल सेवा की थी बल्कि माता-पिता को कावंड बैठाकर पूरे देश की यात्रा कराई थी। आज के दौर पर बेटा अपने माता-पिता की सेवा करना तो दूर की बात है उन्हें लावारिस या वृद्धा आश्रम में छोड़ दे रहे हैं लेकिन शुक्रवार को सिवनी मुख्यालय के तहसील कार्यालय के पास बूढ़ी और लाचार मां को पीठ पर सफर कराते धनलाल यादव ने सतयुग के श्रवण कुमार की कहानी को याद दिला दी है। जैसे ही गोडवाना समय की टीम को मार्मिक दृश्य दिखा तस्वीर कैमरे में कैद कर ली। टीम ने जब धनलाल और उसकी बुजुर्ग मां चिरनवती पति स्व. गंगू यादव से बात की तो चिरनवती ने अपने बेटे के बारे में जो बताया निश्चिततौर पर धनलाल जैसा बेटा हर एक मां को मिले यह कहा जा सकता है। दरअसल यह नजारा शुक्रवार की शाम का है जब धनलाल अपनी बुजुर्ग मां के साथ जमीन के बंटवारे के कार्य से तहसील कार्यालय आया हुआ था।
नहलाने धुलाने से लेकर सारा कामकाज करता है धनलाल
85 वर्षीय चिरनवती यादव ने बताया कि उसके दो बेटे हैं। धनलाल छोटा बेटा है। जब धनलाल छह महीने का था तक उसके पिता की मौत हो गई थी। किसी तरह से उसने ढाई एकड़ की जमीन पर खेतीबाड़ी व मजदूरी करके अपने दोनों बेटों का लालन-पालन और उनका विवाह किया। विवाह होने के बाद बड़े बेटे ने अलग अपनी गृहस्थी बसा ली है और अलग रहने लगा है। छोटा बेटा धनलाल उसका पूरा ख्याल रखता है। नहाने धुलाने से लेकर कहीं भी आना-जाना हो तो पीठ पर बैठाकर पूरा सफर कराता है। चिरनवती का कहना है कि उसकी मौत के बाद जमीन को लेकर भाई-भाई में किसी तरह का विवाद न हो इसलिए जीते जी बंटवारा हो जाए इसलिए वह अपने छोटे बेटे के साथ तहसील कार्यालय आई थी। बस से उतरने के बाद बेटे ने आॅटो वालों से तहसील कार्यालय तक उन्हें छोड़ने की बात कही लेकिन आॅटो चालकों ने मना कर दिया। आखिरकार बेटे धनलाल ने अपनी लाचार और बूढ़ी मां तहसील कार्यालय तक यानी तकरीबन 300 मीटर तक पीठ पर बैठाकर लाना ले जाना किया। हालांकि जब वह तहसील कार्यालय से अपनी बूढ़ी मां को लेकर लौट रहा था तब भाजपा नेता संतोष नगपुर ने उसको आॅटो उपलब्ध कराने की बात कही लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया और कहा कि उसका रोज का काम है।
बेटे के साथ कई बार चक्कर काट चुकी है बुजुर्ग महिला-
जीते जी जमीन का बंटवारा बराबर से अपने दोनो बेटो के नाम हो जाए इसलिए 85 वर्षीय चिरनवती यादव बेबा भोमा सर्किल के अंतर्गत आने वाले राजस्व अधिकारियों के चक्कर काट रही है और परेशानी झेल रही है लेकिन राजस्व अधिकारी आज-कल कहकर परेशान कर रहे हैं।